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First Woman Chief Minister of India -सुचेता कृपलानी बनी थी आजाद भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री, पढ़िए उनकी Inspiring कहानी

First Woman Chief Minister of India: सुचेता कृपलानी थी आजाद भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री, कैसे लाई थी वो देश मे बदलाव


Highlights:

  • जाने कौन है भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री
  • कौन हैं सुचेता कृपलानी
  • जाने सुचेता कृपलानी के पति और उसके परिवार के बारे में
  • जाने सुचेता कृपलानी ने कहा से पूरी की अपनी शिक्षा
  • सुचेता कृपलानी का राजनीतिक जीवन

First Woman Chief Minister of India: आज के समय पर हमारे देश में राजनीति में महिलाओं की भूमिका और हिस्सेदारी काफी ज्यादा बढ़ रही है। लेकिन एक समय ऐसा भी था जब हमारे देश की महिलाओं को अपने घर की चारदीवारी से बाहर जाने की अनुमति नहीं होती थी । लेकिन आज के समय पर हमारे देश की वित्त मंत्री एक महिला है वहीं यूपी की राज्यपाल भी एक महिला हैं, जो इससे पहले गुजरात की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं।

अगर हम बंगाल की बात करें तो बंगाल की मुख्यमंत्री भी एक महिला ही है और उत्तर प्रदेश के एक बड़े राजनीतिक दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी एक महिला हैं। इतना ही नहीं इससे पहले भी एक महिला देश के सबसे बड़े पद यानी कि राष्ट्रपति पद तक को संभाल चुकी है। कुछ मिलकर आज के समय पर हमारे देश की महिलाएं हर बड़े पद पर हैं। लेकिन क्या आपको पता है भारत में सबसे पहली बार कोई महिला मुख्यमंत्री कब बनी थी। जिस आजाद भारत के पास  राजेंद्र प्रसाद,  नेहरू, जैसे नेता थे उसी आजाद भारत के पास इंदिरा गांधी, सरोजिनी नायडू और सुचेता कृपलानी भी थी ।

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लेकिन आज हम इन लोगों की बात नहीं कर रहे ही आज हम बात कर रहे है भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री के बारे में। तो चलिए विस्तार से जानते है कौन है भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री और कैसे मिली उनको इतनी बड़ी जिम्मेदारी।

कौन हैं सुचेता कृपलानी?

सुचेता कृपलानी थी आजाद भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री। सुचेता कृपलानी आजाद भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री होने के साथ साथ एक प्रतिष्ठित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थीं। सुचेता का जन्म 25 जून, 1908 में हरियाणा के अंबाला में एक बंगाली परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम एस.एन. मजूमदार था, जो उस समय पर ब्रिटिश सरकार के अधीन एक डॉक्टर थे। हालांकि इसके बावजूद भी वह एक राष्ट्रवादी व्यक्ति थे।

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जाने सुचेता कृपलानी ने कहा से पूरी की अपनी शिक्षा

ऐसे तो सुचेता कृपलानी का जन्म हरियाणा के अंबाला में हुआ था लेकिन सुचेता कृपलानी ने अपनी शिक्षा दिल्ली के विश्वविद्यालय इन्द्रप्रस्थ और सेंट स्टीफन कॉलेज से पूरी की थी। उसके बाद सुचेता ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में व्याख्याता के पद पर कार्य करना शुरू किया था।

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जाने सुचेता कृपलानी के पति और उसके परिवार के बारे में

साल 1936 में जब सुचेता कृपलानी 32 साल की थी तो उनकी शादी आचार्य जीवतराम भगवानदास कृपलानी के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही सुचेता स्वतंत्रता की लड़ाई की ओर पूरी तरह से सक्रिय हो गईं। बता दें कि भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान सुचेता प्रथम मोर्चे पर खड़ी थी और देश को आजाद कराने के लिए आवाज उठा रही थी। लेकिन जब भारत का विभाजन हुआ तो उस समय पर भी सुचेता शांत नहीं बैठी थी उस समय हुए दंगों में भी सुचेता ने महात्मा गांधी के साथ मिलकर कार्य किया था।

सुचेता कृपलानी का राजनीतिक जीवन

जब भारत का संविधान बनना था तभी भारत के संविधान सभा का भी गठन हुआ। उस समय पर संविधान में महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए सुचेता कृपलानी को शामिल किया गया था। उस समय पर भी सुचेता ने भारत के संविधान में महिला अधिकारों के लिए आवाज उठाई थी। बता दें कि जब भारत आजाद हुआ था तो उसके बाद सुचेता कृपलानी ने सक्रिय राजनीति में एंट्री की थी और उसके बाद वो साल 1952 में लोकसभा की सदस्य निर्वाचित हुईं।

उसके बाद साल 1957 में सुचेता को नई दिल्ली विधानसभा का सदस्य बनाकर लघु उद्योग मंत्रालय दिया गया। उसके बाद एक बार फिर वो साल  1962 में कानपुर से उत्तर प्रदेश विधानसभा सदस्य चुनी गईं। उसके एक साल बाद साल 1963 में सुचेता उत्तर-प्रदेश की मुख्यमंत्री बन गईं। उस समय पर ऐसा पहली बार हुआ था कि कोई महिला मुख्यमंत्री बनी हो। इसके बाद या कहे आखिरी बार साल 1967 में सुचेता ने गोंडा विधानसभा क्षेत्र से चौदहवीं लोकसभा का चुनाव जीता और उसके बाद उन्होंने साल 1971 में राजनीति से संन्यास ले लिया।

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