Ovarian Cancer क्या होता है प्रकार, लक्षण ,और उपचार?
ओवरीज में होने वाले कैंसर को ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) कहा जाता है। इसका शुरुआती स्टेज में पता लगाना काफी मुश्किल होता है जिसकी वजह से यह काफी खतरनाक साबित होता है।
Ovarian Cancer के इन लक्षणों पर कम ही ध्यान देती हैं महिलाएं, इन्हें अनदेखा करना हो सकता है जानलेवा
Ovarian Cancer: कैंसर के मरीजों की संख्या भारत में ही नहीं बल्कि पूरे दुनिया भर में बढ़ती जा रही है। कैंसर के बढ़ते मामले चिंता का विषय बनते जा रहे हैं। महिलाओं में सबसे अधिक होने वाले कैंसर में ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के बाद तीसरे नंबर पर ओवेरियन कैंसर है।
ओवरीज में होने वाले कैंसर को ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) कहा जाता है। इसका शुरुआती स्टेज में पता लगाना काफी मुश्किल होता है जिसकी वजह से यह काफी खतरनाक साबित होता है।
कैंसर जैसी गंभीर बीमारी इंसान को अंदर से खोखला कर देती है और सीधे मौत के मुंह में ले जाती है. दुनिया भर में कई प्रकार के कैंसर होते हैं जो महिला और पुरुष को होते हैं, लेकिन खासतौर पर स्तन कैंसर, सर्वाइकल और ओवेरियन कैंसर महिलाओं में पाया जाता है और यह बेहद खतरनाक भी होता है. ऐसे में सभी महिलाओं को इसके बारे में जानने बहुत जरूरी है, ताकि वक्त रहते इस बीमारी का पता लगाया जा सके.
ओवेरियन कैंसर क्या है?
ओवेरियन कैंसर तब होता है जब आपके ओवरी या फैलोपियन ट्यूब में असामान्य कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं और नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं. इसकी शुरुआत ओवरी से होती है. ओवेरियन कैंसर के लक्षण अक्सर जल्दी सामने नहीं आते हैं, इसलिए कई बार महिलाएं शरीर में पनप रही इस गंभीर बीमारी का पता नहीं लगा पाती हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, यदि ओवेरियन कैंसर होता है, तो यह आमतौर पर आपके श्रोणि से आपके लिम्फ नोड्स, पेट, आंतों, पेट, छाती या लिवर तक फैल सकता है.
ओवेरियन कैंसर के कारण
ओवेरियन कैंसर होने की कोई एक वजह नहीं है. आमतौर पर यह शारीरिक गतिविधियों में कमी, खराब जीवनशैली, मोटापा, ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरियन कैंसर होने की फैमिली हिस्ट्री हो तो महिलाओं में इसके होने की संभावना बढ़ सकती है.
ओवेरियन कैंसर के लक्षण (Symptoms of Ovarian Cancer)
- योनि में असामान्य रूप से स्त्राव
- अपच की शिकायत
- बिना खाए पेट भरा-भरा सा महसूस होना
- कमर या पेल्विक में दर्द होना
- शरीर के निचले हिस्से में दर्द होना
- मल त्यागने में परेशानी होना
- यौन क्रिया के दौरान दर्द महसूस होना
- कब्ज की शिकायत
- बार-बार यूरिन आना
- पेट में दर्द होना
ओवरियन कैंसर से बचाव के उपाय क्या हैं?
संतुलित और पौष्टिक डाइट लें, नियमित एक्सरसाइज करें, तंबाकू के सेवन से परहेज करें, वजन को संतुलित रखें, समय से प्रेग्नेंसी प्लान करें और बच्चे को ब्रेस्टफीड कराएं, मेनोपॉज के बाद हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी कराने से भी ओवेरियन कैंसर का रिस्क कम होता है। इन बातों का ध्यान रखकर और कुछ सावधानियां बरतकर कैंसर के रिस्क को कम किया जा सकता है।
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ओवरियन कैंसर का पता कैसे लगाएं
1) HCG लेवल का टेस्ट
2) बायोस्कोपी
3) इमेंजिंग्स टेस्ट
4) मेटास्टाटिस टेस्ट
5) सीबीसी
6)कैंसर एंटीजन 125 लेवल का टेस्ट
7) गुर्दे की जांच
8) अल्फा-फेटोप्रोटीएन का टेस्ट
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