इस बार कोरोना काल में नहीं मनेगा भव्य दशहरा, जाने किस-किस पर पड़ेगा इसका संकट
जाने क्यों और कब मनाया जायेगा दशहरा
शारदीय नवरात्रि के 10वें दिन और दिवाली से 20 दिन पहले दशहरा मनाया जाता है. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को दशहरा मनाया जाता है. इस साल दशहरा रविवार यानि की 25 अक्टूबर को मनाया जायेगा. दशहरा हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है. दशहरे को असत्य पर सत्य और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार दशहरा के दिन भगवान श्री राम ने 10 सिर वाले अधर्मी रावण को मार गिराया था इतना ही नहीं मान्यताओं के अनुसार इसी दिन माँ दुर्गा ने महिषासुर नाम के दानव का वध कर उसके आतंक से देवताओं को मुक्त कराया था. शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों के बाद 10वें दिन नौ शक्तियों के विजय के उत्सव के रूप में दशहरा मनाया जाता है।
व्यापारियों की कमाई हुई प्रभावित
पूरी दुनिया में फैले हुए कोरोना वायरस का असर अब हमारे देश के सभी त्योहारों पर देखने को मिल रहा है. इस साल हमारे देश में सारे उत्सव फीके-फीके नजर आ रहे हैं. अभी हमारा पूरे देश में शारदीय नवरात्रि का त्योहार मनाया जा रहा है और कल पूरे देश में दशहरा का त्योहार मनाया जायेगा. लेकिन इस साल दशहरा भी सांकेतिक तरीके से ही मनाया जायेगा. इस साल कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण दुर्गा पूजा और रावण दहन जैसे कार्यक्रमों का आयोजन नही किया जा रहा है. ऐसे में रावण दहन आयोजनों से जुड़े कारीगर की रोजी-रोटी संकट से जूझ रही है.
हर साल दशहरे के समय पर पुतला दहन के लिए देश भर में कारीगरों को पुतले बनाने का काम दिया जाता था. इससे बांस के बिजनस से जुड़े लोगों के अलावा, रंग बिरंगे कागज, पटाखों और अन्य जरूरी सामानों के व्यापारी भी जुड़े होते थे। इस साल कोरोना वायरस के कारण दशहरा का उत्सव न मनाये जाने से इन सभी कारीगरों की कमाई पर संकट आ गया है.
मूर्ति निर्माण से जुड़े मजदूरों की रोजी-रोटी पर भी संकट
इस साल कोरोना वायरस के कारण बहुत सारे लोगों को अपनी रोजी-रोटी से हाथ धोना पड़ा है. इस साल सारे उत्सव फीके-फीके नजर आ रहे हैं। इस बार देश भर में दुर्गा पूजा का अच्छे से आयोजन ना होने के कारण देश भर में पांडाल निर्माण से जुड़े कारोबारियों और मजदूरों की कमाई पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ा है. इस साल दुर्गा पूजा के लिए मूर्ति बनाने वाले मजदूरों और तमाम मेलों में सामान बेचने वाले मजदूरों तक सभी लोगों पर कोरोना का असर देखने को मिला है. इसलिए इस साल हमें दशहरा में रावण दहन की जगह कोरोना दहन का संकल्प लेना चाहिए.
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