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Sharda Sinha Death: बिहार कोकिला के नाम से मशहूर शारदा सिन्हा का हुआ निधन, 72 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

शारदा सिन्हा के निधन पर PM मोदी ने शोक जाहिर किया है। PM मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, "सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है।

Sharda Sinha Death: शारदा सिन्हा के निधन पर पीएम मोदी समेत इन नेताओं ने जताया शोक, इस गाने से हुई थी बॉलीवुड में एंट्री


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Sharda Sinha Death: जानी-मानी लोक गायिका शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) का मंगलवार को निधन हो गया। दिल्ली के एम्स में उन्होंने 72 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। शारदा सिन्हा की तबीयत सोमवार को अचानक बिगड़ी थी, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। उन्हें बिहार की ‘स्वर कोकिला’ भी कहा जाता था। शारदा सिन्हा ने तमाम छठ गीतों (Chhat Geet) को अपनी आवाज दी थी। छठ पर्व के दौरान उनके इस दुनिया से अलविदा लेने से देश में शोक की लहर है। शारदा सिन्हा का बुधवार को पटना में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। शारदा सिन्हा के पति का हाल ही में ब्रेन हैमरेज से निधन हुआ था। इसके बाद से उनकी तबीयत भी खराब रहने लगी थी। बीते दिनों उन्हें बोन मैरो कैंसर डिटेक्ट हुआ था। जिसके बाद उनका इलाज AIIMS के अंकोलॉजी मेडिकल डिपार्टमेंट में चल रहा था।

PM मोदी ने जताया शोक

शारदा सिन्हा के निधन पर PM मोदी ने शोक जाहिर किया है। PM मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं। आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!”

गृह मंत्री अमित शाह ने दी श्रद्धांजलि

गृह मंत्री अमित शाह ने लोक गायिका शारदा सिन्हा को श्रद्धांजलि दी है। अमित शाह ने X पर लिखा, “अपनी मधुर आवाज़ से पांच दशकों से अधिक समय तक भारतीय संगीत को नई ऊंचाई देने वाली शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुःखी हूं। बिहार कोकिला के रूप में प्रसिद्ध शारदा सिन्हा जी ने मैथिली और भोजपुरी लोकगीतों को जन-जन का कंठहार बनाया और पार्श्व गायिका के रूप में फिल्म जगत को मंत्रमुग्ध करतीं रहीं। पूर्वांचल के लोक संस्कार उनकी आवाज़ के बिना अधूरे लगते हैं। इस छठ महापर्व पर उनका स्वर भक्तों को निश्चय ही और भी भावुक करेगा। दुःख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों के साथ हैं। छठी मैया दिवंगत आत्मा को श्रीचरणों में स्थान दें। ऊं शांति शांति शांति।”

शारदा सिन्हा का बिहार के सुपौल जिले में हुआ था जन्म

शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 में बिहार के सुपौल जिले के हुलास में हुआ था। उन्होंने बैचलर ऑफ एजुकेशन और म्यूजिक से MA किया है। उनके पिता सुखदेव ठाकुर शिक्षा विभाग में सीनियर अधिकारी हुआ करते थे। शारदा सिन्हा के पति का नाम ब्रजकिशोर सिन्हा था। हाल ही में ब्रेन हैमरेज से उनकी मौत हुई थी। उनके दो बच्चे हैं। बेटे का नाम अंशुमान सिन्हा और बेटी का नाम वंदना है।

1974 में पहली बार गाया भोजपुरी गीत

शारदा सिन्हा मुख्य तौर पर मैथिली और भोजपुरी में लोकगीत गाती थीं। उन्होंने 1974 में पहली बार भोजपुरी गीत गाना शुरू किया था। 1978 में शारदा सिन्हा ने पहली बार उग हो ‘सूरज देव गाना’ रिकॉर्ड किया।

‘कहे तोहसे सजना ये तोहरी सजानियां’ से बॉलीवुड में एंट्री

1989 में उनका गाना ‘कहे तोहसे सजना ये तोहरी सजानियां’ रिलीज हुई। इसी गाने से उनकी बॉलीवुड में एंट्री हुई। शारदा सिन्हा ने समस्तीपुर वीमेन कॉलेज में बतौर प्रोफेसर काम भी किया है। उन्होंने छठ के अलावा शादी, मुंडन, जनेऊ, विदाई और श्रद्धांजलि के गीत भी गाए हैं।

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इन पुरस्कारों से हो चुकीं सम्मानित

शारदा सिन्हा को 1991 में पद्मश्री अवॉर्ड मिल चुका है। 2000 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2006 में वो राष्ट्रीय अहिल्या देवी अवॉर्ड से सम्मानित हुईं। 2015 में बिहार सरकार ने उन्हें बिहार सरकार पुरस्कार से नवाजा। 2018 में भारत सरकार ने शारदा सिन्हा को पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था।

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