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Symptoms of early and premature menopause: क्यों होता है प्रीमैच्योर मेनोपॉज, जाने इसके कारण, लक्षण और बचाव

मेनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति वह स्थिति है जब महिला में मासिक चक्र की प्रक्रिया रुक जाती है। यह महिलाओं के मासिक धर्म चक्र का अंतिम चरण...

Symptoms of early and premature menopause: क्या धूम्रपान, सर्जरी या फिर कैंसर का उपचार हो सकता है प्रीमैच्योर मेनोपॉज का कारण

Symptoms of early and premature menopause: महिलाओं के जीवन में मासिक धर्म जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी होता है मेनोपॉज। मेनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति वह स्थिति है जब महिला में मासिक चक्र की प्रक्रिया रुक जाती है। यह महिलाओं के मासिक धर्म चक्र का अंतिम चरण होता है। आमतौर पर किसी महिलाओं के मासिक धर्म चक्र रुकने की उम्र 45-50 साल के दौरान आती है। अगर उनका मासिक धर्म रुक जाता है और 12 महीने तक मासिक चक्र नहीं होता तो माना जाता है कि मेनोपाॅज चरण में प्रवेश कर लिया है। ;लेकिन आज के समय पर कुछ महिलाओं में 35 से 40 साल की उम्र के बाद से ही प्री मेनोपॉज के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। मेनोपाॅज के शुरुआती लक्षणों को आसानी से पहचानकर समझा जा सकता है कि मासिक चक्र बंद हो सकता है। लेकिन हर महिला का मेनोपॉज पीरियड अलग होता है। तो चलिए आज हम आपको मेनोपाॅज के लक्षण, चरण और उपचार के बारे में पूरी जानकारी देते है।

जाने क्या है प्रीमैच्योर मेनोपॉज

आपको बता दें प्रीमैच्योर मेनोपॉज की वैसे तो कोई एक निश्चित समय-सीमा नहीं होती, लेकिन अगर किसी महिला को 40 की उम्र में पहुंचने से पहले ही किसी पीरियड्स आने में दिक्कत होने लगे तो ये प्रीमैच्योर की स्थिति है। वहीं 45 की उम्र से पहले पीरियड्स बंद होना मेडिकल टर्म में प्रीमैच्योर मेनोपॉज कहलाएगा।

Symptoms of early and premature menopause

डॉ. मनीषा गोयल के अनुसार हमारे देश में लगभग 12 प्रतिशत महिलाओं को 40 से 45 वर्ष की आयु से पहले ही मेनोपॉजका अनुभव होने लगता है। और अगर हम किसी सर्जरी या फिर कैंसर के इलाज के कारण होने वाले समय से पहले होने वाले प्रीमैच्योर मेनोपॉज पर विचार करें तो यह प्रतिशत और अधिक हो सकता है कम आयु में ही अंडाशय की सामान्य कार्यप्रणाली धीमी हो जाती है, इसकी वजह से अंडाशय एस्ट्रोजन हार्मोन के सामान्य स्तर का उत्पादन करने में विफल हो जाते हैं और प्रीमैच्योर मेनोपॉज होती है।

प्रीमैच्योर मेनोपॉज के लक्षण

अगर हम बात करें कि किसी भी महिला को कैसे पता चलेगा कि वह समय से पहले मेनोपॉज का शिकार हो चुकी है। ऐसे तो हमारे शरीर में ऐसे कई सारे बदलाव होते हैं जो हमे प्रीमैच्योर मेनोपॉज का संकेत देते हैं। इसका सबसे मुख्य लक्षण है मासिक धर्म में अनियमितता। जैसे, अगर पहले आपका पीरियड साइकल सही चल रहा था लेकिन फिर वह अनियमित हो जाता है। पीरियड देर से आने लगे हैं या रुक-रुक कर आ रहे हैं तो ये प्रीमैच्योर मेनोपॉज के शुरुआती संकेत हो सकते हैं। इसके अलावा योनि का सूखापन, यूरिन इंफेक्शन, पेशाब करने में दिक्कत या जलन होना भी समय से पहले रजोनिवृत्ति के लक्षण हो सकते हैं।

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प्रीमैच्योर मेनोपॉज के कारण

समय से पहले मेनोपॉज की सबसे बड़ी वजह जेनेटिक से लेकर हार्मोनल प्रॉब्लम हो सकती हैं। जेनेटिक प्रॉब्लम में फ्रेजाइल एक्‍स सिंड्रोम, टर्नर सिंड्रोम और गैलेक्‍टोसेमिया से समय से पहले मेनोपॉज का कारण बन सकते हैं। आपको बता दें ये सभी समस्याएं जेनेटिक होती हैं, जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी संचारित होती हैं। जैसे अगर आपकी मां, नानी या परिवार की दूसरी महिलाएं प्रीमैच्योर मेनोपॉज का सामना कर चुकी हैं तो आपके लिए ये रेड अलर्ट हो सकता है कि आपको भी समय से पहले मेनोपॉज का सामना करना पड़ सकता है।

प्रीमैच्योर मेनोपॉज से बचाव

आपको बता दें प्रीमैच्योर मेनोपॉज से बचने के लिए डॉ. मनीषा गोयल आपको उचित खानपान और व्यवस्थित जीवन शैली के साथ जरूरी पोषण तत्वों के सेवन की सलाह देती हैं। इसके अलावा प्रीमैच्योर मेनोपॉज की स्थिति में नियमित रूप से हेल्थ स्क्रीनिंग जरूरी होती है, ताकि हार्मोनल असुंतलन को ठीक करने के लिए उचित ट्रीटमेंट सही समय पर लिया जा सके।

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