Bihar Sterilization Case: बिहार में महिलाओं के साथ बर्बरता, बिना एनेस्थीसिया के कर दी गई नसबंदी।
Bihar Sterilization Case: बिहार में महिलाओं ने स्वास्थ्य विभाग पर लगाएं गंभीर आरोप, जानवरों की तरह किया गया सुलूक
- बिहार में एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग पर उंगलियां उठ रही हैं।
- बिहार के खगड़िया जिले की महिलाओं ने स्वास्थ्य विभाग पर बिना एनेस्थीसिया दिए नसबंदी करने का आरोप लगाया है।
- बिहार में महिलाओं की नसबंदी में बड़ी लापरवाही सामने आयी है।
- बिहार में खगड़िया जिले में नसबंदी कराने आई महिलाओं ने ये आरोप लगाया है कि उन्हें बिना एनेस्थीसिया दिए ही नसबंदी का ऑपरेशन किया गया।
Bihar Sterilization Case : बिहार में एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग पर उंगलियां उठ रही हैं। बिहार के खगड़िया जिले की महिलाओं ने स्वास्थ्य विभाग पर बिना एनेस्थीसिया दिए नसबंदी करने का आरोप लगाया है। बिहार में महिलाओं की नसबंदी में बड़ी लापरवाही सामने आयी है। बिहार में खगड़िया जिले में नसबंदी कराने आई महिलाओं ने ये आरोप लगाया है कि उन्हें बिना एनेस्थीसिया दिए ही नसबंदी का ऑपरेशन किया गया।
इस दौरान जब वह दर्द से चिल्लाने लगीं तो उनका मुंह दबाकर बंद कर दिया गया। इतना ही नहीं महिलाओं ने पूरे ऑपरेशन प्रोसेस को लेकर भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके बाद से बिहार के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
नसबंदी कराने वाली महिलाओं का कहना है कि एक एनजीओ द्वारा नसबंदी शिविर लगाया गया था। यहां ऑपरेशन का कोई इंतजाम नहीं था। एनेस्थीसिया न होने के कारण नसबंदी ऑपरेशन के दौरान मेडिकल स्टाफ ने महिलाओं के हाथ, पैर कसकर पकड़ लिए और मुंह बंद कर दिया ताकि चीख न सकें। इस अमानवीय तरीके से एक के बाद एक कई महिलाओं की नसबंदी की गई। आपको बता दें शिविर में एक प्राइवेट एजेंसी ग्लोबल डेवलपमेंट इनीटीवेट ने महिलाओं का ऑपरेशन किया था।
जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बिहार के सरकारी अस्पतालों में शिविर लगाकर नसबंदी ऑपरेशन किया जा रहा है।लेकिन इस तरह की लापरवाही से पूरा इलाका स्तब्ध है।
पीछे की कहानी बताएं तो 11 नवंबर को परबत्ता सीएचसी में नसबंदी को आई महिलाओं को बेहोशी की सुई देकर ऑपरेशन को लेकर जानवरों की तरह फर्श पर ही लिटा दिया गया। जानकारी के मुताबिक यह ऑपरेशन शिविर एनजीओ एफआरएचएस की ओर से लगाया गया था।
सरकारी गाइड लाइन की मानें तो जहां नसबंदी ऑपरेशन करना है वहां पहले एनेस्थीसिया से सुन्न किया जाता है।
दूसरी ओर 12 नवंबर को अलौली सीएचसी में 23 महिलाएं नसबंदी कराने आई। यहां नसबंदी शिविर एनजीओ ग्लोबल डेवलपमेंट इनिशिएटिव, दरभंगा की ओर से लगाया गया था। यहां नसबंदी को आई कुछ महिलाओं का आरोप है कि बिना बेहोशी की सुई लगाए ही ऑपरेशन कर दिया गया। कुछ महिलाओं के अनुसार स्वास्थ्य कर्मियों ने उनके हाथ-पांव जकड़ दिये और उनका ऑपरेशन कर दिया।
न्यूज रिपोर्ट्स की मानें तो अलौली की कुमारी प्रतिमा ने आरोप लगाया है कि उन्हें ऑपरेशन करने से पहले बेहोश नहीं किया गया और चार आदमियों ने हाथ-पैर पकड़ कर उनका ऑपरेशन करा दिया।
एक तरफ हम महिलाओं के उत्थान और उनके सुरक्षा की बात करते हैं और दूसरी तरफ अगर इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं तो इसे सीधा सरकार की लापरवाही ही कहा जाएगा।
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