Masik Shivratri Puja Vidhi: भोलेनाथ को करना है प्रसन्न तो मासिक शिवरात्रि पर ऐसे करें पूजन, पूरी होगी हर मनोकामना, जीवन में आएगी खुशहाली
Masik Shivratri Puja Vidhi: कहा जाता है कि भोलेनाथ को शिवरात्रि का व्रत कर जल्दी ही प्रसन्न किया जा सकता है। मान्यताओं के अनुसार मासिक सोमवार, शिवरात्रि और प्रदोष व्रत भगवान शिव को बेहद प्रिय है।
Masik Shivratri Puja Vidhi: तीन शुभ संयोग में पड़ रहा मासिक शिवरात्रि, जानें किन मंत्रों का करें जाप
हिंदू धर्म में मान्यता है कि जिस व्यक्ति को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त हो उसे कभी भी कोई कष्ट नहीं होता। उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। कहा जाता है कि भोलेनाथ को शिवरात्रि का व्रत कर जल्दी ही प्रसन्न किया जा सकता है। मान्यताओं के अनुसार मासिक सोमवार, शिवरात्रि और प्रदोष व्रत भगवान शिव को बेहद प्रिय है। ऐसा माना जाता है कि मासिक शिवरात्रि पर शिव जी को प्रसन्न करना बहुत ही आसान है। भगवान शिव की प्रसन्नता के लिए सामर्थ्य अनुसार तीनों या कोई भी व्रत करना श्रेयस्कर होता है। सोमवार का व्रत करने से कुंडली में चन्द्रमा की स्थिति मजबूत होती है और चंद्र ग्रह के दोष दूर होते हैं। Masik Shivratri Puja Vidhi
वैशाख की मासिक शिवरात्रि वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाएगी। इस बार की वैशाख मासिक शिवरात्रि पर 3 शुभ संयोग बन रहे हैं। जिसमें भोलेनाथ की पूजा की जाएगी। यह मासिक शिवरात्रि अंग्रेजी कैलेंडर के पांचवे माह मई में है। इस वजह से यह मई की मासिक शिवरात्रि भी है। मासिक शिवरात्रि के दिन भद्रा का साया है और पंचक भी होगा, लेकिन भगवान शिव तो महाकाल हैं, उनकी पूजा में भद्रा, पंचक या राहुकाल की बाधा नहीं होती है। वैशाख मासिक शिवरात्रि 6 मई को मनाई जाएगी। इसी दिन व्रत रखा जाएगा और भोलेनाथ की पूजा की जाएगी।
विधि-विधान से करें व्रत Masik Shivratri Puja Vidhi
कहा जाता है कि यदि मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की विधि-विधान से व्रत पूजा की जाए तो विशेष पुण्य मिलता है। भगवान शिव केवल सामान्य जलाभिषेक और पूजा-अर्चना से ही खुश हो जाते हैं जिससे दांपत्य जीवन में मधुरता आती है और जिन कन्याओं के विवाह में कोई बाधा आ रही है वो भी दूर होती है। शिवरात्रि का व्रत अत्यंत शुभ और फलदाई माना जाता है। जो भी व्यक्ति उपवास करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। उसे कभी भी कोई कष्ट नहीं होता. मनचाहे वर और शादी में आ रही रुकावटों को दूर करने के लिए यह व्रत किया जाता है।
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3 शुभ संयोग में मासिक शिवरात्रि Masik Shivratri Puja Vidhi
6 मई को मासिक शिवरात्रि के दिन 3 शुभ संयोग बन रहे हैं। वैशाख की मासिक शिवरात्रि सोमवार के दिन पड़ रही है। सोमवार के दिन शिव पूजा का विधान है। वहीं उस दिन प्रीति योग और आयुष्मान योग बन रहे हैं। प्रीति योग प्रात: काल से लेकर 7 मई को 12:29 एएम तक है, उसके बाद आयुष्मान योग बनेगा। ये दोनों ही शुभ योग हैं। मासिक शिवरात्रि के दिन रेवती नक्षत्र सुबह से शाम 05:43 पीएम तक है, उसके बाद अश्विनी नक्षत्र है।
मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त Masik Shivratri Puja Vidhi
वैशाख माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 06 मई को दोपहर 02 बजकर 40 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 07 मई को सुबह 11 बजकर 40 मिनट पर होने जा रहा है। मासिक शिवरात्रि में भगवान शिव की पूजा रात्रि में करने का विधान है। ऐसे में मासिक शिवरात्रि का व्रत 06 मई, सोमवार के दिन रखा जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त – रात 11 बजकर 56 मिनट से रात्रि 12 बजकर 39 मिनट तक है।
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मासिक शिवरात्रि पूजा विधि Masik Shivratri Puja Vidhi
मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करें। इसके बाद स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ-सुथरे वस्त्र पहनें। सबसे पहले सूर्य देव को जल अर्पित करें और इसके बाद भगवान शिव के साथ-साथ समस्त शिव परिवार की अराधना करें। पूजा के दौरान कच्चे दूध, गंगाजल और जल से शिव जी का अभिषेक करें और बेलपत्र, धतूरा, भांग आदि अर्पित करें। भोग लगाने के बाद शिव जी की आरती करके शिव चालीसा व शिव के मंत्रों का जाप करें। संध्याकाल में शुभ मुहूर्त में पुनः विधि-विधान पूर्वक भगवान शिव और माता पार्वती की आरधाना करें और फलाहार से अपना उपवास खोलें। प्राचीन काल में माता लक्ष्मी, रुकमणी आदि देवियों ने भी भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के लिए यह व्रत किए थे।
ये हैं शिव जी के मंत्र Masik Shivratri Puja Vidhi
- ऊं नम:शिवाय
- ऊं महादेवाय नमः
- ऊं महेश्वराय नमः
- ऊं श्री रुद्राय नमः
- ऊं नील कंठाय नमः
- ऊं शंकराय नमः
- ऊं त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
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