Murderbaad Film Review: ऐसी है फिल्म मर्डरबाद की स्टोरी और डायरेक्शन, आज सिनेमाघरों में दें रही दस्तक
यकीनन आप यह जानकर हैरान होंगे कि इस हफ्ते रिलीज हुई मर्डरबाद के निर्माता , निर्देशक , लेखक अर्नब चटर्जी ने अपनी इस फिल्म की स्क्रिप्ट पर करीब 14 साल की उम्र ने काम शुरू किया और 18 साल के होने पर फिल्म की शूटिंग पिछले साल शुरू की , राजस्थान, वेस्ट बंगाल की कई आउटडोर लोकेशन पर शूट अपनी इस फिल्म के लिए साठ की उम्र पार कर चुके अंजन श्रीवास्तव , अमोल गुप्ते के साथ साथ अनुभवी एक्टर मनीष चौधरी को भी निर्देशित किया।
Murderbaad Film Review: जानिए कैसी है फिल्म में किरदारों की एक्टिंग, डायरेक्शन और सिनेमैटोग्राफी
Murderbaad Film Review: फिल्म मर्डरबाद की मीडिया स्क्रीनिंग के दौरान फिल्म का शो खत्म होने के बाद क्रिटिक्स का रिस्पॉन्स लेने दिल्ली के लग्जरी डिलाइट डायमंड सिनेमा में अर्नब खास तौर से कोलकाता से दिल्ली आए उनका यहीं जुनून बताता है कि आने वाले दिनों में उनका नाम बॉलीवुड के नामी निर्देशकों की लिस्ट में शामिल होगा , यहां उनसे विशेष बातचीत हुई तो उन्होंने बताया कि 8 साल की उम्र से ही शार्ट फिल्मे बनाने का ऐसा शिक्षा लगा कि मर्डरबाद जैसी फीचर बनाई , अर्नब कहते है मैने फिल्म को किसी स्टूडियो में सेट लगवाकर आराम से शूट करने की बजाय रियल लोकेशन पर शूट किया , राजस्थान के जयपुर शहर से यहां की कई आउटडोर लोकेशन और एक पैलेस के अलावा न्यू जलगपाई गुड्डी की कई लोकेशन पर शूट किया ।
जानिए कैसी है फिल्म की स्टोरी
मेरी नजर में यह फिल्म आपको भयावह और कुछ वीभत्स दृश्यों को दिखाती है जिन्हें देखना आप शायद पसंद नहीं करे लेकिन स्क्रिप्ट की डिमांड इन सींस की थी और यह स्टोरी का अहम हिस्सा बने। प्रश्न से जकड़ लेता है, जयपुर के होटल में अलग अलग शहरों से आए टूरिस्ट का एक ग्रुप रुका हुआ है उनमें लंदन की टूरिस्ट भी शामिल है , गाइड और बस का ड्राइवर इन टूरिस्ट के साथ इसी होटल में रुका है अचानक एक टूरिस्ट यहां से गायब हो जाती है ” इस राजस्थानी महल में बने होटल की शांत लेकिन भयावह पृष्ठभूमि के इर्द गिर्द घूमती यह कहानी मर्डर, पोस्टमार्टम हाउस के घिनौने सच और श्मशान से घूमती इस थ्रिलर फिल्म का क्लाइमेक्स आपको बेचैन कर देगा। होटल से गायब हुई एक टूरिस्ट के गायब होने की यह कहानी जल्दी ही रहस्यों और एक कुंठा ग्रसित युवक का वीभत्स चेहरा पेश करती है जो आपको चौंका देगा ।
जानिए कैसी है फिल्म में किरदारों की एक्टिंग
किरदारों की परफॉर्मेंस दमदार है। फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है इसका अभिनय नकुल रोशन सहदेव ने जयेश के किरदार को बेहतरीन तरीके से निभाया है।कभी मासूम, तो कभी संदेहास्पद। कनिका कपूर (इसाबेल) के साथ उनकी कैमिस्ट्री अच्छी है, हालांकि कभी-कभी यह रोमांस थ्रिलर एलिमेंट को पीछे छोड़ देता है। शारिब हाशमी हमेशा की तरह दमदार हैं और सलोनी बत्रा के साथ उनके कुछ छोटे लेकिन असरदार सीन दिल छू जाते हैं।
डायरेक्शन और सिनेमैटोग्राफी
कम उम्र के बावजूद निर्देशक ने जो विजन दिखाया है, वह वाकई लाजवाब है। सिनेमैटोग्राफी, बैकग्राउंड म्यूजिक और कैमरा एंगल्स थ्रिल को और ज्यादा इंटेंस बना देते हैं।
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ओवर ऑल फिल्म कैसी है
रोमांस इमोशनल भावनाओं और रहस्य से भरी फिल्म की कहानी बाद में एक खतरनाक रूप में बदलकर एक ऐसी भूलभुलैया में प्रवेश करती है जहां से निकलना आसान नहीं है। निर्देशक अर्नब की कहानी और किरदारों पर फिल्म की शुरुआत में पकड़ कमजोर है लेकिन इंटरवल के बाद फिल्म आपको सीट से बांध सी देती है, अर्नब ने मंझे हुए दिग्गज कलाकारो के साथ न्यू कमर्स स्टार्स से अच्छा काम लिया है, नकुल सहदेव और कनिका कपूर की जोड़ी जमी है लेकिन फिल्म नगरी में लंबी पारी खेलने के लिए इन्हें अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है, अर्नब की यह फिल्म क्लाइमेक्स के दौरान बांग्ला बैकग्राउंड में एंट्री करती है लेकिन फिल्म का अहम मोड है। फिल्म का क्लाईमेक्स हम आपको बिल्कुल नहीं बताएंगे इसके लिए आपको सिनेमाघर जाना होगा लेकिन फैमिली क्लास की कसौटी पर फिल्म फिट नहीं रहेगी लेकिन कुछ बिल्कुल नया और थ्रिलर देखने वाले दर्शक फिल्म को पसंद करेंगे।
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