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Navratri 2022 : इस नवरात्रि इन सोलह श्रृंगार के साथ करें मां की पूजा, माँ देंगी आपको 'अखंड सौभाग्य' का वरदान
लाइफस्टाइल

Navratri 2022 : इस नवरात्रि इन सोलह श्रृंगार के साथ करें मां की पूजा, माँ देंगी आपको ‘अखंड सौभाग्य’ का वरदान

Navratri 2022 : मां को प्यारे हैं ये सोलह श्रृंगार, इस नवरात्रि इन श्रृंगारों के साथ करें मां की पूजा


Highlights –

. शारदीय नवरात्रि के दौरान माँ की पूजा के लिए माँ के 16 श्रृंगार किए जाते हैं।

. शारदीय नवरात्रि के त्योहार पर महिलाएं सिर्फ मां को ही नहीं सजाती बल्कि खुद भी सजधज कर तैयार हो जाती हैं।

Navratri 2022 :  हमारे देश में शारदीय नवरात्रि का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। हर साल शारदीय नवरात्रि के त्योहार का आरंभ आश्विन मास के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि से होता है। शारदीय नवरात्रि का त्योहार मां शक्ति के भक्तों के लिए बहुत ज्यादा महत्व रखता है। मान्यताओं के अनुसार अगर आप इन 9 दिनों तक माँ की सच्चे मन से आराधना करते है तो आपके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

मान्यताओं के अनुसार श्रद्धालु शारदीय नवरात्रि के 9 दिनों तक उपवास रखते हैं और मां के दर्शन के लिए मंदिरों में जा कर उनसे अपने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। इतना ही नहीं शारदीय नवरात्रि के दौरान माँ की पूजा के लिए माँ के 16 श्रृंगार किए जाते हैं। शारदीय नवरात्रि के त्योहार पर महिलाएं सिर्फ मां को ही नहीं सजाती बल्कि खुद भी सजधज कर तैयार हो जाती हैं।

मान्यताओं के अनुसार अगर महिलाएं इस समय पर मां की पूजा के लिए 16 श्रृंगार करती हैं  तो इससे मां बहुत ज्यादा खुश होती हैं। तो चलिए आज हम आपको विस्तार से बताते है कि मां को खुश करने के लिए आपको कौन-कौन से सोलह श्रृंगार करने चाहिए।

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मान्यताओं के अनुसार अभी श्रद्धालु शारदीय नवरात्रि के 9 दिनों तक उपवास रखते हैं और मां के दर्शन के लिए मंदिरों में जा कर उनसे अपने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। इतना ही नहीं शारदीय नवरात्रि के दौरान माँ की पूजा के लिए माँ के 16 श्रृंगार किए जाते हैं।

शारदीय नवरात्रि के त्योहार पर महिलाएं सिर्फ मां को ही नहीं सजाती बल्कि खुद भी सजधज कर तैयार हो जाती है। मान्यताओं के अनुसार अगर महिलाएं इस समय पर मां की पूजा के लिए 16 श्रृंगार करती है तो इससे मां बहुत ज्यादा खुश होती है। तो चलिए आज हम आपको विस्तार से बताते है कि मां को खुश करने के लिए आपको कौन-कौन से सोहल श्रृंगार करने चाहिए।

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सिंदूर:  हमारे देश में सिंदूर लगाना सुहाग की निशानी मानी जाती है। माना जाता है कि सिंदूर लगाने से चेहरे पर निखार आता है। अगर हम इसके वैज्ञानिक फायदे की बात करें तो माना जाता है कि ‘सिंदूर हमारे शरीर में विद्युत ऊर्जा को नियंत्रित करने में भी मदद करता है’। इसलिए सोलह श्रृंगार में सिंदूर को सबसे ऊपर रखा गया है।

Navratri

मंगल सूत्र: मंगलसूत्र को हमारे देश में सुहाग की निशानी कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार मंगलसूत्र नकारात्मक ऊर्जा को हमारे पास आने से रोकता है। विवाहित महिलाएं अपनी सोलह श्रृंगार में मंगलसूत्र को शामिल कर माँ से अखंड सुहाग का  वर माँगती हैं।

फूलों का श्रृंगार: महिलाओं के सोलह श्रृंगार में फूलों का श्रृंगार भी शामिल है और महिलाओं के लिए फूलों से श्रृंगार करना भी शुभ माना जाता है। फूलों को बालों में गजरे की तरह सजाकर महिलाएं अपने सोलह श्रृंगार को निखारती हैं।

बिंदी: मान्यताओं के अनुसार माथे पर सिंदूर का टीका या फिर बिंदी लगाने से शरीर में पॉजिटिविटी का संचार होता है। इतना ही नहीं इसके साथ ही इससे मानसिक शांति भी मिलती है। आप चाहे तो चंदन का टीका भी लगा सकते हैं। आपको बता दें कि महिलाएं मां का सिंदूर का टीका लगाने के साथ-साथ खुद भी बिंदी लगाती हैं। बिंदी का श्रृंगार बहुत शुभ माना जाता है।

मेहंदी: हमारे यहाँ सुहागिन महिलाओं में किसी भी त्योहार पर मेहंदी लगाने की परंपरा है। बता दें कि किसी भी पूजा-पाठ के समय महिलाएं हाथों में मेहंदी लगाती हैं। मेहंदी को सोलह श्रृंगार के प्रमुख श्रृंगार में से एक माना जाता है।

कानों में कुंडल: मान्यताओं के अनुसार कानों में कुंडल या फिर आभूषण पहने से मानसिक तनाव नहीं होता। इतना ही नहीं कर्ण छेदन से आंखों की रोशनी तेज होती है साथ ही साथ इससे सिर का दर्द कम करने में भी सहायता मिलती है।

बाजूबंद: मान्यताओं के अनुसार बाजूबंद पहनने से हमारी भुजाओं में रक्त प्रवाह ठीक बना रहता है। कहा जाता हैं कि इससे भुजाओं में होने वाले दर्द से मुक्ति मिलती है।

बिछिया:  मान्यताओं के अनुसार बिछिया को सुहाग की एक प्रमुख निशानी माना जाता है। बिछिया नर्वस सिस्टम और मांसपेशियां को मजबूत बनाए रखने में भी मददगार होता है।

स्वर्ण टिका: सर पर स्वर्ण टीका पहनना महिलाओं की सुंदरता दिखता है। श्रृंगार में स्वर्ण टीके का विशेष महत्व है। स्वर्ण टीके को महिलाएं अपनी श्रृंगार में शोभा बढ़ाने के लिए शामिल करती हैं।

चूड़ियां: मान्यताओं के अनुसार चूड़ियां या फिर कंगन पहने से रक्त का संचार ठीक रहता है। इतना ही नहीं इससे आपको थकान भी नहीं होती। चूड़ियों को महिलाएं बहुत प्रेम से पहनती हैं।

नथनी: नथनी चेहरे की सुंदरता में चार चांद लगाती है। इससे महिलाओं के प्रमुख श्रृंगार में से एक माना जाता है लेकिन इसे लेकर वैज्ञानिक मान्यता है कि नाक में स्वर्ण की नथनी पहनने से महि

पायल: पायल पैरों की सुंदरता बढ़ाने के साथ-साथ पैरों से निकलने वाली शारीरिक विद्युत ऊर्जा शरीर में संरक्षित होती है। कहा जाता है कि चांदी की पायल पहनने से पैरों की हड्डियों मजबूत होती है।

कमरबंद: मान्यताओं के अनुसार कमरबंद पहनने से पेट संबंधी समस्याएं कम होती हैं और ये आपका कई बीमारियों से बचाव भी करता है।

काजल:  बता दें कि काजल आंखों की सुरंदता को बढ़ाता है साथ ही साथ आंखों की रोशनी को भी बढ़ाता है।

अंगूठी: आपको बता दें कि अंगूठी पहने से हमारे शरीर में रक्त का संचार सही से बना रहता है। साथ ही साथ इससे हमारे हाथों की सुंदरता भी बढ़ती है।

मेकअप: ये बात तो शायद हमे आपको बताने की जरूरत नहीं है कि ब्यूटी प्रोडक्ट्स हमारे लिए कितने फायदेमंद होते है। ये ब्यूटी प्रोडक्ट्स हमारे चेहरे की सुंदरता को बढ़ाते है। साथ ही साथ इससे महिलाओं के आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है।

तो इस नवरात्रि आप भी करें सोलह श्रृंगार और करें मां की पूजा।

Edit -Pooja Bharti

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