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Exclusive: डायरेक्टर Siddharth-Garima बोले- सरोगेसी के व्यापार को दिखाएगी ‘Dukaan’, फीलिंग्स से भरी है फिल्म

Film Dukaan: 'दुकान' को अमर झुनझुनावाला और शिखा अहलूवालिया ने प्रोड्यूस किया है। आपको बता दें कि 'गोलियों की रासलीला राम-लीला','राब्ता', 'टॉयलेट: एक प्रेम कथा', 'बत्ती गुल मीटर चालू' जैसी फिल्मों के लिए स्क्रिप्ट लिख चुके सिद्धार्थ और गरिमा की ये पहली डायरेक्टोरियल फिल्म है।

Film Dukaan: 5 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज होगी फिल्म, जानें डायरेक्टर Siddharth-Garima ने क्यों उठाया Surrogacy का ही मुद्दा

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वृंदा श्रीवास्तव। देश में IVF और सरोगेसी के नाम पर कई लोगों ने व्यापार शुरू कर दिया है। सरोगेसी मुद्दे पर दो साल पहले बनी फिल्म ‘मिमी’ की एक्ट्रेस कृति सेनन को राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया था। वहीं अब एक और फिल्म इसी मुद्दे को उठाती नजर आ रही है। फिल्म का नाम है ‘दुकान’। जिसका पोस्टर ही इस बात को बता रहा है कि यहां किस तरह की दुकान की बात हो रही है। आपको बता दें कि दुकान का ट्रेलर रिलीज हो चुका है। फिल्म में मोनिका पंवार के साथ-साथ सोहम मजूमदार, सिकंदर खेर, मोनाली ठाकुर, व्रजेश हिरजी भी अहम किरदार अदा करते नजर आए हैं।

‘दुकान’ को अमर झुनझुनावाला और शिखा अहलूवालिया ने प्रोड्यूस किया है। आपको बता दें कि ‘गोलियों की रासलीला राम-लीला’,’राब्ता’, ‘टॉयलेट: एक प्रेम कथा’, ‘बत्ती गुल मीटर चालू’ जैसी फिल्मों के लिए स्क्रिप्ट लिख चुके सिद्धार्थ और गरिमा की ये पहली डायरेक्टोरियल फिल्म है। ऐसे में One World News की जर्नलिस्ट Vrinda Srivastava ने दुकान के डायरेक्टर Garima-Siddharth से खास बातचीत की। उनसे फिल्म से जुड़े कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट्स के बारे में भी जाना। तो आइए जानने हैं-

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प्रश्न- आपकी फिल्म ‘दुकान’ 5 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। आपने अपनी पहली फिल्म में Surrogacy का ही मुद्दा क्यों उठाया?

उत्तर- दुकान एक ऐसी फिल्म है जिसका आइडिया हमें 2010 में आया था। उस समय ये मुद्दा न्यूज पेपरों में भी छाया था। उस दौरान इंडिया में सरोगेसी लीगल था। विदेशों से लोग भारत आ रहे थे और सरोगेसी के जरिए बच्चे पैदा कर रहे थे। तभी से इस मुद्दे ने हमें प्रभावित किया। हमने रिसर्च शुरू की। उस समय गुजरात के आणंद जिले में सरोगेसी का काम तेज था। इस वजह से हमने अपने रिसर्च की शुरूआत भी वहीं से की। छह से सात साल की रिसर्च के बाद फिल्म बनाने पर काम हुआ। अब ये फिल्म दर्शकों के बीच आने काे तैयार है।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि अभी तक फिल्मों में सरोगेजी के मुद्दे को उतना हाइलाइट नहीं किया गया। लोगों को भी बस ये मालूम है कि सरोगेसी होती है। लेकिन उसके अंदर के चीजों की परख नहीं है। तो हम ऐसे ही मुद्दों पर फिल्म लिखते हैं जो दूसरों से कनेक्ट हों और उसके बारे में ज्यादा किसी को मालूम न हो। उन्होंने दावा किया कि फिल्म दुकान को देखने के बाद किसी में कोई भी शंका नहीं रहेगी। उन्हें सरोगेसी के बारे में हर छोटी-छोटी चीजें मालूम हो जाएंगी।

 

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प्रश्न- फिल्म दुकान को बनाने में आपको कितना टाइम लगा?

उत्तर- दुकान को बनाने में छह साल का समय लगा। सिद्धार्थ गरिमा ने बताया कि सरोगेसी को लेकर आज तक रीजनल लेवल जैसे मराठी गुजराती में कई सुंदर फिल्में बनीं हैं। लेकिन अक्सर उनकी पहुंच नहीं हो पाती। हिंदी में आई एक फिल्म मिमी अपने आप में एक पुख्ता कहानी थी लेकिन वो ग्लैमर की तरफ चली गई। लेकिन जो वाकई एक सरोगेसी की दुनिया है कि कैसे एक छत के नीचे 60 प्रेग्नेंट औरतें एक साथ रह रहीं हैं। ये हमने देखा है। साथ ही इसे अपनी फिल्म में भी दिखाया है।

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प्रश्न- आपने फिल्म का नाम ‘दुकान’ ही क्यों चुना?

उत्तर- हमारे देश में सरोगेसी को एक व्यापार की तरह ही देखा गया। पैसा दिया और बच्चे पैदा किया। तो ये एक दुकान ही तो आप कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुकान का नाम- ये एक तरह का तंज है, उन लोगों के लिए जो अपना बच्चा पैदा करने दूसरे के पास जाते जरूर हैं। लेकिन उनसे कोई मतलब नहीं रखते। हमारे देश में सरोगेट मदर्स को कोई रिस्पेक्ट कोई राइट नहीं है जो एक बहुत बड़ी बात है। ताे ये एक तरह की दुकान ही हुई कि पैसे दिया और सामान लिया।

प्रश्न- फिल्म में सरोगेट मदर्स का जिस तरह से अंग दिख रहा, इस पर आप क्या कहना चाहेंगे?

उत्तर- इस पर डायरेक्टर्स कहते हैं कि गुजरात के आणंद जिले में हमने जब रिसर्च किया तो हमने देखा कि वहां सभी सरोगेट मदर्स ऐसे ही घूम रहीं हैं। जो बेहद खूबसूरत लगा। हमने सोचा ये तो नारी शक्ति है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि फिल्म में हमने सरोगेट मदर्स के पेट को खुला रखा है। जैसे डाक्टर अपने प्रोफेसन में सफेद तो वकील काला कोट पहनता है, वैसे ही एक सरोगेट मदर अपना पेट दिखा सकती है। वो गर्व के साथ बताती है कि देखो मैं भी किसी के बच्चे की मां बनने वाली हूं।

प्रश्न- फिल्म को कितने भाषाओं में रिलीज किया जाएगा?

उत्तर- ये फिल्म शहर भर में रिलीज की जा रही है जो कि हिंदी में होगी। फिल्म में Sub Titles होंगे। हम गुजरात और मुंबई में इस फिल्म को अच्छे लेवल पर रिलीज कर रहे हैं। इसके अलावा दिल्ली, पश्चिम बंगाल, साउथ में भी फिल्म रिलीज होगी। उन्होंने कहा कि दुकान फीलिंग्स से भरी फिल्म है। इसमें गाने बहुत ही कमाल के हैं। दुकान के गाने के भी बोल भी हमने म्यूजिक डायरेक्टर श्रेयस पुराणिक के साथ मिलकर लिखे हैं। हम दावा करते हैं कि लोग इसे एंजॉय करेंगे।

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प्रश्न- आपकी अगली फिल्म कौन सी है। इस बारे में आप हमें क्या बताना चाहेंगे?

उत्तर- हमारी अगली फिल्म साले आशिक होगी। जो कि एक Love Story है। इस फिल्म में भी हम एक अहम मुद्दा छेड़ने वाले हैं। ये फिल्म बन चुकी है। दुकान की रिलीज के बाद हम लोग साले आशिक की रिलीजिंग के लिए प्लान करेंगे।

प्रश्न- आपकी ये पहली फिल्म है जिसे आपने डायरेक्ट किया है, तो इसे बनाने में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा?

उत्तर- इस पर उन्होंने कहा कि हमें कभी लगा ही नहीं कि हम कुछ अलग कर रहे हैं। क्योंकि हम अपनी जो फिल्म लिखते थे उसके सेट पर हर दिन मौजूद रहे। गोलियो की रासलीला ‘रामलीला’ हमारी पहली फिल्म थी। उस दौरान संजय लीला भंसाली के साथ हर एक काम में साथ रहे। बाकी सभी फिल्मों में भी हमने ऐसा किया। तो जब हमने फिल्म डायरेक्ट करने की सोची तो हमें किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई।

प्रश्न- फिल्म Animal का सतरंगा गाना लिखने में आपको कितना समय लगा?

उत्तर- दरअसल ये गाना हमने एनिमल के लिए नहीं लिखा था। म्यूजिक डायरेक्टर श्रेयस पुराणिक के साथ सिर्फ मुखड़ा लिखा था। फिर एक दिन दीपावली पार्टी में Animal Director Sandeep Reddy Vanga हमारे घर पर थे। उन्होंने गाना सुना तो गाने को Animal में लेने के लिए कहा। फिर फिल्म के हिसाब से गाने का अंतरा लिखा गया। क्योंकि हम रणबीर कपूर और रश्मिका के बीच के डिफरेंस से वाकिफ थे। आम तौर पर हमने कुछ गाने तो आधे घंटे में लिखे हैं। कुछ को तो हफ्ते भर भी लग गए।

प्रश्न- एनिमल के सेट पर रणबीर कपूर के साथ कैसा अनुभव रहा?

उत्तर- रामलीला के लिए पहले रणबीर कपूर को चुना गया था। तो करीब 10 साल बाद रणबीर से एनिमल के सेट पर मुलाकात हुई। तो रणबीर के साथ अनुभव काफी अच्छा रहा। वो बहुत ही Respectful हैं। हमारे काम की काफी सराहना करते हैं। रणबीर एक उम्दा एक्टर हैं।

प्रश्न- रामलीला को बने 10 साल हो गए हैं। कोई यादें जो आप हमसे शेयर करना चाहेंगे?

उत्तर- रामलीला हमारे लिए एक फिल्म स्कूल जैसा अनुभव रहा। उन दो सालों में हमने काफी कुछ सीखा। बहुत अच्छी यादें हैं। दीपिका रणवीर के साथ कमाल का एक्सपीरियंस रहा।

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प्रश्न- आप और किन एक्टर्स या एक्ट्रेस के साथ काम करना चाहेंगे?

उत्तर- विक्की कौशल कमाल के एक्टर हैं, हम उनके साथ जरूर काम करना चाहेंगे। रणबीर कपूर के साथ भी हम जरूर काम करेंगे। एक्ट्रेस की बात करें तो आलिया नंबर वन पर हैं। रामलीला के सेट पर दीपिका के साथ हमारा अनुभव काफी अच्छा रहा तो हम दोबारा भी काम करेंगे।

अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com

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मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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