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Delhi News: 20 हजार के चालान पर 500 देकर छूट रहे दिल्ली के लोग, ऐसे हो रहा ये काम

दिल्ली में बीते कुछ दिनों में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए GRAP 3 और 4 के नियमों को लागू किया गया है। इसके तहत पेट्रोल की बीएस-3 और डीजल की बीएस-4 कैटिगरी वाली प्राइवेट गाड़ियां चलाने पर रोक है। नियम तोड़ने वालों के 20-20 हजार रुपये के चालान काटे जा रहे हैं। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होने वाली है कि पिछले साल ग्रैप के नियमों का उल्लंघन करने पर जिन लोगों के चालान काटे गए थे, उनमें से ज्यादातर ने अभी तक जुर्माना नहीं भरा है।

Delhi News: दिल्ली में 20 हजार के चलान से ऐसे बच रहे दिल्लीवाले, 500 देकर हो रहे रियाह 


दिल्ली में बीते कुछ दिनों में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए GRAP 3 और 4 के नियमों को लागू किया गया है। इसके तहत पेट्रोल की बीएस-3 और डीजल की बीएस-4 कैटिगरी वाली प्राइवेट गाड़ियां चलाने पर रोक है। नियम तोड़ने वालों के 20-20 हजार रुपये के चालान काटे जा रहे हैं। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होने वाली है कि पिछले साल ग्रैप के नियमों का उल्लंघन करने पर जिन लोगों के चालान काटे गए थे, उनमें से ज्यादातर ने अभी तक जुर्माना नहीं भरा है। उससे भी ज्यादा हैरानी वाली बात यह है कि पेंडिंग चालान जब कोर्ट में गए, तो अदालतों ने कई मामलों में छूट देते हुए मामूली जुर्माना भरवा कर चालान डिस्पोज करवा दिया। कुछ लोग महज 500-1000 रुपये देकर बच निकले, जबकि उन्हें 20 हजार रुपये या उससे भी ज्यादा का जुर्माना भरना था। 

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अधिकारी भी है हैरान

परिवहन विभाग की जानकारी के मुताबिक, पिछले दिनों ग्रैप से जुड़ी एक रिव्यू मीटिंग में जब यह जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों के सामने आई, तो वे भी हैरान रह गए। चालानों की पेंडेंसी को कम करने और पाबंदी के असर को प्रभावी तरीके से कायम रखने के लिए इस बात पर जोर दिया गया कि जुर्माने की रकम में कोई छूट नहीं दी जानी चाहिए। यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जितने भी चालान कटे हैं, उनका निपटारा जल्द से जल्द और नियमों के अनुसार तय जुर्माना भरने के बाद ही हो। अदालतों से भी कोई सस्ते में न छूटे। यह सुनिश्चित करने के लिए ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारी जल्द ही दिल्ली की सभी जिला अदालतों के चीफ मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट और अन्य संबंधित न्यायिक अधिकारियों को पत्र लिखने पर भी विचार कर रहे हैं। उनसे अनुरोध किया जाएगा कि ग्रैप के नियमों के उल्लंन में जितने भी लोगों के चालान काटे गए हैं, उन्हें आसानी से बच निकलने की छूट न दी जाए। अदालतें भी इनसे सख्ती से पेश आएं।

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650 चालान अभी हैं पेंडिंग

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले साल पॉल्यूशन सीजन में ट्रांसपोर्ट विभाग की एनफोर्समेंट विंग की टीमों ने ग्रैप से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने पर 1096 लोगों के चालान काटे थे। ज्यादातर चालान बीएस-3/4 वाली प्रतिबंधित गाड़ियों के चलाने और नो एंट्री वॉयलेशन से जुड़े थे। इन सभी चालानों में कम से कम 20 हजार का और कई मामलों में उससे भी ज्यादा का जुर्माना लगाया गया था, क्योंकि एक से अधिक नियमों का उल्लंघन हुआ था। हाल ही में जब इन चालानों का रिव्यू किया गया, तो पता चला कि 1096 में से केवल 245 चालानों में ही लोगों ने पूरा जुर्माना देकर चालान डिस्पोज करवाए हैं। बाकी बचे 851 चालानों में से 195 चालानों में कोर्ट ने नियम तोड़ने वालों को जुर्माने की राशि में कुछ रियायत देकर चालान डिस्पोज करने का निर्देश दिया था। ऐसे में कई लोग मामूली जुर्माना देकर बच निकलने में कामयाब रहे जिसमें से पांच मामले ऐसे थे, जिनमें कोर्ट ने आरोपियों को अगली बार नियम न तोड़ने की चेतावनी देकर छोड़ दिया। जानकारी के मुताबिक कोर्ट में करीब 650 चालान अब भी पेंडिंग हैं।

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