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Mufasa The Lion King Review: जानिए कैसी है फिल्म मुफासा- द लायन किंग, एनिमेशन का हुआ है लाजवाब काम

हिंदी वर्जन में किंग खान शाहरुख की आवाज ने किंग मुफासा में रूह डाल दी है। रोमांटिक और इमोशनल सीन्स में शाहरुख की आवाज कमाल का असर करती है। टाका की आवाज बने मियांग चैंग और रफीकी को आवाज देने वाले मकरंद देशपांडे ने भी उम्दा काम किया है। संजय मिश्रा और श्रेयस तलपड़े की पुंबा और टिमन की जोड़ी को इस बार ज्यादा फुटेज नहीं मिला है।

Mufasa The Lion King Review: शाहरुख ने किंग मुफासा में दी अपनी आवाज, जानिए कुल मिला कर कैसी है फिल्म?


Mufasa The Lion King Review:‘मुफासा : द लायन किंग’ जल्द ही रिलीज होने वाली है। रिलीज से पहले फिल्म देखने का मौका मिला। इस बार बात किंग खान और उनके किंगडम की थी। सिर्फ शाहरुख खान ही नहीं बल्कि आर्यन खान और अबराम ने भी इस फिल्म के लिए डबिंग की थी। साथ में ‘पुष्पा’ की हिंदी आवाज बनकर दिल जीतने वाले श्रेयस तलपड़े भी इसमें शामिल थे।

‘मुफासा- द लायन किंग’ की कहानी

कहानी की शुरुआत सिंबा के अपने परिवार में एक नए सदस्य के इंतजार से होती है। इसी दौरान रफीकी सिंबा की बेटी कियारा को उसके दादा mufasa के ‘the lion king’ बनने की कहानी सुनाता है कि कैसे बाढ़ में माता-पिता को खोने वाला मुफासा डर के मारे तैरना भूल जाता है। तब एक दूसरा शेर टाका उसका हाथ थामता है, उसे बचाता है और अपने पिता के ऐतराज के बावजूद उसे भाई की जगह देता है। हालांकि, जब बाहरी कबीले के शेर उन पर हमला करते हैं तो भावी राजा टाका की बजाय मुफासा उनका मसीहा बनता है, जिसके चलते टाका के मां-बाप उसकी रक्षा की जिम्मेदारी मुफासा को सौंपकर दोनों को भगा देते हैं। अब दोनों एक सुरक्षित जगह मिलने की उम्मीद में आगे बढ़ते हैं। रास्ते में उन्हें एक मादा शेरनी सराबी मिलती है, जिस पर टाका का दिल आ जाता है। टाका सराबी को इंप्रेस करने के गुर मुफासा से ही सीखता है, पर जल्द ही सराबी को अहसास हो जाता है कि उसका हीरो टाका नहीं, मुफासा है और यही लव ट्राएंगल भाई जैसे मुफासा और टाका के बीच दुश्मनी की वजह बनता है।

एनिमेशन का हुआ इस फिल्म में लाजवाब काम

जैफ नैथनसन की लिखी यह कहानी तमाम बॉलीवुड फिल्मों की तरह साधारण सी है, जिसमें मां-बाप को खोने का दुख, प्रेम त्रिकोण, धोखा-बदला जैसे देखे-दिखाए इमोशंस हैं, पर ‘moonlight’ के लिए ऑस्कर जीत चुके डायरेक्टर बैरी जेन्किन्स ने जंगल की इस दुनिया को इतनी भव्यता और खूबसूरती से पर्दे पर रचा है कि आप उसमें खो जाते हैं। अपने लॉन्ग शॉट्स के जरिए बैरी दर्शकों को याद रखने लायक विजुअल ट्रीट देते हैं। उस पर, लाजवाब एनिमेशन और जेम्स लैक्सटन की बेहतरीन सिनेमैटोग्राफी के चलते जंगल और उसके पशु-पक्षी सजीव हो उठते हैं।

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शाहरुख ने किंग मुफासा में दी अपनी आवाज

हिंदी वर्जन में किंग खान शाहरुख की आवाज ने king mufasa में रूह डाल दी है। रोमांटिक और इमोशनल सीन्स में शाहरुख की आवाज कमाल का असर करती है। टाका की आवाज बने मियांग चैंग और रफीकी को आवाज देने वाले मकरंद देशपांडे ने भी उम्दा काम किया है। संजय मिश्रा और श्रेयस तलपड़े की पुंबा और टिमन की जोड़ी को इस बार ज्यादा फुटेज नहीं मिला है।

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फिल्म की कमजोरी रही इसका म्यूजिक

इसी तरह आर्यन खान और अबराम खान के हिस्से भी कम ही डायलॉग आए हैं। फिल्म की एक कमजोरी इसका म्यूजिक है। एक म्यूजिकल फिल्म होने के बावजूद गाने प्रभाव नहीं छोड़ पाते। फिर भी, आदर्शों, मूल्यों और उम्मीदों की बात करती यह फिल्म बच्चों के साथ देखी जानी चाहिए।

कुल मिला कर कैसी है फिल्म?

इस फिल्म को दिलचस्प तरीके से बनाया गया है, विजुअल्स काफी अच्छे लगते हैं और वॉयस ओवर कमाल का है। इसे बिल्कुल देसी अंदाज दिया गया। फर्स्ट हाफ तो काफी कमाल है, सेकंड हाफ में शेरों का लव ट्राएंगल थोड़ा फनी लगता है। लेकिन आप हंसते-हंसते उसे झेल ही जाते हैं क्योंकि फिल्म बच्चों के लिए है।

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