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Anxious Attachment: पार्टनर से दूर होने का है डर तो करें ये काम, Symptoms को न करें नजरअंदाज
लाइफस्टाइल

Anxious Attachment: पार्टनर से दूर होने का है डर तो करें ये काम, Symptoms को न करें नजरअंदाज

Anxious Attachment: हर वक्त आपको अपने पार्टनर से दूर होने का डर रहता है, या आपको लगता है कि आपका पार्टनर आपको छोड़ देगा, और इस रिश्ते को पकड़े रहने के लिए आप जो स्ट्रगल कर रही होती हैं, उसे एंक्सियस अटैचमेंट कहते हैं।

Anxious Attachment: रिश्ते को लेकर सेक्योर नहीं तो ऐसे करें डील, जानें एंक्सियस अटैचमेंट के लक्षण

Anxious Attachment आज के समय में रिलेशनशिप को तरह-तरह के नाम दिए जाने लगे हैं। वहीं लोग अपने रिश्ते को अलग-अलग तरीके से डील करते हैं। इस दौरान कई लोग अनजाने में किसी के साथ इतने ज्यादा अटैच्ड हो जाते हैं कि उनकी तमाम खामियों को नजरअंदाज करते हुए उनके साथ ही रहते हैं। इस स्थिति को एंक्शियस अटैचमेंट (anxious attachment) कहा जाता है।

हालांकि, Anxious Attachment आपको केवल अपने पार्टनर से ही नहीं बल्कि यह किसी भी रिश्ते में देखने को मिल सकती है, जैसे की आपके पैरेंट्स, सिबलिंग्स, फ्रेंड्स आदि। पर ज्यादातर यह स्थिति दो पार्टनर्स के बीच में ही देखने को मिलती है। एंक्सियस अटैचमेंट एक ऐसी चीज है, जो आपके पर्सनल ग्रोथ को रोक देती है। इसके साथ ही इस स्थिति में आपका रिलेशनशिप भी ग्रो नहीं करता। चलिए जानते हैं कि क्या है anxious attachment और इसके लक्षण-

क्या है Anxious Attachment?

जब आप किसी व्यक्ति के साथ अपने रिश्ते को लेकर सिक्योर नहीं होती हैं, और हर वक्त आपको अपने पार्टनर से दूर होने का डर रहता है, या आपको लगता है कि आपका पार्टनर आपको छोड़ देगा, और इस रिश्ते को पकड़े रहने के लिए आप जो स्ट्रगल कर रही होती हैं, उसे एंक्सियस अटैचमेंट कहते हैं। एंक्सियस अटैचमेंट की स्थिति में व्यक्ति दूसरों के करीब रहना चाहता है, परंतु उन्हें ऐसा लगता है कि सामने वाला व्यक्ति उन्हें छोड़ देगा या उनसे दूर हो जाएगा। ऐसे व्यक्ति एंक्सियस होते हैं, साथ ही उनमें सेल्फ स्टीम भी बहुत कम होता है।

पार्टनर पर कुछ ज्यादा ही इमोशनली डिपेंडेंट

एंक्सियस अटैचमेंट की स्थिति में व्यक्ति को अकेलेपन से डर लगता है और वे अपने पार्टनर पर इमोशनली कुछ ज्यादा ही डिपेंडेंट हो जाते हैं। जिसकी वजह से सामने वाले इंसान की छोटी-छोटी हरकतें उन्हें अधिक प्रभावित करती है। यही नहीं ऐसे लोग अपने पार्टनर की तमाम रेड फ्लैग को नजरअंदाज करते हुए, उनके हिसाब से खुद को ढालने की कोशिश करते हैं, क्योंकि वे उनसे दूर नहीं जाना चाहते।

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अब जानें एंक्सियस अटैचमेंट में नजर आने वाले लक्षण

कभी खुश तो कभी निराश रहना

रिश्ते को लेकर चिंतित रहने वाले लोगों के इमोशन रोलर कोस्टर की तरह ऊपर नीचे होते रहते हैं। कभी कोई चीज काफी ज्यादा अच्छी लगती है, तो कभी बिना किसी बात के व्यक्ति निराश रहने लगता है। भावनाओं में होने वाले फ्रिक्वेंट बदलाव मानसिक स्वास्थ्य पर बेहद नकारात्मक असर डाल सकते हैं।

अपने अंदर बदलाव लाने की कोशिश

एंक्सियस अटैचमेंट की स्थिति में इंसान अपने अंदर खामियां ढूंढना शुरू कर देता है। ऐसे लोग खुद की चीजों को बदलने लगते हैं ताकि उनका पार्टनर पूरी तरह से कंफर्टेबल रह सके। ये बदलाव मेंटल हेल्थ पर बेहद नकारात्मक असर डाल सकते हैं।

हमेशा दूर हो जाने का बना रहता डर

जो लोग अपने रिश्ते को लेकर अधिक चिंतित रहते हैं, उनका नेचर अधिक पोजेसिव और जेलेस भरा होता है। ऐसे लोग अपने पार्टनर पर पूरी तरह से भरोसा नहीं कर पाते और उन्हें अपने रिश्ते में छोड़ दिए जाने का डर बना रहता है। खासकर ऐसे लोगों को यह लगता है कि उनके पार्टनर के जीवन में उनसे बेहतर कोई और आ सकता है। इसका व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ व्यक्तिगत रिश्ते पर भी बेहद नकारात्मक असर पड़ता है।

अपने पार्टनर से बात करने की इच्छा होना

एंक्सियस अटैचमेंट के दौरान व्यक्ति कहीं न कहीं अपना असल व्यक्तित्व भूल जाता है। उन्हें केवल अपने पार्टनर के साथ बात करने और समय बिताने की इच्छा महसूस होती है। ऐसे लोग अपने पार्टनर से थोड़ी-थोड़ी देर पर बात करने की कोशिश करते हैं, साथ ही यदि बात न हो पाए तो बैचेन हो सकते हैं।

सेटिस्फेक्शन की कमी

जिन लोगों को अपने पार्टनर से एंक्सियस अटैचमेंट होता है, वह किसी भी चीज को लेकर जल्दी संतुष्ट नहीं होते। अपने पार्टनर पर इस कदर निर्भर हो जाते हैं कि वह खुद को संतुष्ट और खुश नहीं रख पाते। वहीं यदि पार्टनर उनके लिए कुछ बेहतर करने की कोशिश करता है, तब भी उन्हें इसकी संतुष्टि नहीं मिलती। वह उसमें नकारात्मक चीजें ढूंढना शुरू कर सकते हैं।

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इस स्थिति में व्यक्ति क्या करे

एंक्सियस अटैचमेंट की स्थिति में आपके खुद का नुकसान सबसे ज्यादा होता है। इस प्रकार के अटैचमेंट से दूरी बनाए रखना बहुत जरूरी है। अन्यथा ये मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर छोड़ सकता है। इसके लिए खुद को खुश रखने के अन्य विकल्प तलाशें। यह सोचें कि इस स्थिति के पहले आपको किन चीजों से खुशी मिलती थी और उन चीजों को अपने पास रखें। साथ ही यदि कोई एक्टिविटी है, तो उसमें भाग लेते रहें।

दूसरे लोगों से करें बात

कई बार ऐसा होता है कि पार्टनर आपकी बात नहीं सुनते और न ही आपको अटेंशन दे पाते हैं। ऐसे में चिंतित होने और खुद को परेशान करने की जगह दूसरे लोगों से बातें करें। इससे आपका मन शांत रहेगा। जरूरी नहीं कि हर वक्त रिलेशनशिप एक जैसा चले, किसी प्रकार के डर या फिर दबाव की वजह से अपने पार्टनर के साथ रिश्ते में रहना उचित नहीं है।

ट्राई करें अपनी पसंदीदा हॉबी

यदि आप केवल डर की वजह से उनके साथ है तो आज ही इसमें बदलाव लाए। आप अपनी पसंदीदा हॉबी ट्राई कर सकती हैं, चाहे तो कहीं घूमने जा सकती हैं, या नए-नए लोगों से बातचीत कर सकती हैं। वहीं हेल्दी खाएं और पर्याप्त मात्रा में पानी पिए जिससे कि आपका बॉडी बैलेंस रहेगा और आपको मेंटल प्रॉब्लम से लड़ने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही सेल्फ लव और सेल्फ वर्थ को समझना बहुत जरूरी है, सबसे पहले इसे समझने का प्रयास करें।

एक्सीयस अटैचमेंट के कारण

एक्सीयस अटैचमेंट के कई कारण हो सकते हैं। ऐसे में व्यक्ति के बचपन के कुछ अनुभव भी इसके कारण हो सकते हैं। इसके अलावा अतीत का कोई खराब अनुभव के कारण भी इनके दिमाग पर असर पड़ सकता है। वहीं पार्टनर पर ज्यादा निर्भर होना भी इसका कारण बन सकता है।

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vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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