क्या सच में डाइटिंग से होते है आप पतले
डाइटिंग: सही या गलत
साइज़ ज़ीरो के इस दौर में हर कोई चाहता है कि उसे एक परफेक्ट बॉडी मिले। और परफेक्ट बॉडी पाने के लिए हम बहुत मेहनत करते है। कोई जिम जाता है तो कोई डाइटिंग करता है। खुद को बदलना और स्वस्थ रखना अच्छा है पर दुसरो से तुलना कर के अपने शरीर से नफरत करके उसे बदलना गलत है। हम अंधाधुन्द डाइटिंग करते रहते है जिसका परिणाम विपरीत होता हैं। हर चीज़ की एक सीमा होती है और उसी प्रकार डाइटिंग की भी एक सीमा होती है।
डाइटिंग को लेकर लोगो की सोच बिल्कुल अलग है। अलग होना तो ठीक है, ओर लोगो की सोच गलत भी है। लोगो की मानसिकता ने, डाइटिंग को एक अलग ही परिभाषा दे दी है।
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- डाइटिंग का मतलब खाना बिल्कुल छोड़ना और खुद को भूखा रखना नहीं है। अगर आप खुद को ज़्यादा लंबे समय तक भूखा रखेंगे तो यकीनन आपका वज़न काम हो जाएगा पर उसी के साथ साथ आप बहुत कमज़ोर भी हो जाएंगे। शरीर में काम् करने लायक शक्ति भी नहीं होगी।
- कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन कम कर देते है। लोगो का मानना होता है कि कार्बोहाइड्रेट्स कम करने से वज़न कम होता है। पर इस से हमे पोषण और शक्ति मिलती है। ज़्यादा कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा वाले आहार खाने से आपको शक्ति मिलती है और ज़्यादा भूख भी नहीं लगती।
- अगर डाइटिंग के साथ एक्सरसाइज भी कर रहे है तो इसका मतलब ये नहीं होता की आप जब्जो चाहे वो खा सकते है। अगर आप व्यायाम के साथ नियमित ढंग से खाना नहीं खाएंगे तो आपका वज़न उतना ही रह जाएगा और कोई बदलाव नहीं होगा।
- सअभी प्रकार का जंक फूड बंद करना पड़ता है। हाँ, हो ताकत है कि आपकी डाइट के अनुसार आपको काफी हद तक जंक फूड छोड़ना पड़े। पर आप अपनी डाइट के अनुसार तले हुए की जगह ग्रिल्ड खा सकते है।
आपको अगर वज़न कम करना ही है तो आप पहले अपने शरीर की ज़रूरते देखे। उस हिसाब से अपने खाने पीने की आदतें और फिर अपने व्यायाम का नियमित कार्यक्रम सेट करे। और उन सभी चीजो को पूरी ईमानदारी और शिद्दत से उसका पालन करे।