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Earthquake In Delhi NCR:दिल्ली-एनसीआर समेत इन इलाकों में भूकंप के तेज झटके, घर छोड़ भागे लोग

दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में मंगलवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई। अचानक ही धरती कांपने से लोग दहशत में आ गए। भूकंप का आने का समय दोपहर 2 बजकर 53 मिनट रहा। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप का केंद्र नेपाल में रहा. इसकी गहराई पृथ्वी के तल से 5 किमी थी।

Earthquake In Delhi NCR:भूकंप के तेज झटके से दहला दिल्ली और उनके आस-पास के इलाके, 6.2 मापी गई इसकी तीव्रता


Earthquake In Delhi NCR:दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए हैं। मंगलवार दोपहर को 2.53 पर आए भूकंप के झटकों के बाद दहशत में लोग दफ्तर और घरों से बाहर निकल गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मॉलोजी के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई। जिसका केंद्र नेपाल के दिपायल से 38 किलोमीटर दूर जमीन से पांच किलोमीटर गहराई में था। झटके यूपी-दिल्ली समेतर कई राज्यों में महसूस किए गए। इससे पहले दोपहर 2 बजकर 25 मिनट पर भी भूकंप के झटके महसूस हुए थे। इसका केंद्र भी नेपाल था। उस वक्त इसकी तीव्रता 4.6 मापी गई थी। इसके झटके उत्तराखंड और यूपी के कुछ हिस्सों में महसूस किए गए थे।

कितनी देर महसूस किए गए भूकंप के झटके?

दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए हैं। मंगलवार दोपहर को 2.53 पर आए भूकंप के झटकों के बाद दहशत में लोग दफ्तर और घरों से बाहर निकल गए। भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई। नोएडा में भूकंप के झटके लगातार 10 से 15 सेकेंड तक महसूस होते रहे। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और बरेली में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।

भूकंप क्यों आता है और कैसे आता है?

धरती के नीचे मौजूद ये प्लेटें बेहद धीमी रफ्तार से घूमती रहती हैं। हर साल ये प्लेटें अपनी जगह से 4-5 मिमी खिसक जाती हैं। इस दौरान कोई प्लेट किसी से दूर हो जाती है तो कोई किसी के नीचे से खिसक जाती है। इसी दौरान प्लेटों के टकराने से भूकंप आता है।

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पांच जोन में बांटा गया है भूकंप क्षेत्र

पूरे देश को भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने पांच भूकंप जोन में बांटा है। वहीं देश का 59 प्रतिशत हिस्सा भूकंप रिस्क जोन में है। भारत में पांचवें जोन को सबसे ज्यादा खतरनाक और सक्रिय माना जाता है। सबसे खतरनाक जोन में जम्मू और कश्मीर का हिस्सा (कश्मीर घाटी), हिमाचल प्रदेश का पश्चिमी हिस्सा, उत्तराखंड का पूर्वी हिस्सा, गुजरात में कच्छ का रण, उत्तरी बिहार का हिस्सा, भारत के सभी पूर्वोत्तर राज्य, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह आता है।

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