Rain Tax: कनाडा में लग सकता है रेन टैक्स, सरकार के खिलाफ फूटा लोगों का गुस्सा
Rain Tax: कनाडा के टोरंटो में कुछ इसी तरह का टैक्स शुरू होने जा रहा है। इसका एलान वहां की सरकारी वेबसाइट पर हो चुका है। टोरंटो समेत लगभग पूरे कनाडा में स्टॉर्मवॉटर मैनेजमेंट भारी समस्या रहा। पिछली बारिश में देश की राजधानी ओटावा में सड़कें पानी से भर चुकी थीं।
Rain Tax: क्या है रेन टैक्स? जानें और किन-किन देशों में है अजीबोगरीब टैक्स
सरकारों द्वारा जनता से टैक्स (Tax) वसूलना कोई नई बात नहीं है। प्राचीन काल में राजा-महाराजा लोगों से टैक्स लेते थे। अब राजा-महाराजाओं का राज तो नहीं रहा, पर टैक्स अब भी सीना ताने खड़े हैं। आमतौर पर राज्य नागरिकों को जो सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं, उसकी एवज में टैक्स लेते हैं। आय, संपत्ति, बिक्री, वाहन पंजीकरण आदि पर वो टैक्स वसूलते हैं। लेकिन क्या आपने सुना है कि कहीं बारिश पर भी टैक्स (Rain Tax) लगा हो। अगर नहीं सुना तो आज जान लें। यह कारनामा किया था अमेरिका के मैरीलैंड राज्य की सरकार ने। लेकिन अब कनाडा में भी बारिश के पानी पर टैक्स लग सकता है।
कनाडा के टोरंटो में कुछ इसी तरह का टैक्स शुरू होने जा रहा है। इसका एलान वहां की सरकारी वेबसाइट पर हो चुका है। टोरंटो समेत लगभग पूरे कनाडा में स्टॉर्मवॉटर मैनेजमेंट भारी समस्या रहा। पिछली बारिश में देश की राजधानी ओटावा में सड़कें पानी से भर चुकी थीं। यहां तक कि लोगों का जरूरी कामों के लिए आना-जाना मुश्किल हो गया। कनाडा में ऐसी दिक्कत अक्सर हो जाती है। इसे संभालने के लिए वहां स्टॉर्म ड्रेनेज बनाया गया है। ये खास तरह का सिस्टम होता है, जिससे एक्स्ट्रा पानी, जो जमीन या पेड़-पौधे नहीं सोख पाते, वो बाहर निकलता है। यह तरीका सभी देशों में अपनाया जाता है।
नालियों को जाम करने लगता है बारिश का पानी
असल में सड़कों, फुटपाथ, कार पार्किंग, मकान, जैसी पक्कों जगहों पर कंक्रीट के चलते पानी तेजी से सूख नहीं पाता। यही उफनकर सड़कों पर बहने या नालियों को जाम करने लगता है। कनाडा में परेशानी और भी ज्यादा है क्योंकि वहां केवल बारिश नहीं, बल्कि जमकर बर्फबारी भी होती है। ये बर्फ भी रनऑफ पैदा करती है। यहां बता दें कि रनऑफ तब दिखता है, जब जमीन जितना पानी सोख सके, उससे ज्यादा पानी बरस जाए।
टैक्स को लेकर हो रहा बवाल
इससे टोरंटो में फ्लडिंग तो होती ही है, चूंकि पानी नालियों के रास्ते घरों तक जाने लगता है तो पीने के पानी की क्वालिटी भी खराब होने लगी थी। रनऑफ को संभालने के लिए टोरंटो प्रशासन ने स्ट्रॉर्मवॉटर चार्ज एंड वॉटर सर्विस चार्ज कंसल्टेशन की बात की। प्रशासन इसे सारी प्रॉपर्टीज पर लगा सकता है, जिसमें रिहाइशी इमारतों के अलावा दफ्तर, रेस्त्रां जैसे स्ट्रक्चर भी शामिल होंगे। इसी बात को लेकर बवाल हो रहा है। अब भी टोरंटो के लोग पानी पर टैक्स देते हैं। इसमें स्टॉर्मवॉटर मैनेजमेंट का खर्च भी शामिल है।
जहां रनऑफ ज्यादा, वहां लगेगा भारी टैक्स
अब नया टैक्स और लगने से खासकर ऐसी जगहों पर रहते लोगों पर भारी टैक्स लगेगा, जहां रनऑफ ज्यादा है। यानी जहां पर घनी आबादी हो क्योंकि इमारतों की वजह से वहां पानी सूख नहीं पाएगा। टैक्स अलग-अलग इलाकों में अलग हो जाएगा। जैसे जहां ज्यादा घनी बसाहट है, वहां कुल हार्ड सरफेस देखा जाएगा। इसमें घर ही नहीं, ड्राइववे, पार्किंग लॉट और कंक्रीट से बनी बाकी चीजें शामिल हैं। जिन जगहों पर इमारतें कम हैं, वहां रनऑफ भी कम रहेगा, जिससे टैक्स भी घट जाएगा। कनाडा में पर्सनल टैक्स वैसे भी काफी ज्यादा माने जाते हैं।
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लोगों में नाराजगी
फाइनेंशियल पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, ये देश दुनिया के कुछ सबसे ज्यादा पर्सनल कर लगाने वाले देशों की श्रेणी में आता है, हालांकि इससे भी ऊपर कई सारे देश हैं। दूसरी वजह ये भी है कि फिलहाल रेन टैक्स में कई बातें साफ नहीं। जैसे जो लोग किराए के घरों में रह रहे हैं, या जो होमलेस हैं, उनके साथ क्या होगा। कनाडा इन दिनों अपनी फॉरेन पॉलिसी को लेकर भी कई बार घिर चुका है। ऐसे में लोग नाराज हैं ही।
सोशल मीडिया पर भड़का गुस्सा
इस पर इस अजीबोगरीब टैक्स से गुस्सा और भड़क उठा। लोग सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी दिखा रहे हैं। साल 2017 में भी कनाडाई सरकार ने इस टैक्स की बात की थी। इसे लेकर टोरंटो के मेयर जॉन टोरी की कमेटी ने वोटिंग भी लेकिन रेन टैक्स के पक्ष में काफी कम मतदान की वजह से टैक्स लग नहीं सका।
इन देशों में अजीबोगरीब टैक्स
- स्वीडन में बच्चों के नामों को स्वीडिश टैक्स एजेंसी से अप्रूव कराना होता है। अगर जन्म के 5 सालों के भीतर ये न करें तो भारी जुर्माना लगता है। ये नियम लोगों को रॉयल नामों के इस्तेमाल से रोकने के लिए बना था, जो अब तक चला आ रहा है।
- डेनमार्क और न्यूजीलैंड में कई बार गायों की डकार पर टैक्स लगाने की बात हुई। ये प्रस्ताव लगभग लागू होने जा रहा था, लेकिन पशुपालकों से गुस्से से उसे वापस लेना पड़ा। असल में कई शोध मानते हैं कि गायों की डकार में जो मीथेन गैस होती है, वो पॉल्यूशन बढ़ा रही है। अब टैक्स की बजाए सरकार ऐसा चारा तैयार करवा रही है, जिससे मीथेन कम निकले।
- चीन के हुबेई में अलग ही मामला हुआ। साल 2009 के दौरान वहां सिगरेट न पीने पर टैक्स देने का नियम आ गया था। ये मंदी के बाद का दौर था, जिससे उबरने के लिए कई तरीके अपनाए गए। ये भी उनमें से एक था।
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