Goddess Lakshmi Origin: क्या है धन की देवी माता लक्ष्मी के दुनिया में आने की कहानी, जानें उनसे जुड़े धार्मिक महत्व
Goddess Lakshmi Origin: लक्ष्मी की कृपा साधक पर दोनों हाथों से बरसती है। मां लक्ष्मी का अनुग्रह पाकर रंक भी राजा बन जाता है। आइए माता लक्ष्मी के उत्पत्ति से जुड़ी कथा जानते हैं।
Goddess Lakshmi Origin: समुद्र मंथन के दौरान हुई थी देवी लक्ष्मी की उत्पत्ति
हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित हैं। जिस तरह सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ और मंगलवार का दिन बजरंग बली को समर्पित होता है, ठीक उसी प्रकार शुक्रवार का दिन भगवान विष्णु की अर्धांगिनी मां लक्ष्मी का माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि मां का कोई भी भक्त अगर शुक्रवार के दिन विधि-विधान से पूजा-आराधना करता है तो मां उससे प्रसन्न हो जाती हैं और उसे जीवन में कभी भी धन संबंधी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार माता लक्ष्मी की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी। Goddess Lakshmi क्षीर सागर में देवताओं और दानवों के बीच हुए समुद्र मंथन के दौरान मां का आविर्भाव हुआ था। Goddess Lakshmi Origin आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि माता लक्ष्मी की उत्पत्ति कैसे हुई थी। साथ ही माता लक्ष्मी के आठ स्वरूपों और उनके धार्मिक महत्व के बारे में भी जानेंगे।
ऐसे हुई थी माता लक्ष्मी की उत्पत्ति Goddess Lakshmi Origin
विष्णु पुराण के अनुसार, चिरकाल में एक बार ऋषि दुर्वासा ने स्वर्ग के देवराज इंद्र को सम्मान में फूलों की माला दी, जिसे राजा इंद्र ने अपने हाथी के सिर पर रख दिया। हाथी ने फूलों की माला को पृथ्वी पर फेंक दिया। Goddess Lakshmi Origin यह देख ऋषि दुर्वासा क्रोधित हो उठे और उन्होंने राजा इंद्र को श्राप दे दिया कि आपके इस अहंकार की वजह से आपका पुरुषार्थ क्षीण हो जाएगा। आपका राज-पाट छिन जाएगा। ऋषि दुर्वासा के श्राप से स्वर्गलोक लक्ष्मी विहीन हो गईं। स्वर्गलोक का ऐश्वर्य खो गया।
इसका लाभ उठाकर दैत्यों ने स्वर्ग पर आक्रमण कर दिया। दानवों का आतंक इतना बढ़ गया कि तीनों लोकों पर दानवों का आधिपत्य हो गया। इस वजह से राजा इंद्र का सिहांसन भी छिन गया। Goddess Lakshmi Origin तब देवतागण भगवान विष्णु के शरण में जा पहुंचे। भगवान ने देवताओं को समुद्र मंथन की सलाह देते हुए कहा कि इससे आपको अमृत की प्राप्ति होगी, जिसका पान करने से आप अमर हो जाएंगे। इस अमरत्व की वजह से आप दानवों को युद्ध में परास्त करने में सफल होंगे। Goddess Lakshmi Origin समुद्र मंथन मंदार पर्वत और वासुकि नाग की मदद से की गई।
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इसी समय जगत के पालनहार भगवान विष्णु ने कच्छप अवतार लेकर मंदार पर्वत को अपनी पीठ पर धारण किया। ऐसा कहा जाता है कि उस समय मंदार पर्वत को अपनी शक्ति पर अहंकार आ गया था। Goddess Lakshmi Origin अतः भगवान विष्णु ने मंदार पर्वत के अहंकार को समाप्त करने हेतु कच्छप अवतार लिया। समुद्र मंथन से 14 रत्नों समेत मां लक्ष्मी की उत्पत्ति हुई। जिसे भगवान विष्णु ने अर्धांग्नी रूप में धारण किया। Goddess Lakshmi OriginGoddess Lakshmi Origin इसी समय अमृत कलश भी प्राप्त हुआ था। अमृत पान कर देवता अमर हो गए। इसके बाद देवताओं और दानवों के मध्य भीषण युद्ध हुआ। इस युद्ध में दानवों की पराजय हुई। इस प्रकार समस्त लोकों में मां लक्ष्मी का पुनः आगमन हुआ।
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