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Generation Z : कौन होते है ‘जेन ज़ी’ ? बाकियों से अलग कैसे और क्यों होता है उनके काम का अंदाज?

Generation Z: मिलेनियल्स और जेन ज़ी कैसे है एक दूसरे से अलग? क्या मिलेनियल्स  उतने आधुनिक नहीं है?


Highlights:

  • India’s Generation Z and Millennials: जानिए अलग अलग पीढ़ियों के बारे में!
  • क्या सिर्फ उम्र और आधुनिकता ही है मिलेनियल्स और जेन ज़ी के भेद?
  • क्या सोचते है जेन ज़ी वाले मानसिक स्वास्थ्य के बारे में?

India’s Generation Z and Millennials: सूचनाओं की सागर से भरी दुनिया में, हम सभी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि “Generation Z” यानी “जेन ज़ी” आख़िर होता क्या है, उन्हें क्या आकर्षित करता है और वह मिलेनियल्स से कैसे अलग होते है?

दरअसल जिस प्रकार हम अन्य वस्तुओं, जाति , धर्म आदि का विभाजन करते है ठीक उसी प्रकार आज के युग में पीढ़ियों का भी विभाजन हो चुका है। इन्हें तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है और वह है मिलेनियल्स (Millennials), जेन ज़ी (Generation Z) और अल्फा (Alpha)।

जेन ज़ी उस जनसंख्या को संबोधित करता है जो मोटे तौर पर 1998 और 2010 के बीच पैदा हुई है, भारत में 18 वर्ष से कम उम्र के लगभग 200 मिलियन बच्चे हैं, और उनमें से 69 मिलियन शहरी क्षेत्रों में रहते हैं। इन युवाओं का बचपन उनके माता-पिता के अनुमान से बहुत अलग होता है।

जेन ज़ी ऐसी पहली पीढ़ी है जिसने डिजिटल दुनिया को न सिर्फ पनपते देखा है मगर अपनाया भी है। इस पीढ़ी की हमेशा विभिन्न प्रकार के डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया तक पहुंच रही है।

अक्सर मिलेनियल्स उन्हें माना जाता है जो 1981 से 1997 के बीच पैदा हुए है। यानी वर्ष 2022 में मिलेनियल्स 25-41 की रेंज में है।

जेन ज़ी के बाद आता है जनरेशन अल्फा यह वह पीढ़ी है जिन्होंने स्मार्टफोन के बिना दुनिया को न कभी देखा होगा न ही कभी वैसी दुनिया को जान और समझ पाएंगे।

मिलेनियल्स और जेन ज़ी की पीढ़ियों में उम्र के अलावा भी काफी भेद है, तो चलिए अब यह समझते है की जेन ज़ी वाली पीढ़ी के काम करने, समझने, बोलने, लोगों से मिलने और सोचने का अंदाज बाकियों से कैसे अलग है।

टेक्नोलॉजी

Generation Z
Generation Z

अक्सर हम लोगों को कहते हुए सुनते है की “अब ऑनलाइन ही सब कुछ हो जाता है”, इस बात में सच्चाई तो है मगर ऑनलाइन ही सब कुछ करना बहुत से लोगों के लिए अब भी आसान नहीं है ख़ासकर मिलेनियल्स और उसके पहले के लोगों के लिए।

उदाहरण के तौर पर आज से 10-15 साल पहले यह मान लेना की पैसे घर बैठे ही चुटकियों में ट्रांसफर हो सकते है थोड़ा मुश्किल था। जहां पहले के लोग मिनटों लाइनों में खड़े रह कर पैसे जमा करवाने के बाद बैंक की सील वाले रसीद पर भरोसा करते थे वही जेन ज़ी वालें दो मिनट में  ट्रांसफर करके स्क्रीनशॉट पर भरोसा करते है।

दूसरे उदाहरण ऑनलाइन खरीदारी के संदर्भ में है जहां शहरी मिलेनियल्स के अलावा बाकी मिलेनियल्स अब भी दुकान जाकर ही खरीदना पसंद करते है वहीं जेन ज़ी वालें सिर्फ चित्रों को देख कर ही खरीदारी कर लिया करते है।

महामारी

Generation Z
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जहां एक तरफ महामारी के कारण की गई लॉकडाउन  में मिलेनियल्स वाली पीढ़ी के लोगों के लिए घर बैठे वक्त काटना मुश्किल था वहीं जेन ज़ी वालों के लिए यह इतना भी मुश्किल नहीं था क्योंकि लॉकडाऊन के इस सफ़र में उनके साथ इंटरनेट हमसफ़र बनकर हमेशा साथ रहा। सोशल मीडिया, बिंज वाचिंग जैसे कई सुविधाएं का इस्तेमाल जेन ज़ी वालें अपने वक्त को काटने के लिए करते रहें है।

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मेल मिलाप

Generation Z
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जेन ज़ी वालें सोशल मीडिया पर तो एक्टिव है मगर मिलेनियल्स की तरह सोशल नहीं है। हैबरमास के “पब्लिक स्फेयर” वालें सुझाव को जेन ज़ी की पीढ़ी वालें ज्यादातर फोन तक ही सीमित रखते है वहीं दूसरी तरफ मिलेनियल्स वालें लोग फोन पर मिलने और बात करने के बजाय आमने सामने मिलना ज्यादा पसंद करते है। जेन ज़ी की एक-दूसरे के साथ व्यक्तिगत रूप से बातचीत करने या नए कनेक्शन बनाने की क्षमता गंभीर रूप से बाधित हो रही है।

विकल्प

Generation Z
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आज के आधुनिक जमाने में जेन ज़ी के पास मिलेनियल्स से ज्यादा विकल्प मौजूद है लगभग हर मामले में, फिर चाहे वह अपनी शिक्षा और करियर के लिए क्षेत्र का चयन करना हो, या बाहर घूमने जाने से लेकर चीज़े खरीदना हो या मनोरंजन के लिए कुछ देखना हो।

मानसिक स्वास्थ्य

Generation Z
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जेन ज़ी वाले मिलेनियल्स के मुकाबले मानसिक स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा जागरूक, सचेत, विनम्र और अपने मन की विचारधारा को रखने में आगे है। जहां एक ज़माने में मानसिक रूप से अस्वस्थ होना पागल की श्रेणी में आता था अब ऐसा नहीं है।

मुकाबला

Generation Z
Generation Z

बाकियों से ज्यादा पैसा कमाने, स्कूल में अच्छा प्रदर्शन करने, अच्छी लाइफ स्टाइल रखने में यहां तक की औरों से बेहतर दिखने तक का दबाव जेन ज़ी वाली पीढ़ियां ज्यादा महसूस करती है। “पियर प्रेशर” के इस दुनिया  में लोग निराश और हताश जल्द ही हो जाया करते है।

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Conclusion: उम्मीद है इस लेख को पढ़कर अब आप लोगों से बिलकुल नहीं पूछेंगे कि आप कौन सी पीढ़ी के है । ध्यान देने वाली बात यह है की भले ही पीढ़ियों का विभाजन उम्र के हिसाब से किया गया हो मगर कई लोग ऐसे भी होते है जो अपने वक्त से आगे और पीछे भी रह जाते है, इसलिए उनके आचरण को ध्यान में रखते हुए ही उन्हें कोई टैग दे। आशा करते है की आपके मन में पीढ़ियों से जुड़ी जितनी भी जिज्ञासाएं थी उनमें से कुछ का हल हम देने में सफल रहे हो।

अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com

Himanshu Jain

Enthusiastic and inquisitive with a passion in Journalism,Likes to gather news, corroborate inform and entertain viewers. Good in communication and storytelling skills with addition to writing scripts
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