Best Bollywood classic movies: शायद आपको भी पता होगा कि बॉलीवुड का नाम बॉम्बे और हॉलीवुड को मिला कर बना है। बॉम्बे जिसे आज हम मुंबई के नाम से जानते है एक समय था जब लोग इसे बॉम्बे के नाम से जानते थे। हमेशा से ही लोग मुंबई को फिल्म और सेलेब्स के हब के रूप में जानते आ रहे हैं। बॉलीवुड के ज्यादातर सितारें मुंबई में ही रहते हैं।अमिताभ बच्चन से लेकर शाहरुख और सलमान खान तक सभी इसी शहर में रहते है। जैसा की हम लोग जानते है इस समय बॉलीवुड में फिल्मों के रीमेक बनाने और गाने रीमिक्स करने का दौर चल रहा है। लेकिन इस बात में कोई दोराय नहीं की बॉलीवुड ने हमेशा से ही इंटरटेन करने की जिम्मेदारी बखूबी निभाई है। तो चलिए आज हम आपको बॉलीवुड की उन फिल्मों के बारे में बताएंगे जो आपको हमेशा इंटरटेन करेंगी।
3 इडियट्स: 3 इडियट्स यह बॉलीवुड फिल्म इंडियन के एजुकेशन सिस्टम पर बनी है। इस फिल्म में तीन दोस्तों की किशोरावस्था से उनके एडल्टहुड तक की कहानी दिखाई है। यह एक फन-टू-वॉच फिल्म है जिसे लोगों ने खूब पसंद किया था।
रॉकस्टार: बॉलीवुड इंडस्ट्री में रोमांटिक और ड्रामा फिल्में अधिकतर बनाई जाती हैं। यह इम्तियाज अली की इस हार्टब्रेक टेल ने भी सभी के दिलों में जगह बनाई। साथ ही साथ यह रणबीर कपूर की अब तक की सबसे अमेजिंग परफॉर्मेंस भी थी। इतना ही नहीं इस फिल्म का म्यूजिक भी शानदार था।
बर्फी: अगर हम कला की बात करें तो इसमें सुधार के लिए हमेशा जगह होती है। लेकिन अगर बात बर्फी की करें तो यह परफेक्शन के बिल्कुल करीब है। ऑरिजिनल कहानी, शानदार परफॉर्मेंस, एक मनोहर साउंडट्रैक, और निश्चित रूप से, आकर्षक सिनेमैटोग्राफी जिसने कोलकाता को बेहद अच्छे से दिखाया है। यह बॉलीवुड की एक ऐसी फिल्म है जो एक पल में तो आपको रुलाएगी दूसरे ही पल में हंसा देगी।
उड़ान: अगर हम बात करें उड़ान की तो यह फिल्म कलात्मक रूप से एक टीएनजर के डर और चाइल्ड अब्यूस को दिखाती है। यह एक शानदार साउंडट्रैक, शानदार सिनेमैटोग्राफी और दिल को छू लेने वाले डायलॉग के साथ एक बहुत ही बेहतरीन फिल्म है।
बधाई हो: ‘बधाई हो’ यह फिल्म एक मीडियम-एज्ड कपल की कहानी बताती है। जो अपनी उम्मीद से परे एक बच्चे के माता-पिता बनने जा रहे होते हैं। यह एक ऐसी फिल्म है जो सेक्सुएलिटी के मुद्दे को ह्यूमर के साथ दिखाती है।
जिंदगी ना मिलेगी दोबारा: आज के समय में अगर कोई ऐसी फिल्म है जो मिलेनियल्स के लिए दोस्ती और वंडरलस्ट को अच्छे से डिफाइन करती है तो वो है ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा।’ यह एक बेहतरीन फिल्म है। जिसमें यह बताने की कोशिश की गई है कि मानव के बाकी अंगों की तरह दिमाग भी बीमार पड़ सकता है। इसे भी रेस्ट की जरूरत होती है।
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