Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की वो 10 बातें, जो आपके जीवन में आएगी बेहद काम
आचार्य चाणक्य को कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है। आचार्य चाणक्य इतिहास के महान राजनीतिज्ञ, शिक्षक और दार्शनिकों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने चाणक्य नीति नामक ग्रंथ की रचना भी की, जिसमें राजनीति, युद्ध और जीवन से जुड़ी कई बातों का उल्लेख है, जिनसे व्यक्ति को सही दिशा में चलने का मार्गदर्शन मिलता है।
Chanakya Niti: समझदार लोग कभी न करें ये गलती, नहीं तो जीवन भर पड़ सकता है पछताना
Chanakya Niti: शायद ही कोई ऐसा होगा जिसे आचार्य चाणक्य या चाणक्य नीति के बारे में ना पता हो। बल्कि सबसे ज्ञानी और विद्वान पुरुष को आज भी लोग सबसे ज्यादा फॉलो करते हैं। सफलता हासिल करने के लिए चाणक्य नीति को भी पढ़ते हैं, जिसमें आचार्य ने मनुष्य जाति की भलाई के लिए कई तरह की बातों का जिक्र किया है। यहां तक कि इंसान को किन बुरी आदतों से बचना चाहिए, इसके बारे में भी बताया है।सफल होने के बाद ऊंचाई पर बने रहना भी कोई आसान काम नहीं होता है। अगर, सफलता की आखिरी सीढ़ी चढ़ते ही इंसान गलत आदते सीख जाए तो दोबारा नीचे भी आ सकता है। ऐसे में आपको उन 5 आदतों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी वजह से एक ताकतवर इंसान भी कमजोर बन सकता है। चाणक्य नीति के मुताबिक इंसान को इन बुरी आदतों को तुरंत बदल देना चाहिए।
किसी पर भरोसा न कर पाना
कहते हैं इंसान सबसे ज्यादा कमजोर तब होता है जब अकेला रह जाता है। आचार्य चाणक्य के मुताबिक अगर कोई इंसान किसी पर भी भरोसा नहीं कर पा रहा है तो उसके अकेले होने का कारण की यही है। किसी पर विश्वास न कर पाने की आदत इंसान को आगे नहीं बढ़ने देती है। जब अकेलापन बढ़ता है तो इंसान खुद को कमजोर समझने लगता है।
गलतियों को इग्नोर करना
कुछ लोगों की एक बहुत ही गलत आदत होती है कि वह अपनी गलतियों से सीखने की जगह उन्हें इग्नोर कर देते हैं। जबकि आचार्य चाणक्य के मुताबिक एक इंसान में अपनी गलतियों से सीखने का गुण हमेशा होना चाहिए। तो इंसान गलती से नहीं सीखता, वह कमजोर कहलाता है। और, जिंदगी में कभी आगे नहीं बढ़ जाता है। आपको बता दें आचार्य चाणक्य ने पढ़े लिखे मूर्ख लोगों की पहचान भी बताई है।
सफलता के लिए कर्म और ज्ञान
चाणक्य कहते हैं कि जिस प्रकार पक्षी अपने दो पंखों से उड़ता है, उसी प्रकार इंसान कर्म और ज्ञान के सहारे सफलता का शिखर छू सकता है। इसलिए अपने कर्म और ज्ञान को हमेशा सही दिशा में रखना चाहिए।
सम्मान और संसाधन का महत्व
चाणक्य कहते हैं जहां सम्मान न मिले, आजीविका के साधन उपलब्ध न हों, या ज्ञान प्राप्ति का मार्ग न हो, ऐसी जगह को तुरंत छोड़ देना चाहिए। किसी भी बुद्धिमान व्यक्ति के लिए यह बेहद जरूरी होता है।
शत्रु और मित्र के बारे में सावधानी
चाणक्य के अनुसार, शक्तिशाली शत्रु और कमजोर मित्र दोनों ही कष्ट का कारण बनते हैं। इनसे हमेशा सावधान रहना बेहद जरूरी है।
अतीत में फंसकर रह जाना
आचार्य चाणक्य के मुताबिक अतीत में फंसकर रहने वाले लोग कमजोर कहलाते हैं। शक्तिशाली होने के बाद भी सफलता को हासील नहीं कर पाते हैं। अगर, आप जिंदगी में आगे बढ़ता चाहते हैं तो आपको अतीत को पीछे छोड़ना होगा। सफलता के लिए जितना जल्दी हो सके अतीत को दीमाग से निकालकर बाहर कर देना चाहिए।
हर वक्त निगेटिव सोचना
अगर किसी इंसान के दिमाग में हर वक्त निगेटिव ख्या आते रहते हैं, छोटी-छोटी बातों पर शर्मिंदा होकर दूसरों से माफी मांगने लगता है। तो चाणक्य नीति के मुताबिक इस तरह की आदत कमजोर होने की ओर इशारा करती है। लाइफ में सक्सेस हासिल करने के लिए आपको निगेटिव सोच को दूर करके कॉन्फिडेंट रहना होगा।
भूख और बुद्धि का संबंध
बुद्धिमान व्यक्ति को कभी भूखा नहीं रहना चाहिए, क्योंकि भूखे रहने से बुद्धि कमजोर होती है जो व्यक्ति की छवि को नुकसान पहुंचा सकती है। वहीं भूखा रहने पर कई बार इंसान चिड़चिड़ा भी हो जाता है।
चुनौतियों से हमेशा दूर भागना
कुछ लोग भले ही ऊंचाई पर पहुंच जाएं या ताकतवर बन जाएं। लेकिन अगर वह चुनौतियों से घबरा रहे हैं या उनका सामना नहीं करना चाहते तो वह अंदर ही अंदर खोखला और कमजोर हो जाएगा। चाणक्य के मुताबिक अगर ऊंचाई पर पहुंचाने के बाद वहां टिके रहना है तो चुनौतियों का डट कर सामना करना सीखें।
सम्मान और संसाधन का महत्व
चाणक्य कहते हैं जहां सम्मान न मिले, आजीविका के साधन उपलब्ध न हों, या ज्ञान प्राप्ति का मार्ग न हो, ऐसी जगह को तुरंत छोड़ देना चाहिए। किसी भी बुद्धिमान व्यक्ति के लिए यह बेहद जरूरी होता है।
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