Punjab CM Oath ceremony: जाने पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी से जुड़ी कुछ खास बातें
पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी से जुड़ी कुछ खास बातें , उनके साथ – साथ सुखजिंदर रंधावा और ओमप्रकाश सोनी ने भी ली शपथ
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पंजाब की राजनीति में इस तरह बदलाव आने वाले विधानसभा चुनाव में बदलाव की ओर इशारा कर रहा है। इससे पहले पंजाब की राजनीति में कई दिनों से कांग्रेस दो गुटों में बंट गया था। नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह में बंट हुए थे।
चन्नी के मुख्यमंत्री बनाएं जाने के बाद राजनितिक विश्लेषको का कहना है कि आगामी विधानसभा चुनाव में दलित वोट बैंक को मजबूत करने के लिए ऐसा किया गया है। आपको बता दें कि चमकौर विधानसभा सीट विधायक है। यहां से वह तीन बार विधायक रहे हैं। पहली बार वह इसी विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की है। चन्नी अपने परिवार से पहली पीढ़ी के नेता है जो मुख्यमंत्री बने हैं।
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चन्नी का राजनीतिक करियर
चन्नी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत निर्दलीय विधायक के तौर पर की है। लेकिन इससे पहले वह साल 1996 में खरर नगर पालिक के अध्यक्ष बने थे। इसके बाद वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश दत्त के संपर्क में आए और आगे की राजनीति में कदम बढ़ाया। इस बीच वह दलित नेताओ के संपर्क में भी रहे। साल 2007 में जब उन्हें चमकौर विधानसभा सीट से कांग्रेस से टिकट नहीं मिली तो उन्होंने निर्दलीय लड़ने का फैसला किया और जीत हासिल की।
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साल 2012 में जब उन्हें को कांग्रेस की तरफ से टिकट दिया गया तो उन्होंने एकबार अपने आप को साबित करते हुए जीत हासिल की। इसके बाद वह पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे हैं। साल 2017 के कैप्टन की सरकार के दौरान मंत्री भी बनाया गया। लेकिन कैप्टन के अधूरे वायदों को लेकर उठ रही आवाज़ों के बीच चन्नी भी अपना समर्थन दिया था। और आज वह पंजाब के मुख्यमंत्री बन गए हैं।
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