Mahashivratri special: जाने महिलाओं के लिए शिवलिंग को छूना क्यों माना जाता है वर्जित
Mahashivratri special: जाने इस बार कब और कैसे मनाएं महाशिवरात्रि का पर्व
Mahashivratri special: हर साल हमारे देश में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है यह पर्व हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 11 मार्च को मनाया जाएगा। हिंदू धर्म के अनुसार महाशिवरात्रि का दिन एक पावन दिन है। इस दिन सभी शिव भक्त अपने भोलेनाथ और देवी पार्वती की पूजा आराधना करते है और उनका आशीर्वाद पाने के लिए व्रत रखते हैं लेकिन क्या आपको पत्ता है महाशिवरात्रि के पर्व के दौरान सिर्फ पुरुषों को ही शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार महिलाओं को खासतौर पर कुंवारी कन्याओं को शिवलिंग को हाथ नहीं लगाना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग की पूजा का ख्याल करना भी कुंवारी कन्याओं के लिए निषेध है। माना जाता है कि लिंगम एक साथ योनि का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए महिलाओं को शिवलिंग को नहीं छूना चाहिए।
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जाने महाशिवरात्रि का महत्व
ऐसे तो शिवरात्रि हर महीने ही आती है लेकिन महाशिवरात्रि साल में सिर्फ एक बार ही आती है। महाशिवरात्रि का महत्व इसलिए भी ज्यादा है क्योकि यह शिव और शक्ति के मिलन की रात है। आध्यात्मिक रूप से इस दिन को प्रकृति और पुरुष के मिलन की रात के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन सभी शिव भक्त अपने भोलेनाथ के लिए पर्व रखते है और उनसे आशीर्वाद लेते है। इस दिन मंदिरों में जलाभिषेक का कार्यक्रम पुरे दिन चलता है। लेकिन क्या आपको पता है। महाशिवरात्रि मनाई क्यों जाती है।
महाशिवरात्रि के दिन पहली बार प्रकट हुए थे भोलेनाथ
हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन पहली बार प्रकट हुए थे महादेव। शिव का प्राकट्य ज्योतिर्लिंग यानी अग्नि के शिवलिंग के रूप मे था। ये एक ऐसा शिवलिंग था जिसका न तो कोई आदि था और न ही कोई अंत। मान्यताओं के अनुसार ब्रह्माजी हंस के रूप में शिवलिंग के सबसे ऊपरी भाग को देखने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन यह आसान नहीं था। वह शिवलिंग के सबसे ऊपरी भाग तक पहुंच ही नहीं पाए थे। दूसरी तरफ भगवान विष्णु भी वराह का रूप लेकर शिवलिंग के आधार ढूंढ रहे थे लेकिन वो भी इसमें सफल नहीं हो पाए।
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