Success Story: UPSC में सफलता, IPS बनने का सपना हुआ पूरा, बचपन की डरावनी यादें अब पीछे
Success Story, उत्तर प्रदेश कैडर के 1990 बैच के प्रतिष्ठित IPS अधिकारी दलजीत सिंह चौधरी ने 30 नवंबर 2025 को रिटायरमेंट लिया।
Success Story : LLB के बाद UPSC पास कर IPS बनने वाले अफसर की प्रेरक कहानी
Success Story, उत्तर प्रदेश कैडर के 1990 बैच के प्रतिष्ठित IPS अधिकारी दलजीत सिंह चौधरी ने 30 नवंबर 2025 को रिटायरमेंट लिया। उनके शानदार करियर और बहादुरी को सलाम करते हुए बीएसएफ के जवानों ने उन्हें भावुक विदाई दी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। दलजीत सिंह चौधरी का नाम उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की पुलिस इतिहास में सुपरकॉप के रूप में दर्ज है। उनका अनुभव चंबल के बीहड़ से लेकर पाकिस्तान-बांग्लादेश बॉर्डर तक फैला हुआ था। कहा जाता है कि चंबल के डकैतों के लिए उनका नाम सुनना ही किसी डरावनी घटना से कम नहीं था।
कानून की पढ़ाई से सिविल सर्विसेज तक का सफर
दलजीत सिंह चौधरी का जन्म 25 नवंबर 1965 को दिल्ली में हुआ। उन्होंने अपने शुरुआती करियर में बीएससी की पढ़ाई पूरी की और उसके बाद LLB की डिग्री हासिल की। कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद उनके दिमाग में यह विचार आया कि उन्हें केवल सिविल सर्विसेज में अपना भविष्य बनाना है। इसके बाद उन्होंने UPSC की कठिन परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। कठोर परिश्रम और दृढ़ संकल्प के बाद उन्होंने 1990 में UPSC की परीक्षा पास कर IPS अधिकारी बनने का सपना साकार किया। उन्हें उत्तर प्रदेश कैडर मिला, और यहीं से उनकी बहादुरी और प्रशासनिक क्षमता का सफर शुरू हुआ।
कैरियर की शुरुआत और मुश्किल पोस्टिंग
करियर की शुरुआत में ही दलजीत सिंह चौधरी को यूपी के सबसे चुनौतीपूर्ण इलाकों में तैनात किया गया। उनकी नियुक्ति में शामिल थे:
- चंबल का बीहड़ – डकैतों और अपराधियों का गढ़
- मेरठ
- आगरा
- इटावा
इन इलाकों में बड़े-बड़े गैंग सक्रिय थे, और स्थानीय पुलिस अक्सर उनके सामने असहाय दिखती थी। लेकिन जैसे ही दलजीत सिंह चौधरी फील्ड में उतरे, अपराधियों की किस्मत बदल गई। उनकी शख्सियत और रणनीति इतनी प्रभावशाली थी कि डकैत उनके नाम सुनते ही थर-थर कांपने लगते थे। उन्होंने कई बड़े गैंग्स की जड़ें खत्म कीं, और इलाके में कानून और व्यवस्था बहाल की।
फ्रंटलाइन में बहादुरी
दलजीत सिंह चौधरी की सबसे बड़ी खासियत थी कि वह हमेशा फ्रंटलाइन पर रहते थे। चाहे गोलीबारी हो या एनकाउंटर, वह कभी पीछे नहीं हटते थे। उनके नेतृत्व में पुलिस की कई महत्वपूर्ण कार्रवाइयों ने अपराधियों को सख्त संदेश दिया कि कानून के हाथ लंबे हैं। उनके बहादुर कदमों की कहानियां आज भी यूपी पुलिस में सुनाई जाती हैं। उनके नेतृत्व और साहस ने केवल अपराधियों को डराया ही नहीं, बल्कि स्थानीय जनता का विश्वास भी पुलिस पर बढ़ाया।
Read More : Tell Me Softly On OTT: ओटीटी पर दस्तक दे रही Tell Me Softly, कब और कहां देखें यह रोमांटिक लव ट्रायंगल फिल्म?
रिटायरमेंट और भावुक विदाई
30 नवंबर 2025 को अपने 35 साल के करियर के बाद दलजीत सिंह चौधरी ने IPS सेवा से विदाई ली। बीएसएफ के जवानों ने उन्हें भावपूर्ण विदाई दी। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि उनके सहकर्मी और जवान उनकी बहादुरी और नेतृत्व क्षमता को याद करते हुए भावुक हो गए। उनकी विदाई न केवल पुलिस विभाग के लिए बल्कि देश के युवा अधिकारियों और छात्रों के लिए प्रेरक संदेश भी है। यह दर्शाता है कि कठिन परिश्रम, साहस और दृढ़ निश्चय से कोई भी व्यक्ति बड़े मुकाम तक पहुंच सकता है।
Read More : Kerala couple Viral News: केरल कपल की शादी सोशल मीडिया पर छाई, एक्सीडेंट के बाद दूल्हे की इंसानियत जीती दिल
प्रेरणा और सीख
दलजीत सिंह चौधरी की कहानी इस बात का उदाहरण है कि शिक्षा और साहस मिलकर असंभव को संभव बना सकते हैं। कानून की पढ़ाई करने वाला एक युवा, जिसने UPSC जैसी कठिन परीक्षा पास की, बाद में फील्ड में जाकर डकैतों और अपराधियों के लिए डर का पर्याय बन गया। उनकी यात्रा से यह सीख मिलती है कि सपने चाहे कितने भी कठिन क्यों न हों, मेहनत और सही दिशा में प्रयास करने से उन्हें हासिल किया जा सकता है। दलजीत सिंह चौधरी की कहानी सिर्फ़ उनके करियर की नहीं, बल्कि देश सेवा, ईमानदारी और बहादुरी की प्रेरणा भी है। आने वाली पीढ़ियों के लिए यह उदाहरण हमेशा याद रहेगा कि कैसे एक कानून के छात्र ने यूपीएससी पास कर IPS बनकर अपराध और कानून व्यवस्था की चुनौती को स्वीकार किया और विजयी हुआ।
We’re now on WhatsApp. Click to join.
अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com







