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Anna Hazare On Arvind Kejriwal: दिल्ली सीएम की गिरफ्तारी पर बोले अन्ना हजारे, कहा- कर्मों का फल मिला है
दिल्ली

Anna Hazare On Arvind Kejriwal: दिल्ली सीएम की गिरफ्तारी पर बोले अन्ना हजारे, कहा- कर्मों का फल मिला है

Anna Hazare On Arvind Kejriwal: सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर राजनीति चरम पर है। भाजपा जहां केजरीवाल और उनकी पार्टी पर हमलावर है तो वहीं आम आदमी पार्टी भाजपा पर साजिश रचने का आरोप लगा रही है।

Anna Hazare On Arvind Kejriwal: क्या है शराब घोटाला, कैसे शुरू हुई जांच

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर राजनीति तेज हो गई है। भाजपा जहां केजरीवाल और उनकी पार्टी पर हमलावर है तो वहीं आम आदमी पार्टी भाजपा पर साजिश रचने का आरोप लगा रही है। इस बीच केजरीवाल के गुरु अन्ना हजारे का भी उनकी गिरफ्तारी पर बयान आया है। अन्ना हजारे ने कहा कि उनके कर्मों के कारण ही उनकी गिरफ्तारी हुई है।

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए अन्ना हजारे ने कहा, “मैं बहुत दुखी हूं कि अरविंद केजरीवाल जो कभी मेरे साथ काम करते थे, उन्होंने शराब के खिलाफ अपनी आवाज उठाई थी। अब वह खुद शराब नीतियां बना रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी उनके कर्मों के कारण ही हुई है।” अन्ना हजारे ने मीडिया को बताया कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल को इस तरह की नीति लागू नहीं करने की चेतावनी दी थी।

उन्होंने कहा, “मैंने बोला था कि हमारा काम शराब नीति बनाना नहीं है। एक छोटा बच्चा भी यह जानता है कि शराब बुरी चीज है। लेकिन उन्होंने नीति बनाई। उन्हें लगा कि वह इससे ज्यादा पैसे कमा लेंगे, इस वजह से उन्होंने इस नीति को लागू किया। मैंने उन्हें दो बार चिट्ठी भी लिखी।” बता दें कि शराब घोटाला मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के अलावा विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, समीर महेंद्रू, पी सरथ चंद्रा, बिनोय बाबू, अमित अरोड़ा, गौतम मल्होत्रा, राघव मंगुटा, राजेश जोशी, अमन ढाल, अरुण पिल्लई, मनीष सिसोदिया, दिनेश अरोड़ा, संजय सिंह, के. कविता को गिरफ्तार किया गया है।

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अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल का रिश्ता

जनलोकपाल बिल आंदोलन के दौरान अन्ना हजारे की कोर टीम में शामिल अरविंद केजरीवाल का नाम जनता के सामने आया था। 2011 में शुरू हुई इस आंदोलन में केजरीवाल एक प्रमुख चेहरा थे, जिन्होंने अन्ना हजारे के साथ मिलकर जन लोकपाल विधेयक को लागू करने की मांग की थी। अन्ना हजारे ने नई दिल्ली में जंतर मंतर पर भूख हड़ताल शुरू की। इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने किरण बेदी के साथ मिलकर विदेशों से काले धन को वापस लाने के लिए तत्कालीन सरकार को घेरा था।

क्या है शराब घोटाला?

इन तमाम घटनाक्रमों के बीच सवाल उठते हैं कि आखिर शराब घोटाला है क्या? नई शराब नीति क्या थी? इसमें किस तरह के भ्रष्टाचार के आरोप हैं? आप नेताओं पर क्या आरोप हैं जिसकी वजह से उनकी गिरफ्तारी हुई है?

17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की। इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई नीति लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं।

सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा। सरकार ने लाइसेंस की फीस भी कई गुना बढ़ा दी। जिस एल-1 लाइसेंस के लिए पहले ठेकेदारों को 25 लाख देना पड़ता था, नई शराब नीति लागू होने के बाद उसके लिए ठेकेदारों को पांच करोड़ रुपये चुकाने पड़े। इसी तरह अन्य कैटेगिरी में भी लाइसेंस की फीस में काफी बढ़ोतरी हुई।

घोटाले के आरोप क्यों लगे?

नई शराब नीति से जनता और सरकार दोनों को नुकसान होने का आरोप है। वहीं, बड़े शराब कारोबारियों को फायदा होने की बात कही जा रही है। भारतीय जनता पार्टी का यही आरोप है। तीन तरह से घोटाले की बात सामने आ रही है। इसे समझने के लिए हम थोड़ा आंकड़ों पर नजर डाल लेते हैं। शराब ब्रिकी के लिए ठेकेदारों को लाइसेंस लेना पड़ता है। इसके लिए सरकार ने लाइसेंस शुल्क तय किया है।

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सरकार ने कई तरह की कैटेगिरी बनाई है। इसके तहत शराब, बीयर, विदेशी शराब आदि को बेचने के लिए लाइसेंस दिया जाता है। अब उदाहरण के लिए पहले जिस लाइसेंस के लिए ठेकेदार को 25 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ता था, नई शराब नीति लागू होने के बाद उसी के लिए पांच करोड़ रुपये देने पड़े। आरोप है कि दिल्ली सरकार ने जानबूझकर बड़े शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाइसेंस शुल्क बढ़ाया।

सरकार बता रही फायदे का सौदा

इससे छोटे ठेकेदारों की दुकानें बंद हो गईं और बाजार में केवल बड़े शराब माफियाओं को लाइसेंस मिला। विपक्ष का आरोप ये भी है कि इसके एवज में आप के नेताओं और अफसरों को शराब माफियाओं ने मोटी रकम घूस के तौर पर दी। सरकार का तर्क है कि लाइसेंस फीस बढ़ाने से सरकार को एकमुश्त राजस्व की कमाई हुई। इससे सरकार ने जो उत्पाद शुल्क और वैट घटाया उसकी भरपाई हो गई।

खुदरा बिक्री में सरकारी राजस्व में भारी कमी होने का आरोप

दूसरा आरोप शराब की बिक्री को लेकर है। उदाहरण के लिए मान लीजिए पहले अगर 750 एमएल की एक शराब की बोतल 530 रुपये में मिलती थी। तब इस एक बोतल पर रिटेल कारोबारी को 33.35 रुपये का मुनाफा होता था, जबकि 223.89 रुपये उत्पाद कर और 106 रुपये वैट के रूप में सरकार को मिलता था। मतलब एक बोतल पर सरकार को 329.89 रुपये का फायदा मिलता था। नई शराब नीति से सरकार के इसी मुनाफे में खेल होने दावा किया जा रहा है।

दावा है कि नई शराब नीति में वही 750 एमएल वाली शराब की बोतल का दाम 530 रुपये से बढ़कर 560 रुपये हो गई। इसके अलावा रिटेल कारोबारी का मुनाफा भी 33.35 रुपये से बढ़कर सीधे 363.27 रुपये पहुंच गया। मतलब रिटेल कारोबारियों का फायदा 10 गुना से भी ज्यादा बढ़ गया। वहीं, सरकार को मिलने वाला 329.89 रुपये का फायदा घटकर तीन रुपये 78 पैसे रह गया। इसमें 1.88 रुपये उत्पाद शुल्क और 1.90 रुपये वैट शामिल है।

कैसे शुरू हुई घोटाले की जांच?

इस शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितता की शिकायतें आईं जिसके बाद उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके साथ ही दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 सवालों के घेरे में आ गई। हालांकि, नई शराब नीति को बाद में इसे बनाने और इसके कार्यान्वयन में अनियमितताओं के आरोपों के बीच रद्द कर दिया गया था।

सीबीआई ने अगस्त 2022 में इस मामले में 15 आरोपियों के खिलाफ नियमों के कथित उल्लंघन और नई शराब नीति में प्रक्रियागत गड़बड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की। बाद में सीबीआई द्वारा दर्ज मामले के संबंध में ईडी ने पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच शुरू कर दी। ईडी और सीबीआई दिल्ली सरकार की नई शराब नीति में कथित घोटाले की अलग-अलग जांच कर रही हैं।

ईडी नीति को बनाने और लागू करने में धन शोधन के आरोपों की जांच कर रही है। वहीं, सीबीआई की जांच नीति बनाते समय हुई कथित अनियमितताओं पर केंद्रित है। शराब नीति घोटाले मामले में ईडी इससे पहले अब तक 15 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी थी और आज अरविंद केजरीवाल के घर पर पहले छापेमारी फिर तलाशी और बाद में गिरफ्तारी की।

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vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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