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Swine Flu : असम में स्वाइन फ्लू से तीन दिन में दो बच्चों की मौत, जानिए क्या है ये मामला

स्वाइन फ्लू एक गंभीर बीमारी है जो H1N1 वायरस की वजह से फैलता है। अभी हाल में ही असम की बराक घाटी में तीन दिन के अंदर ही Swine Flu से दो बच्चों की मौत हो गई है।

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स्वाइन फ्लू एक गंभीर बीमारी है जो H1N1 वायरस की वजह से फैलता है। अभी हाल में ही असम की बराक घाटी में तीन दिन के अंदर ही Swine Flu से दो बच्चों की मौत हो गई है।

असम में हुई स्वाइन फ्लू से मौत

भारत के असम राज्य में स्वाइन फ्लू Swine Flu के मामले तेजी से बढ़ते ही जा रहे हैं। यहां पिछले तीन दिनों में इस गंभीर बीमारी के चलते 2 बच्चों की मौत हो गई है, जिसके बाद से ही पूरे राज्य में हड़कंप मचा हुआ  है। ऐसे में संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य में स्वास्थ्य विभाग इस बीमारी को फैलने से रोकने की कोशिश जारी है।  स्वाइन फ्लू एक बहुत ही गंभीर बीमारी है, जो H1N1 वायरस की वजह से फैलता है। वैसे तो यह बीमारी साल 2009 में महामारी का रूप ले चुकी है, जिसके चलते इसके बढ़ते मामलों ने एक बार फिर चिंता का विषय बन चुका है।

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स्वाइन फ्लू क्या होता है

आपको बता दें कि मायो क्लिनिक के मुताबिक H1N1 फ्लू, जिसे कभी-कभी स्वाइन फ्लू भी कहा जाता है, एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा ए वायरस होता है। साल 2009-10 के फ्लू सीजन के दौरान, एक नया H1N1 वायरस मनुष्यों में बीमारी पैदा करने लगा था। इसे अक्सर स्वाइन फ्लू कहा जाता था और यह इन्फ्लूएंजा वायरस का एक नया कॉम्बिनेशन था जो सूअरों, पक्षियों और मनुष्यों को संक्रमित करता है।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन WHO ने किया था महामारी घोषित

आपको बता दें कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन WHO ने साल 2009 में H1N1 फ्लू को महामारी घोषित कर दिया था। उस साल इस वायरस के कारण दुनिया भर में करीब 284,400 मौतें हुईं थी। फिर बाद में अगस्त 2010 में, WHO ने महामारी खत्म होने की घोषणा कर दी थी, लेकिन महामारी से उत्पन्न H1N1 फ्लू स्ट्रेन मौसमी फ्लू का कारण बनने वाले स्ट्रेन में से एक बन गया है।

स्वाइन फ्लू के क्या लक्षण होते है

वैसे तो H1N1 के कारण होने वाले फ्लू के लक्षण, जिसे आमतौर पर स्वाइन फ्लू कहा जाता है, अन्य फ्लू वायरस के समान होते हैं। यह लक्षण वायरस के संपर्क में आने के लगभग 1 से 4 दिन बाद विकसित होने लगते हैं। ये लक्षण आमतौर पर जल्दी शुरू होते हैं और इसमें निम्न शामिल हो सकते हैं।जैसे कि 

दस्त,खांसी,बुखार,सिरदर्द,उल्टी होना,शरीर में दर्द,गला खराब होना,मांसपेशियों में दर्द,आंखों में दर्द होना,थकान और कमजोरी,बहती या भरी हुई नाक,पेट में दर्द महसूस होना,ठंड लगना और पसीना आना,लाल आंखें और आंखों में पानी आना इत्यादि हो सकते है।

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स्वाइन फ्लू से कैसे  बचाव किया जा सकता है

 

  • स्वाइन फ्लू से बचने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका इसकी वैक्सीन लगवा सकते है।
  • फ्लू का टीका आपके फ्लू होने के जोखिम को कम कर सकता है। हर साल मौसमी फ्लू की वैक्सीन तीन या चार इन्फ्लूएंजा वायरस से बचाता है।
  • जब भी संक्रामक बीमारियों की बात आती है, तो जागरूकता के लिए विश्वसनीय चिकित्सा जानकारी पर भरोसा करना जरूरी है।
  • खांसते या छींकते समय नाक और मुंह को टिश्यू से ढकें। उपयोग के तुरंत बाद टिश्यू का सुरक्षित तरीके से डिस्पोज करना न भूलें।
  • बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोएं या हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
  • उन लोगों के साथ निकट संपर्क से बचें जो स्पष्ट रूप से बीमार हैं या जिनके बीमार होने की संभावना है।
  • अगर आपके अंदर फ्लू के कोई भी लक्षण नजर आ रहे हैं, तो इसे दूसरों तक फैलने से रोकने के लिए लोगों से दूरी बनाए रखें।

 

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