Vishwakarma Jayanti: भगवान विश्वकर्मा की जयंती, निर्माण कला और समर्पण की प्रेरणा
Vishwakarma Jayanti, विश्वकर्मा जयंती भारत में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है। यह दिन देव शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा के सम्मान में मनाया जाता है, जिन्हें सृजन, निर्माण और वास्तुकला का देवता माना जाता है।
Vishwakarma Jayanti : विश्वकर्मा जयंती 2025, मशीनों, कारीगरों और नवाचार का महापर्व
Vishwakarma Jayanti, विश्वकर्मा जयंती भारत में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है। यह दिन देव शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा के सम्मान में मनाया जाता है, जिन्हें सृजन, निर्माण और वास्तुकला का देवता माना जाता है। इस दिन देशभर में कारीगर, इंजीनियर, शिल्पकार, मशीनों से जुड़े लोग और फैक्ट्री मालिक भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं।
विश्वकर्मा जयंती 2025 की तिथि और महत्व
विश्वकर्मा जयंती हर साल भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, यह दिन सितंबर में पड़ता है। वहीं, कुछ स्थानों पर इसे कन्या संक्रांति (17 या 18 सितंबर) के दिन भी मनाया जाता है। इस दिन का महत्व उन लोगों के लिए खास होता है, जो किसी न किसी रूप में निर्माण कार्य से जुड़े होते हैं, जैसे इंजीनियर, वास्तुकार, मैकेनिक, मशीन ऑपरेटर, भगवान विश्वकर्मा को दुनिया के पहले वास्तुकार और इंजीनियर के रूप में पूजा जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, उन्होंने देवताओं के कई अद्भुत महलों, अस्त्र-शस्त्रों और रथों का निर्माण किया था।
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विश्वकर्मा जयंती पर पूजा विधि
विश्वकर्मा जयंती के दिन विशेष रूप से फैक्ट्री, वर्कशॉप, निर्माण स्थलों, ऑटोमोबाइल शॉप और ऑफिस में पूजा की जाती है। पूजा विधि इस प्रकार है:
1. पूजा की तैयारी
-पूजा स्थल को अच्छे से साफ करें और एक चौकी पर भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
-हल्दी, चंदन, रोली, अक्षत और फूलों से पूजा करें।
-धूप-दीप जलाएं और भोग (मिठाई, फल आदि) अर्पित करें।
2. औजारों और मशीनों की पूजा
-इस दिन सभी औजारों, मशीनों और उपकरणों की साफ-सफाई कर उन पर हल्दी, कुमकुम और अक्षत लगाकर पूजा की जाती है।
-कर्मचारियों और कारीगरों के लिए प्रसाद वितरण किया जाता है।
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3. हवन और आरती
-पूजा के दौरान हवन किया जाता है, जिसमें ग्यारह या इक्कीस आहुतियां दी जाती हैं।
-अंत में भगवान विश्वकर्मा की आरती की जाती है और सभी को प्रसाद वितरित किया जाता है।
यहां विश्वकर्मा पूजा को भव्य रूप से मनाया जाता है। कुम्हारों, बढ़इयों, बुनकरों, लोहारों और स्वर्णकारों के लिए यह दिन बहुत खास होता है। बंगाल में पतंगबाजी का भी खास आयोजन होता है।
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