Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the rank-math domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/admin/domains/hindi.oneworldnews.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the hustle domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/admin/domains/hindi.oneworldnews.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
Aja Ekadashi 2024: आज रखा जा रहा अजा एकादशी का व्रत, इन 3 दुर्लभ संयोग में करें पूजा, जानें कथा, जिसे पढ़ने और सुनने मात्र से मिलता है पुण्य
धार्मिक

Aja Ekadashi 2024: आज रखा जा रहा अजा एकादशी का व्रत, इन 3 दुर्लभ संयोग में करें पूजा, जानें कथा, जिसे पढ़ने और सुनने मात्र से मिलता है पुण्य

Aja Ekadashi 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार भाद्रपद महीने की अजा एकादशी 29 अगस्त 2024 गुरुवार को मनाई जाएगी। अजा एकादशी व्रत भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस व्रत को करने से साधक को सभी पापों से मुक्ति मिलती है।

Aja Ekadashi 2024: ये है अजा एकादशी व्रत की पूजा विधि, इन बातों का रखें ध्यान

वैदिक पंचांग के अनुसार भाद्रपद महीने की अजा एकादशी 29 अगस्त 2024 गुरुवार को मनाई जाएगी। अजा एकादशी व्रत भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस व्रत को करने से साधक को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। जब इस एकादशी के दिन दुर्लभ संयोग बनते हैं तो इसका महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। इन संयोगों में पूजा करने से व्रत रखने वाले लोगों को विशेष फल की प्राप्ति होती है। वहीं अजा एकादशी व्रत के दिन कुछ विशेष उपाय करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। चलिए जानते है अजा एकादशी व्रत के विशेष उपाय, किन संयोग में करें पूजा और क्या हे व्रत की कथा। तो आइए जानते हैं विस्तार से-

पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 29 अगस्त को 01 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगी और 30 अगस्त को 01 बजकर 37 मिनट पर खत्म होगी। Aja Ekadashi 2024 उदयातिथि के अनुसार अजा एकादशी का व्रत 29 अगस्त दिन गुरुवार को रखा जाएगा। इस एकादशी की खास बात ये है कि इस बार अजा एकादशी के दिन 3 शुभ संयोगों का निर्माण हो रहा है। पहला संयोग यह है​ कि भगवान विष्णु का यह व्रत गुरुवार के दिन है।

इन तीन दुर्लभ संयोग में करें पूजा Aja Ekadashi 2024

शास्त्रों के अनुसार, गुरुवार भगवान विष्णु की पूजा और व्रत का दिन माना जाता है। दूसरा संयोग यह है कि अजा एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। जो 29 अगस्त की शाम के समय 4:39 बजे से और पारण वाले दिन 30 अगस्त को सुबह 5:58 बजे खत्म होगा। तीसरा संयोग यह है कि व्रत वाले दिन सुबह में सिद्धि योग बनेगा, जो शाम 6:18 बजे तक रहेगा। यानि इन संयोगों में पूजा करने से लोगों को भगवान नारायण हरि की विशेष कृपा प्राप्त होगी।

अजा एकादशी व्रत की पूजा विधि Aja Ekadashi 2024

  • अजा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और शरीर को पवित्र करें।
  • अपने पूजा स्थल को अच्छे से साफ करें और वहां एक नया आसन बिछाएं।
  • दिन की शुरुआत में भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
  • पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कें या किसी पवित्र जल से स्थल को शुद्ध करें।
  • एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
  • भगवान के सामने घी का दीपक जलाएं।
  • भगवान विष्णु को फूल, फल, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
  • भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें। जैसे- ओम नमो नारायणाय।
  • अजा एकादशी की कथा का श्रवण करें।
  • अगले दिन ब्राह्मण को दान देकर और भोजन करके व्रत का पारण करें।

Read More:- Somwati Amavasya Daan 2024: दो दिन पड़ेगा सोमवती अमावस्या, पितरों को प्रसन्न करने के लिए इन चीजों का करें दान, जीवन में आ रही बाधाएं होंगी दूर

भगवान राम के पूर्वज से जुड़ी है अजा एकादशी की व्रत कथा Aja Ekadashi 2024

अजा एकादशी व्रत की कथा भगवान राम के पूर्वंज इक्ष्वाकु वंश के राजा राजा हरिश्चन्द्र से जुड़ी हुई है। राजा हरिश्चंद्र अत्यंत सत्यवादी राजा थे। अपने दिए वचन और अपनी सत्यता पूर्ति के लिए वे पत्नी तारामती और पुत्र राहुल रोहिताश्व तक को बेच देता है और स्वयं भी एक चाण्डाल का सेवक बन जाते हैं। राजा हरिश्चंद्र ने गौतम ऋषि के कहने पर अजा एकादशी का व्रत किया था, तब उन्हें कष्टों से मुक्ति मिली थी। आइए विस्तार से जानते हैं यह कथा, जिसे स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर सहित अन्य पांडवों को सुनाई थी।

युधिष्ठिर ने कहा, “हे पुण्डरीकाक्ष! मैंने श्रावण शुक्ल एकादशी अर्थात पुत्रदा एकादशी का सविस्तार वर्णन सुना। अब आप कृपा करके मुझे भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के विषय में भी बतलाइए। इस एकादशी का क्या नाम है और इसके व्रत का क्या विधान है? इसका व्रत करने से किस फल की प्राप्ति होती है?  Aja Ekadashi 2024 श्रीकृष्ण ने कहा, “हे कुन्तीपुत्र! भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी कहते हैं। इसका व्रत करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इस लोक और परलोक में मदद करने वाली इस एकादशी व्रत के समान संसार में दूसरा कोई व्रत नहीं है। अब ध्यानपूर्वक इस एकादशी का माहात्म्य श्रवण करो।”

“पौराणिक काल में भगवान श्री राम के वंश में अयोध्या नगरी में एक चक्रवर्ती राजा हरिश्चन्द्र नाम के एक राजा हुए थे। राजा अपनी सत्यनिष्ठा और ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध थे। एक बार देवताओं ने उनकी परीक्षा लेने की योजना बनाई। राजा ने स्वप्न में देखा कि ऋषि विश्ववामित्र को उन्होंने अपना राजपाट दान कर दिया है। सुबह विश्वामित्र वास्तव में उनके द्वार पर आकर कहने लगे तुमने स्वप्न में मुझे अपना राज्य दान कर दिया। राजा ने सत्यनिष्ठ व्रत का पालन करते हुए संपूर्ण राज्य विश्वामित्र को सौंप दिया। दान के लिए दक्षिणा चुकाने हेतु राजा हरिश्चन्द्र को पूर्व जन्म के कर्म फल के कारण पत्नी, बेटा एवं खुद को बेचना पड़ा।

Read More:- Pitru Paksha 2024: 17 सितंबर से शुरू हो रहे पितृपक्ष, इन तिथि पर करें पितरों के लिए तर्पण, 16 दिनों तक भूल से भी न करें ये काम

हरिश्चन्द्र को एक डोम ने खरीद लिया जो श्मशान भूमि में लोगों के दाह-संस्कार का काम करवाता था। स्वयं वह एक चाण्डाल का दास बन गया। उसने उस चाण्डाल के यहां कफन लेने का काम किया, किन्तु उसने इस आपत्ति के काम में भी सत्य का साथ नहीं छोड़ा। Aja Ekadashi 2024 जब इसी प्रकार उसे कई वर्ष बीत गए तो उसे अपने इस नीच कर्म पर बड़ा दुख हुआ और वह इससे मुक्त होने का उपाय खोजने लगा। वह सदैव इसी चिन्ता में रहने लगा कि मैं क्या करूं? किस प्रकार इस नीच कर्म से मुक्ति पाऊं? एक बार की बात है, वह इसी चिन्ता में बैठा था कि गौतम ऋषि उसके पास पहुंचे।

हरिश्चन्द्र ने उन्हें प्रणाम किया और अपनी दुःख-भरी कथा सुनाने लगे। राजा हरिश्चन्द्र की दुख-भरी कहानी सुनकर महर्षि गौतम भी अत्यन्त दुःखी हुए और उन्होंने राजा से कहा, “हे राजन! भादो माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम अजा है। तुम उस एकादशी का विधानपूर्वक व्रत करो और रात्रि को जागरण करो। इससे तुम्हारे सभी पाप नष्ट हो जाएंगे।” महर्षि गौतम इतना कहकर अंतर्धान हो गए। अजा नाम की एकादशी आने पर राजा हरिश्चन्द्र ने महर्षि गौतम के कहे अनुसार विधानपूर्वक उपवास और रात्रि जागरण किया। इस व्रत के प्रभाव से राजा के सभी पाप नष्ट हो गए।

उस समय स्वर्ग में नगाड़े बजने लगे और पुष्पों की वर्षा होने लगी। उन्होंने अपने सामने ब्रह्मा, विष्णु, महेश और देवेन्द्र आदि देवताओं को खड़ा पाया। उन्होंने अपने मृतक पुत्र को जीवित और अपनी पत्नी को राजसी वस्त्र और आभूषणों से परिपूर्ण देखा। व्रत के प्रभाव से राजा को पुनः अपने राज्य की प्राप्ति हुई। वास्तव में एक ऋषि ने राजा की परीक्षा लेने के लिए यह सब माया रची गई थी, परन्तु अजा एकादशी के व्रत के प्रभाव से ऋषि द्वारा रची गई सारी माया समाप्त हो गई और अंत समय में हरिश्चन्द्र अपने परिवार सहित स्वर्ग लोक को गए।”

We’re now on WhatsApp. Click to join

यह कहा सुनाने के बाद मधुसूदन भगवान ने युधिष्ठिर से कहा, “हे राजन! यह सब अजा एकादशी के व्रत का प्रभाव था। Aja Ekadashi 2024  जो मनुष्य इस उपवास को विधानपूर्वक करते हैं और रात्रि-जागरण करते हैं, उनके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और अंत में वे स्वर्ग को प्राप्त करते हैं। इस एकादशी व्रत की कथा के श्रवण मात्र से ही अश्वमेध यज्ञ के फल की प्राप्ति हो जाती है।” ॥ जय श्री हरि ॥

अजा एकादशी के दिन इन बातों का रखें ध्यान Aja Ekadashi 2024

  • इस दिन पूरी तरह से शुद्ध रहें। स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • यदि आप पूरा व्रत नहीं रख पा रहे हैं तो सात्विक भोजन करें। इसमें फल, सब्जियां, दूध और दही शामिल हैं।
  • इस दिन किसी भी प्रकार की हिंसा से बचें।
  • मन में नकारात्मक विचार न लाएं।
  • यदि संभव हो तो दान करें।
  • किसी की निंदा या चर्चा न करें।

अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com

vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
Back to top button