सेहत

एचआईवी और एड्स : इनके बीच के डिफरेंसेस और शुरूआती लक्षण

आखिर कौन-कौन से हैं एचआईवी के शुरूआती लक्षण?


एड्स, एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनकर ही लोग सहम जाते हैं। यह मनुष्य के शरीर में ह्यूमन इम्यूनोडिफिशंसी वाइरस (एचआईवी) की वजह से होता है। एचआईवी एक जानलेवा बीमारी है, लेकिन इसके लक्षण शुरुआत में बिलकुल समझ में नहीं आते हैं। इंफेक्शन होने के बाद मरीज तुंरत इसके लक्षणों को नहीं समझ पाता है। आमतौर पर इसके शुरुआत में इनफ्लुएंजा जैसे लक्षण दिखाई देते हैं और इसके बाद एक लंबे समय तक कोई भी लक्षण महसूस नहीं होता है।

एचआईवी और एड्स
एचआईवी और एड्स

हालांकि, जैसे-जैसे इन्फेक्शन पूरे शरीर में फैलता है, यह इम्यून सिस्टम पर प्रभाव डालना शुरू कर देता है। इसी की वजह से शरीर में ट्यूमर, टीबी आदि जैसे और भी खतरनाक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। एचआईवी से संक्रमित होने के बाद ऐसी बीमारियों के होने का खतरा भी बढ़ जाता है जो नार्मल इम्यून सिस्टम वाले व्यक्ति को नहीं होती हैं।

आइए बताते हैं कि एचआईवी के लक्षण और उसके कारण के बारे में: –

  • एचआईवी एड्स के अलग-अलग स्टेजज होते हैं, जिनमें लक्षण भी अलग-अलग होते हैं।
  1. ऐक्यूट इन्फेक्शन

इस फेज में इनफ्लुएंजा जैसे लक्षण होते हैं, जो इन्फेक्शन होने के 2 से 6 हफ्तों में सामने आते हैं। 

  • इसके लक्षण हैं :-

-बुखार
-ठंड लगना
-मांस-पेशियों में दर्द
-गले में दर्द
-हड्डियों में दर्द
-रात में पसीना
-कमजोरी, थकान और चक्कर आना
-वजन कम होना

  1. असिम्प्टोमटिक एचआईवी

पहले फेज के बाद दूसरा फेज आता है जिसमें लंबे समय तक कोई लक्षण नहीं दिखते हैं। मरीज भी इस स्टेज पे खुद को बिल्कुल स्वस्थ महसूस करता है। यह स्टेज कभी-कभी 20 साल तक का हो सकता है। हालांकि इस दौरान इन्फेक्शन का असर इम्यून सिस्टम पर पड़ता रहता है और वह धीरे-धीरे कमजोर होता जाता है।

एचआईवी और एड्स
एचआईवी और एड्स
  1. लास्ट स्टेज

यह एचआईवी का सबसे गंभीर स्टेज होता है। इसमें मरीज पर गंभीर बीमारियों का असर शुरू हो जाता है। इसमें CD4+T सेल्स की संख्या 200 से भी नीचे पहुंच जाता है।

  • इसके लक्षण हैं :-

-डायरिया
-आंखों में धुंधली रोशनी
-तेज बुखार
-सूखी खांसी
-मुंह और जीभ में सफेद धब्बे
-वजन का कम होना
-रात को पसीना आना
-सांस लेने में दिक्कत
-थकान

सबसे जरुरी बात यह है कि अगर एचआईवी इन्फेक्शन हो गया है तो जरुरी नहीं है कि एड्स भी हो ही जाएगा। यह सिर्फ इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपना इलाज कितनी जल्दी शुरू कर रहे हैं और वो कितना प्रभावी है।

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