PPF vs SIP: जानिए क्या हैं SIP और PPF के फायदें, कौन सी स्कीम होगी आपके लिए बेस्ट
अगर आपको लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना है तो पब्लिक प्रोविडेंट फंड और सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान में से किसी एक को चुन सकते हैं। इन दोनों में ही लंबी अवधि में शानदार रिटर्न मिलता है।
PPF vs SIP: जानिए 15 साल में कौन सी स्कीम बनाएगी आपको मालामाल? ऐसे करें निवेश
PPF vs SIP:आज निवेश के कई विकल्प उपलब्ध हैं। कुछ में बिना जोखिम के ठीकठाक रिटर्न मिलता है। वहीं, कुछ अच्छा रिटर्न देते हैं। पब्लिक प्रोविडेंट फंड और सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान इसी तरह के विकल्प हैं। यह दोनों ही लॉन्ग-टर्म प्लान होते हैं। PPF सरकार की योजना है। इसमें आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहता है और रिटर्न भी गारंटीड मिलता है। वहीं, SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश किया जाता है। इसमें थोड़ा जोखिम रहता है, क्योंकि रिटर्न मार्केट में उतार-चढ़ाव के हिसाब से कम या ज्यादा हो सकता है।
PPF का हिसाब-किताब क्या है?
आप 500 रुपये साथ PPF अकाउंट खुलवा सकते हैं। एक साल में अधिकतम निवेश की सीमा डेढ़ लाख रुपये तक है। आपके निवेश को मैच्योर होने में 15 साल लगते हैं। इसे आप 5-5 साल के लिए बढ़ा भी सकते हैं। PPF में फिलहाल 7.1 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है। इसमें कंपाउंडिंग का फायदा भी मिलता है, तो रिटर्न की रकम लंबी अवधि में काफी ज्यादा हो जाती है। इसमें टैक्स छूट भी मिलती है।
SIP में क्या फायदा है?
SIP के जरिए आप म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। अगर आप को स्टॉक मार्केट की ज्यादा समझ नहीं है, तो आप म्यूचुअल फंड में पैसे लगा सकते हैं। ये लोग अच्छे से रिसर्च करके स्टॉक में पैसे लगाते हैं।आप निवेश की शुरुआत 100 रुपये से भी कर सकते हैं। अधिकतम निवेश की कोई लिमिट नहीं। आपके पास जितना पैसा हो, उतना लगाइए। मैच्योरिटी का भी कोई तय पीरियड नहीं है। आप अपनी सुविधा अनुसार इसे कभी भी बंद कर सकते हैं। चूंकि, SIP का रिटर्न मार्केट के प्रदर्शन से जुड़ा होता है, तो कोई फिक्स रिटर्न नहीं होता। लेकिन, औसतन रिटर्न की बात करें, तो यह 12 फीसदी है।
PPF के फीचर्स
1. 15 साल बाद मैच्योर होती है। मैच्योरिटी के बाद 5-5 साल के ब्लॉक में एक्सटेंशन कराया जा सकता है।
2. 7.1 फीसदी के हिसाब से ब्याज मिलता है। कंपाउंडिंग का फायदा मिलने से रकम तेजी से बढ़ती है।
3. इसमें न्यूनतम 500 रुपए और अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक सालाना जमा किए जा सकते हैं।
4. पीपीएफ को टैक्स सेविंग के लिहाज से काफी अच्छा माना जाता है। इसमें EEE कैटेगरी का इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट है।
5. सरकारी बैंक या पोस्ट ऑफिस में इस अकाउंट को खोला जा सकता है।
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SIP के फीचर्स
1. ये स्कीम मार्केट लिंक्ड है। SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश किया जाता है।
2. इसमें सीधेतौर पर स्टॉक में पैसे लगाने की तुलना में ये कम जोखिम भरी है।
3. इसमें आपको रुपी कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा मिलता है। इसके कारण मार्केट में गिरावट आने पर भी आप लॉस में नहीं जाते।
4. मार्केट लिंक्ड होने के कारण SIP में गारंटीड रिटर्न तो नहीं है, लेकिन इसका औसतन रिटर्न 12 फीसदी माना जाता है।
5. SIP 100 और 500 रुपए से भी शुरू कर सकते हैं, अधिकतम निवेश की सीमा नहीं है।
6. इसका निश्चित मैच्योरिटी पीरियड नहीं है। आप इसे इच्छानुसार कम या ज्यादा लंबी अवधि के लिए चला सकते हैं। कभी भी रोक सकते हैं या बंद कर सकते हैं।
7. SIP में भी कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है। एसआईपी जितना लंबे समय के लिए होगी कम्पाउंडिंग का फायदा उतना ज्यादा होगा।
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