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बच्चों में ज्यादा शिकायतें करने की आदत में इन टिप्स से लाएं सुधार
लाइफस्टाइल

बच्चों में ज्यादा शिकायतें करने की आदत में इन टिप्स से लाएं सुधार

क्या आप भी परेशान है अपने बच्चे की शिकायत करने की आदत से


आज के समय पर माता पिता अपने बच्चों की कुछ आदतों को लेकर बहुत ज्यादा परेशान रहते है जैसे आज के समय पर अक्सर बच्चे बोलते रहते है मुझे ये नहीं करना, मुझे ये मुझे पसंद नहीं, बाहर बहुत गर्मी है, दिनभर ऐसी शिकायतें करते रहते है। जिन्हें सुन कर न सिर्फ माता पिता परेशान हो जाते हैं बल्कि घर के बाकी लोग भी परेशान हो जाते है। हां ये बात अलग है कि बच्चे मूडी ज़रूर होते हैं, उनकी भी अपनी पसंद नापसंद होती हैं लेकिन जब बात हो बच्चे की हर बात पर शिकायत करने की तो ये कहीं न कहींआपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी ठीक नहीं है। अगर आप अपने बच्चे की इस आदत को अभी नहीं रोकेंगे तो कुछ समय बाद उनके दोस्त भी उनसे दूर हो जाएंगे। तो चलिए जानते है उन टिप्स के बारे में, जो आपको अपने बच्चे की शिकायत की आदत को सुधारने में काम आएंगे।

बच्चे की शिकायत

बच्चे को बताएं ये ठीक नहीं है: आज के समय पर सिर्फ बच्चे ही नहीं बल्कि बड़े लोग भी हर छोटी छोटी बात पर शिकायत लेकर बैठे रहते हैं। बच्चों को तो पता ही नहीं होता कि वो कितनी शिकायत कर रहे हैं। बच्चे हर थोड़ी देर में किसी ना किसी शिकायत के साथ आपके पास आ ही जाते है। ऐसे में आपको बच्चों की शिकायत करने की अंदाज को मोबाइल में रिकॉर्ड कर लेना चाहिए। और कुछ समय बाद बच्चों को दिखाना और समझाना चाहिए कि उनकी अपनी बात मनवाने का ये तरीका ठीक नहीं है।

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पॉजिटिव आउटलुक दें: आप अपने बच्चे की शिकायत पर कैसे रिस्पॉन्स करते है ये बहुत मायने रखता है। अगर आपका बच्चा हर रोज स्कूल जाने में परेशान करता है तो आप उसे बता सकते हैं कि आप जब छोटे थे तो स्कूल जाना कितना एंजॉय करते थे। आज के समय पर बच्चे दोस्त के साथ खेलते समय या टीचर के साथ पढ़ते समय हर बात पर किसी ना किसी शिकायत के साथ आपके सामने आ जाते है। इस बात से आपको चिड़चिड़ नहीं होना चाहिए बल्कि आपको अपने बच्चे को पॉजिटिव तरीके से समझना चाहिए।

सिखाएं ग्रैटिट्यूड: अगर आपका बच्चा बात बात पर नेगेटिव हो रहा है तो उसका नज़रिया बदलना आपकी ज़िम्मेदारी है। आपको अपने बच्चे को समझना चाहिए कि जीवन में पॉजिटिव आउटलुक होना क्यों ज़रूरी है। उन्हें समझाएं जो चीज़ उनके पास है उसके प्रति कृतज्ञ होना ज़रूरी है। और यह आपको खुद भी फॉलो  करना चाहिए। आपको बच्चे को समझना चाहिए कि अगर आपके पास कुछ नहीं है तो उसके लिए रोने की जगह जो चीजे आपके पास है उनके लिए खुश रहे।

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