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Ganesh Utsav 2020: जाने क्यों मनाया जाता है गणेशोत्सव और कैसे हुई शुरुआत
लाइफस्टाइल

Ganesh Utsav 2020: जाने क्यों मनाया जाता है गणेशोत्सव और कैसे हुई शुरुआत

इस साल 22 अगस्त को मनाया जाएगा गणेशोत्सव


हमारे देश में गणेशोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन खासतौर पर इसकी धूम  महाराष्ट्र और तेलगांना में रहती है. गणेशोत्सव पर महाराष्ट्र का नजारा देखने लायक होता है. इस साल गणेशोत्सव 22 अगस्त, यानि की शनिवार को मनाया जाएगा. इसी के साथ 10 दिवसीय गणेशोत्सव की शुरुआत हो जाएगी. इसके बाद 1 सितंबर को चतुर्दशी पर गणपति बप्पा की मूर्ति का विसर्जन किया जाएगा.  हर साल महाराष्ट्र में गणेशोत्सव का त्योहार पूरे धूमधाम के साथ मनाया जाता है, लेकिन इस साल महाराष्ट्र में कोरोना महामारी के कारण सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं होगें. जिसके कारण आपको महाराष्ट्र की सड़कों पर श्रद्धालुओं की भीड़ भी कम नजर आएगी.

कब मनाया जाता है गणेशोत्सव

गणेशोत्सव को 10 दिवसीय उत्सव भी कहा जाता है. यह भादो महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू होकर 10 दिन तक चलता है. गणेशोत्सव के दिन गणपति बप्पा घर-घर विराजते है. और उसके बाद अनंत चतुर्दशी को बप्पा की मूर्ति को विसर्जित किया जाता है. लेकिन आज लोगों की जिंदगी इतनी भागदौड़ भरी हो गयी है कि लोग अपनी क्षमता के अनुसार बप्पा को 2 या 3 दिनों की पूजा के बाद भी विदा करते है.

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Image Source – Pixabay

जाने कैसे शुरू हुई गणेशोत्सव की परंपरा

अगर हम पौराणिक कथाओं की माने तो गणेशोत्सव को उत्सव के रूप में मनाना छत्रपति शिवाजी महाराज के कार्यकाल में शुरू हुआ था. छत्रपति शिवाजी महाराज ने लोगों के दिलों में देशभक्ति और संस्कृति को जीवित रखने के लिए गणेशोत्सव के त्यौहार की शुरुआत की थी. साथ ही आपको ये भी बता दें कि स्वतंत्रता आंदोलन के समय  बाल गंगाधर तिलक ने लोगों को एकजुट करने के लिए गणेशोत्सव को बड़े स्तर पर मनाना शुरू किया था.

गणेशोत्सव की पूजा के लिए जरूरी सामग्री

गणेशोत्सव के दिन गणपति बप्पा की मूर्ति को घर पर पूरे विधि विधान के साथ स्थापित किया जाता है. इस विधि विधान को पूरा करने के लिए हमें इन चीजों की जरूरत पड़ती है. जैसे शुद्ध जल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी, सुगंई, कपूर चन्दन, रोली सिन्दूर, अक्षत, पंचामृत, वस्त्र, जनेऊ, मधुपर्क, आभूषण, सुगन्धित तेल, धूपबत्ती, दीपक, प्रसाद, फल, गंगाजल, पान, सुपारी, रू, फूल माला, बेलपत्र दूब, शमीपत्र, गुलाल आदि.

गणेशोत्सव की पूजा विधि

गणेशोत्सव की पूजा शुरू करने से पहले आपको गणपति बप्पा की नई मूर्ति घर पर लानी होती है. उसके बाद उनको शुद्ध जल और दूध से नहलाकर अपने मंदिर में स्थापित करनी पड़ती है. साथ ही आपको एक कोरे कलश को जल भरकर उसमें सुपारी डाल कर उसे कोरे कपड़े से बांध कर गणपति बप्पा की मूर्ति के साथ मंदिर में स्थापित करना चाहिए. उसके बाद जितने दिन भी आप गणपति बप्पा को रख सके उतने दिन सुबह शाम उनकी पूजा करें और उसके बाद गणपति बप्पा को विदा कर दे.

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