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Breast Feeding in Public Places: जाने पब्लिक प्लेस में ब्रेस्टफीडिंग करना कितना सही, क्या है इस पर लोगों की राय

हर साल दुनियाभर में ब्रेस्टफीडिंग वीक मनाया जाता है। हर साल ये दिन दुनियाभर में 1 अगस्त से लेकर 7 अगस्त के बीच मनाया....

Breast Feeding in Public Places: जाने पब्लिक प्लेस में ब्रेस्टफीडिंग का बच्चे की सेहत पर प्रभाव

Breast Feeding in Public Places: क्या आपको पता है हर साल दुनियाभर में ब्रेस्टफीडिंग वीक मनाया जाता है। हर साल ये दिन दुनियाभर में 1 अगस्त से लेकर 7 अगस्त के बीच मनाया जाता है। ब्रेस्टफीडिंग वीक मनाने का मुख्य कारण लोगों तक बच्चे और मां के लिए ब्रेस्टफीडिंग कितनी जरूरी है यह संदेश पहुंचाना और इसके प्रति जागरूत फैलाना है। आपको बता दें इस साल ब्रेस्टफीडिंग वीक की थीम “आइए स्तनपान कराएं और काम करें, काम करें!” है। इस साल की ये थीम वर्किंग महिलाओं और बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग के तालमेल से जुड़ा है।

जाने कब मनाया गया था पहली बार ब्रेस्टफीडिंग वीक

आपको बता दें कि पहली बार आधिकारिक तौर पर ब्रेस्टफीडिंग ववेक (Breast Feeding in Public Places) साल 1992 में मनाया गया था। अपने देखा होगा बहुत सी महिलाएं ट्रैवल या फिर कहीं आने जाने के दौरान पब्लिक प्लेस पर भी अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराती हैं, लेकिन सेहत के लिहाज से पब्लिक प्लेस में ब्रेस्टफीडिंग कराना मां और बच्चे की सेहत के लिए कितना सही है आइए जानते हैं।

Breast Feeding in  Public Places
Breast Feeding in  Public Places

जाने कैसे ब्रेस्टफीडिंग मां और बच्चे दोनों के लिए जरूरी है

ये बात तो शायद आप जानते ही होंगे या फिर अपने भी सुनी होगी कि बच्चे के जन्म के बाद कम से कम 6 महीने तक सिर्फ मां का दूध ही पीना चाहिए। ये बात हम नहीं कह रहे है इस चीज की सलाह डॉक्टर भी देते हैं। ये सिर्फ बच्चे की ही नहीं बल्कि मां की सेहत के लिए भी बहुत अच्छा है। इससे महिलाएं कई सेहत से जुड़ी समस्याओं से खुद को बचा पाती हैं। इससे महिला का संक्रमण के खतरे, डायबिटीज और हाई बीपी से बचाव होता है। हालांकि एक मां को कई बार इस दौरान बहुत सी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। खासतौर से जब वे पब्लिक प्लेस में होती हैं।

ब्रेस्टफीडिंग पब्लिक प्लेस पर कराने से सेहत पर प्रभाव

आज के समय पर पब्लिक प्लेस पर बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग (Breast Feeding in Public Places) कराने का मुद्दा एक विवादित रूप ले चुका है। क्योंकि कुछ लोग इसे गलत, तो कुछ इसे प्राकृतिक क्रिया मानते हैं। आमतौर से महिलाओं को पब्लिक प्लेस में ब्रेस्टफीडिंग कराते शर्म या फिर कहें कि हिचकिचाहट महसूस होती हैं। हालांकि आयुर्वेद में भी इससे जुड़ी कई बातें बताई गई हैं जिनका ध्यान रखना चाहिए।

Breast Feeding in  Public Places

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1. पब्लिक प्लेस हो या फिर घर मां को ब्रेस्टफीडिंग (Breast Feeding in Public Places) कराने से पहले अपने कंफर्ट का ध्यान रखना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार ब्रेस्टफीडिंग के दौरान एक मां को अपने कंफर्ट का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है इससे वे स्वस्थ भी रहती है और शांति से ब्रेस्टफीडिंग भी करा पाती है। इसके साथ ही शरीर भी शिशु को पूरी तरह से पोषित कर पाता है।

2. आपको बात दें ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मां के लिए हेल्दी डाइट लेना बहुत जरूरी होता है। आयुर्वेद में ब्रेस्टफीडिंग करा रही महिलाओं को शतावरी, गोखरू, मेथी और लहसुन खाना चाहिए। इससे शरीर में कमजोरी नहीं होती है।

3. पब्लिक प्लेस में ब्रेस्टफीडिंग कराते समय आपको सही स्थान का चुनाव करना चाहिए। आयुर्वेद में स्वस्थ और शुद्ध वातावरण को महत्व दिया गया है। शांति और स्वच्छता के साथ ब्रेस्टफीडिंग करना बहुत महत्व रखता है।

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