World Cancer Day 2025: जानिए क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड कैंसर डे? जानें इसके पीछे का क्या है कारण?
हर साल 4 फरवरी को दुनिया भर में लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करने के मकसद से विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। इस साल विश्व कैंसर दिवस मंगलवार को मनाया जा रहा है।
World Cancer Day 2025: कैंसर दुनियाभर में मौतों की दूसरी सबसे बड़ी वजह, ये हैं इसके लक्षण
World Cancer Day 2025: प्रतिवर्ष 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जाता है। इसे मनाने के पीछे की वजह लोगों को वैश्विक स्तर पर जागरूक करना होता है। क्योंकि हर वर्ष लाखों लोगों की कैंसर के कारण मौत हो जाती है। हम कैंसर को तभी मात दे पाएंगे जब हमें इसके बारे में सबकुछ पता होगा, ऐसे में हमें जानने की जरूरत होती है कि इसे कैसे रोका जाए। इस बात ध्यान में रखते हुए हर वर्ष वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जाता है। ऐसे में जानते हैं वर्ल्ड कैंसर डे का इतिहास क्या है।
क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड कैंसर डे?
हर साल 4 फरवरी को World Cancer Day मनाया जाता है। इसके पीछे का उद्देश्य, लोगों में इस जानलेवा बीमारी के बारे में जागरुकता फैलाना है। इस दिन कैंसर के बारे में जानकारी, इसके लक्षणों की पहचान कर, जल्द से जल्द इसका इलाज करवाना और इससे बचाव के तरीकों के बारे में लोगों को जानकारी देने की कोशिश की जाती है। अगर इस बीमारी से जुड़ी सभी जरूरी बातों के बारे में लोगों को पता होंगी, इसकी रोक-थाम करने में काफी मदद मिल सकती है।
क्या है वर्ल्ड कैंसर डे का इतिहास?
वर्ल्ड कैंसर डे का इतिहास काफी पुराना नहीं है। साल 1999 में, वर्ल्ड सम्मिट एगेन्स्ट कैंसर, पेरिस, में इस दिन को मनाने का प्रस्ताव दिया गया था। इसके बाद साल 2000 में 4 फरवरी को पहली बार वर्ल्ड कैंसर डे मनाया गया था। इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य कैंसर के खिलाफ, दुनिया के सभी देशों का साथ मिलकर युद्ध करें और इस जानलेवा बीमारी को खत्म करने में अपना पूरा संयोग दें। इस बीमारी से जुड़े शोध और देखभाल को बढ़ावा देना, इस दिन को मनाने का मुख्य लक्ष्य है।
क्या है वर्ल्ड कैंसर डे का महत्व
कैंसर एक गंभीर बीमारी है जिसे कोई भी नजरअंदाज नहीं कर सकता। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें मानव शरीर की कुछ कोशिकाएँ अनियंत्रित हो जाती हैं और अन्य अंगों में फैलने लगती हैं। कैंसर मानव शरीर के किसी भी हिस्से में उत्पन्न हो सकता है। घातक बीमारियों के लक्षण और संकेत अक्सर अंतिम चरण में ही प्रकट होते हैं, जिससे प्रारंभिक अवस्था में उन पर ध्यान नहीं दिया जाता है। कैंसर एक गंभीर समस्या हो सकती है, लेकिन इसका सबसे प्रभावी समाधान यह है कि आप इसके बारे में जानकारी प्राप्त करें।
जानिए कैसे हुई कैंसर की खोज
कैंसर शब्द की उत्पत्ति का श्रेय यूनानी चिकित्सक हिप्पोक्रेट्स को दिया जाता है। इन्हें चिकित्सा का जनक भी कहा जाता है। हिप्पोक्रेट्स ने ही गैर-अल्सर बनाने और अल्सर बनाने वाले ट्यूमर के बारे में बताते हुए कार्सिनो और कार्सिनोमा शब्द का इस्तेमाल किया। ग्रीक भाषा में ये शब्द एक केकड़े को लेकर बताया गया था। 70-80 करोड़ साल पहले डायनासोर जीवाश्मों में कैंसर सेल्स के प्रमाण देखे गए। 2003 में कई शोघ के बाद इस बात का पता चला।
ये हैं कैंसर के लक्षण
खाना निगलने में परेशानी होना, मुंह में बार-बार छाले होना, खाना अटकना, पेशाब की आदत में बदलाव, पेशाब रुक-रुक कर आना, अनियमित रक्तस्राव, अधिक थकावट लगना, लंबे समय तक खांसी रहना और खांसने पर खून आना, महिलाओं में गंदे पानी की शिकायत, अपच, पेट का फूलना और बच्चों में बुखार लंबे समय तक रहना, शरीर में गिल्टियां होना, वजन कम होना, भूख न लगना शुरुआती लक्षण हैं। इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
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