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Alzheimer’s Disease: क्या आप भी भूल जाते हैं छोटी-छोटी बातें? ये बीमारी ले सकती है आपकी जान, समस्या बढ़ने से पहले पहचानें इन्हें

Alzheimer's Disease: अल्जाइमर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा एक गंभीर रोग है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति की याददाश्त कमजोर होने लगती है और वो छोटी-मोटी चीजों को करना भी भूल जाता है।

Alzheimer’s Disease: अल्जाइमर के लिए कौन से कारक जिम्मेदार? जानें प्रारंभिक संकेत और लक्षण

अल्जाइमर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा एक गंभीर रोग है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति की याददाश्त कमजोर होने लगती है और वो छोटी-मोटी चीजों को करना भी भूल जाता है। इस बीमारे में याददाश्त और सोचने-बूझने को नुकसान पहुंचता है और व्यक्ति धीरे-धीरे चीजों को भूलने लगता है। जिससे मेमोरी लॉस जैसी स्थितियां पैदा होती हैं। डिमेंशिया को अल्जाइमर का सबसे आम प्रकार माना जाता है। अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी स्थितियों में व्यक्ति की सोच, आचरण और मन के भाव भी प्रभावित होते हैं। हालांकि यह समस्या लोगों को बुढ़ापे या ज्यादा उम्र में प्रभावित करती हैं। लेकिन अच्छी बात तो यह है कि अल्जाइमर रोग से पहले इसके शरीर पर कई संकेत और लक्षण देखने को मिलते हैं। जिन्हें समय रहते पहचान कर आप इसके जोखिम को कम कर सकते हैं।

आपको बता दें कि ये बीमारी बुढापे में ज्यादा परेशान करती है। अल्जाइमर होने पर छोटी-छोटी चीजें दिमाग से निकलने लगती हैं। चश्मा, चाबी जैसी चीजें भी भूल जाती हैं। कई बार तो रोजाना के काम, नहाना यहां तक की रास्ते भी याद रख पाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में बिना देरी किए डॉक्टर से मिलना चाहिए। भारत में 40 लाख से ज्यादा लोगों को किसी न किसी टाइप का डिमेंशिया है। विश्व भर में कम-से-कम करोड़ों लोग डिमेंशिया से ग्रस्त हैं, जो इस रोग को एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट बनाते हैं जिसे संबोधित किया जाना जरूरी है। ऐसे में चलिए जानते हैं किन अल्जाइमर के लिए कौन से कारक जिम्मेदार होते हैं।

अल्जाइमर के लिए कौन से कारक जिम्मेदार? Alzheimer’s Disease

​बढ़ती उम्र

अल्जाइमर को बुढ़ापे की बीमारी के रूप में देखा जाता है। जब शरीर के बाकी अंगों की तरह दिमाग भी कमजोर होता जाता है। ऐसे में जैसे-जैसे आप बड़े होते जाते हैं, वैसे-वैसे अल्जाइमर का खतरा बढ़ता जाता है। इस बीमारी का खतरा 65 साल की उम्र के बाद हर बितते 5 साल में दोगुना हो जाता है। हालांकि कम उम्र के लोगों को भी यह बीमारी हो सकती है।

​जेंडर Alzheimer’s Disease

यदि आप एक महिला हैं तो अल्जाइमर होने का खतरा आपको पुरुषों से कहीं ज्यादा हो सकता है। महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज्यादा लंबे समय तक जीवित रहती हैं जिसेक वजह से इस बीमारी का खतरा इन्हें ज्यादा होता है।

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​फैमिली हिस्ट्री Alzheimer’s Disease

अगर आपके फैमिली के DNA में अल्जाइमर बीमारी चली आ रही है तो बहुत संभावना है कि आप भी इससे पीड़ित हो सकते हैं। हालांकि इसका खतरा कम ही देखा जाता है। लेकिन आप इसे नंजरअंदाज नहीं कर सकते हैं।

​डाउन सिंड्रोम

इस विकार वाले लोगों को अक्सर 30 और 40 के दशक में अल्जाइमर रोग हो जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आनुवंशिक परिवर्तन जो डाउन सिंड्रोम का कारण बनते हैं, समय के साथ मस्तिष्क में अमाइलॉइड सजीले टुकड़े का निर्माण करते हैं, जो आगे चलकर अल्जाइमर का कारण बनते हैं।

​सिर पर लगी गंभीर चोट Alzheimer’s Disease

कुछ अध्ययनों ने अल्जाइमर रोग और सिर पर लगी चोट के बीच संबंध देखा गया है। ऐसे में यह माना जा सकता है कि जिन लोगों के सिर में गंभीर चोट लगी है, उनमें अल्जाइमर रोग विकसित होने का अधिक खतरा हो सकता है, लेकिन इस क्षेत्र में अभी भी बहुत अधिक शोध की आवश्यकता है।

​खराब जीवनशैली Alzheimer’s Disease

उच्च कोलेस्ट्रॉल और उच्च ब्लड प्रेशर मुख्य रूप से खराब जीवनशैली का परिणाम होते हैं। आपको अल्जाइमर का मरीज बना सकते हैं। इसके अलावा डायबिटीज, मोटापा, धुम्रपान, शराब का सेवन, डिप्रेशन, अकेलापन भी इस बीमारी के जोखिम को बढ़ाने का काम करते हैं।

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अल्जाइमर के प्रारंभिक संकेत और लक्षण Alzheimer’s Disease

  • कुछ ही समय पहले या हाल ही में हुई बातचीत या घटनाओं को भूल जाना।
  • अपनी चीजें या वस्तुएं रखकर भूल जाना या उन्हें गलत जगह रख देना।
  • किसी जगह, स्थानों या चीजों के नाम भूल जाना।
  • किसी शब्द को याद करने या सोचने में बहुत समय लगाना या दिक्कत महसूस होना।
  • सही निर्णय ले पाने में कठिनाई होना।
  • नई चीजों को आजमाने में झिझक महसूस होने या उनके साथ सहज होने में कठिनाई।
  • चिंता और तनाव जैसी स्थिति में बढ़ना, भ्रम आदि जैसी समस्याओं से जूझना, मूड और व्यक्तित्व में बदलाव ।
  • परिवार के सदस्यों को खुद को दूर और अलग रखना।
  • छोटी-छोटी समस्याओं को हल करने में कठिनाई होना।
  • बोलने, लिखने या बातचीत के दौरान संवाद और संप्रेषण में दिक्कत होना।
  • तस्वीरों या छवियों को देखने और उन्हें समझने में दिक्कत महसूस होना।

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vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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