Ganesh Utsav 2021: चार तरह के लड्डू जिनसे आप गणपति को भोग लगा सकते हैं
Ganesh Utsav 2021: गणपति उत्सव पर जाने चार तरह के लड्डू के बारे में
Ganesh Utsav 2021: इस साल गणपति उत्सव की शुरुआत कल यानि 10 सितंबर से होने वाली है हर साल की तरह इस साल भी गणपति उत्सव 11 दिनों तक मनाया जाएगा और गणेश चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा विराजमान होंगे। इस दिन के लिए घरों से लेकर गणपति पंडाल तक सजने लगे हैं और अभी गणपति स्थापना की तैयारियां जोरों शोरों से शुरू हो गई हैं। अगर हम गणपति उत्सव की बात करें और इसमें बप्पा का प्रिय भोग की बात न करें तो ऐसे में ये पर्व अधूरा ही रह जाएगा। मोदक गणपति बप्पा का पसंदीदा व्यंजन है। इस लिए उनकी पूजा में मोदक का भोग जरूर लगाया जाता है। वैसे तो मोदक मावा या फिर चावल के आटे से बनाएं जाते है लेकिन 11 दिन तक रोज एक ही तरह का भोग न लगाकर आप गणपति बप्पा को अलग अलग तरह के मोदक व लड्डू का भोग लगा सकते है। अगर इस गणपति उत्सव पर आप भी गणपति बप्पा को खुश करना चाहते है तो आप बप्पा को अलग अलग तरह के लड्डुओं और मोदक का भोग लगा सकते है। इससे बप्पा प्रसन्न होंगे। तो चलिए आज हम आपको चार तरह के लड्डू के बारे में बताने जा रहे हैं।
साबूदाना मोदक: 10 सितंबर से गणपति उत्सव की शुरुआत हो रही है ऐसे में आपको 11 दिन तक रोज गणपति बप्पा की पूजा करनी होगी और बप्पा को प्रसन्न करने के लिए आपको उन्हें मोदक या फिर लड्डू का भोग लगाना होगा। ऐसे में आप गणेश चतुर्थी पर बप्पा को घर पर बने साबूदाने के मोदक का भी भोग लगा सकते है।
बेसन का लड्डू: मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है गणपति बप्पा को शुद्ध घी से बने बेसन के लड्डू बहुत ज्यादा पसंद आते है। अगर आप गणपति उत्सव पर अपने घर पर मोदक नहीं बना सकते हैं तो आप घी से बने बेसन के लड्डू का भोग भी लगा सकते है।
मोतीचूर के लड्डू: आप चाहे तो गणपति उत्सव पर बप्पा को मोदक के अलावा मोतीचूर के लड्डू का भी भोग लगा सकते हैं। मोतीचूर के लड्डू को बूंदी का लड्डू भी कहते हैं। मोतीचूर के लड्डू भी गणपति बप्पा को पसंद आते है।
चावल के आटे और मावा के मोदक: ये बात तो हम आपको बता ही चुके है गणपति बप्पा को मोदक बहुत ज्यादा पसंद है। इसलिए आप गणपति उत्सव के मौके पर गणपति बप्पा को मोदक का भोग लगा सकते है। वैसे तो मोदक कई तरीके से बनते हैं पर चावल के आटे के मावा वाले मोदक परंपरागत तरीके से महाराष्ट्र के घर-घर में बनाए जाते हैं और गणपति उत्सव के मौके पर वही बप्पा को चढ़ाया जाता है।
जाने क्यों पसंद है गणपति बप्पा को मोदक
गणपति बप्पा की मोदक से जुड़ी एक कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार एक बार भगवान शिव सो रहे थे और गणपति बप्पा पहरा दे रहे थे। इस दौरान परशुराम वहां पहुंचे तो बप्पा ने उनको रोक दिया। जिसके कारण परशुराम क्रोधित हो गए और वो गणपति बप्पा से युद्ध करने लगे। लेकिन उसके बाद परशुराम गणपति बप्पा से पराजित होने ही वाले थे कि तभी उन्होंने भगवान शिव द्वारा दिए गए परशु से गणेश जी पर प्रहार कर दिया। जिससे बप्पा का दांत टूट गया। दांत टूटने के कारण बप्पा को खाने पीने में परेशानी होने लगी। जिसके कारण उनके लिए मोदक तैयार करवाए गए। मोदक मुलायम होते हैं इसलिए बप्पा ने उसे पेट भर खाया और वो ज्यादा काफी प्रसन्न हुए।
आपको बता दें कि ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार गणपति उत्सव का त्योहार हर साल अगस्त या फिर सितंबर में मनाया जाता है। इस साल गणपति उत्सव का त्योहार 10 सितंबर से मनाया जा रहा है और ये 11 दिनों तक मनाया जाएगा।
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