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Bhediya Review: थ्रील पसंद है तो जरूर देखें, लेकिन प्लाट कर सकता है कन्फ्यूज!
मनोरंजन

Bhediya Review: थ्रील पसंद है तो जरूर देखें, लेकिन प्लाट कर सकता है कन्फ्यूज!

Bhediya Review: हॉरर – कॉमेडी है भेड़िया, उम्मीदों पर खड़ी नहीं उतर पाई

Highlights

  • स्त्री निर्देशित कर चुके अमर कौशिक एक बार फिर से थ्रिल, हॉरर और कॉमेडी का तड़का लाने की कोशिश करते हैं पर इस बार वह पिछले बार की तरह फिट नहीं बैठते।

Bhediya Review: बॉलीवुड में हॉरर – कॉमेडी का ट्रेंड बहुत समय से चला आ रहा है। ऐसे जॉनर की फिल्मों की खासियत होती है दर्शकों को मनोरंजन डराते – हंसाते पहुंचाने की। साथ ही ऐसी फिल्में अपने साथ एक ख़ास मैसेज भी लेकर आती है जिसे दर्शक सिनेमाघरों से निकलने के बाद तक याद रख पाएं।

भेड़िया भी कुछ ऐसी ही फिल्म है। स्त्री निर्देशित कर चुके अमर कौशिक एक बार फिर से थ्रिल, हॉरर और कॉमेडी का तड़का लाने की कोशिश करते हैं पर इस बार वह पिछले बार की तरह फिट नहीं बैठते।

कहानी – मुख्य किरदार में हैं वरूण धवन जो अरूणाचल प्रदेश में जंगलों को काटकर रास्ता बनाने आए हैं। वह पेशे से एक कॉन्ट्रैक्टर हैं। उनके साथ आएं हैं उनके ताउ का बेटा जेडी जो यूपीएसी की तैयारी करते हैं। एक रात वरूण को एक भेड़िया काट लेता है और वह उस रात से हर पूनम की रात भेड़िया बन जाते हैं और हर उस शक्स को जान से मारने की कोशिश करते हैं जो जंगल काटकर रास्ता बनाने के प्रोजेक्ट में शामिल है। हालांकि, ये वरूण को तब याद नहीं होता कि वह भी अरूणाचल की जंगलों को काटने के मकसद से ही आये हैं।

पूरी कहानी इसी के इर्द – गिर्द घूमती है। फिल्म के क्लाइमेक्स में फिल्म का सबसे बड़ा ट्विस्ट होता है जो समझदार दर्शकों को फिल्म के फर्स्ट – हॉफ में ही थोड़ा – बहुत पता चल जाता है।

 

कुल मिलाकर फिल्म प्रकृति को बचाने का मैसेज देने की कोशिश करती है।

स्टार – कास्ट- वरूण धवन का मेन कैरेक्टर है जो अपने किरदार में ठीक ही लगे हैं कुछ ख़ास छाप छोड़ने का काम उन्होंने नहीं किया है। इस फिल्म में भी वह अपनी बाकी फिल्मों जैसे ही दिखाई पड़े हैं।

फिल्म की हिरोइन हैं कृति सैनन जिन्होंने फिल्म में एक वेट का रोल प्ले किया है। कृति के किरदार के साथ कुछ भी ख़ास नहीं किया गया है। एक तो इस किरदार को स्क्रीन – टाइमिंग इतनी कम दी गई है जिसका फिल्म देखने से पहले ज्ञात नहीं होता है। कृति के किरदार के साथ बहुत कुछ अच्छा किया जा सकता था।

वरूण के भाई का किरदार निभाया है अभिषेक बैनर्जी ने । यह एक मात्र ऐसे किरदार हैं जिन्होंने अपने रोल के साथ पूरी इमानदारी की है। इनकी कॉमेडी भी पर्दे पर बेहतरीन लगी है। इनके किरदार को स्त्री के किरदार से ही आगे खींचा गया है।इस फिल्म में भी वह जाना का किरदार निभाते नज़र आएं हैं और बिल्कुल दिल को छू लेने वाली एक्टिंग की है।

डायरेक्शन – कहानी की प्लाटिंग और बेहतरीन कर सकते थे। फिल्म अंत में कई सवाल दर्शकों के मन में छोड़ देती है जो फिल्म को अधूरा दर्शाती है। फिल्म में कई सीन्स ऐसे हैं जहां प्रॉप्स के साथ छेड़ – छाड़ किया गया है। एक ही सीन में दो अलग – अलग जूते बदल रहे हैं जो गौर करने पर अजीब लगते हैं।

गाने – फिल्म में 3 गानें हैं। इनमें से एक रोमांटिक गाना आपके जेहन में बैठ सकता है। बाकी मात्र सुनने लायक हैं।

मजबूत कड़ी – फिल्म की सबसे मजबूत कड़ी है फिल्म का 3डी रूप। हॉल में बैठकर फिल्म देखते वक्त आप महसूस करते हैं कि सब आपके सामने हो रहा है। हांलांकि 3डी में ऐसा ही होता है पर यहां इस बात का पूरा ध्यान रखा गया है कि कोई सीन 3डी में मिस न हो जाए। साथ ही लोकेश्न्स फिल्म के बेहतरीन है। इस फिल्म के देखने के बाद एक बार तो आप भी अरूणाचल के जंगलो का रूख जरूर करना चाहेंगे।

इसके साथ ही शॉट्स भी बेजोड़ लिए गए हैं। एरियल व्यू, वाइड एंगल शॉट फिल्म में देखकर मजा आ जाता है। फिल्म में वी एफ एक्स का भी इस्तेमाल किया गया है जो फिल्म को देखने लायक बनाती है। ये वी एफ एक्स आपको एक सेंकेंड के लिए भी खलते नहीं हैं।

कुल मिलाके फिल्म वन टाइम देखी जा सकती है। फिल्म में अरूणाचल का नज़ारा देखने आप थियेटर जा सकते हैं। फिल्म आपके नजदीकी सिनेमाघरों में 25 नवंबर 2022, शुक्रवार को रीलिज हो रही है।

स्टार – 2.5 / 5

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