3 दशकों तक भारतीय वायुसेना के साथ रहने वाले MiG 27 फाइटर जेट की आज होगी विदाई
भारतीय वायुसेना के साथ रहने वाले MiG-27 फाइटर जेट की आज होगी विदाई
आज भारतीय वायुसेना के बेड़े में 1985 आये MiG 27 की जिसने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के छक्के छुड़ाए थे,
आज उसकी विदाई का समय हैं। आज राजस्थान के जोधपुर एयरबेस से मिग-27 के आखिरी स्क्वॉड्रन के आखिरी
7 लड़ाकू विमानों की विदाई होगी जिसके लिए कार्यक्रम शुरू हो चुका है।
MiG-27 क्या हैं
3 दशकों तक कई अभियानों जिसमे से एक पाकिस्तान कारगिल युद्ध है, इस विमान ने भारतीय वायुसेना का साथ
दिया। आज मिग-27 अपनी आखिरी उड़ान भरेगा। जोधपुर एयरबेस से उड़ान के बाद इस विमान को विदाई दी
जाएगी। 1985 में भारत ने 165 मिग-27 विमानों को भारतीय वायुसेना के बेड़े में अपने आप ही बनाकर शामिल
किया था जिन्हे करगिल युद्ध में भी इस्तेमाल किया गया था।1999 में पाकिस्तान के साथ हुए जुंग में मिग-27
फाइटर जेट्स ने मुख्य भूमिका निभाई थी। यह मिग 27 पावरफुल R-29 इंजन होने की वजह से कम ऊंचाई पर
बहुत तेजी से उड़ान भर सकता है।
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ऑपरेशन पराक्रम और करगिल में निभाई भूमिका
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, मिग-27 ने ऑपरेशन पराक्रम और करगिल युद्ध ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मिग
27 ने देश के लिए बहुत अहम भूमिका अदा की है वो चाहे बात करगिल की ऐतिहासिक जंग की हो या ऑपरेशन
पराक्रम की।
जोधपुर में भारतीय वायुसेना के स्टेशन से विदाई
आज के दिन जोधपुर में भारतीय वायुसेना के स्टेशन पर डी-इंडक्शन सेरेमनी में कई तरह के कार्यक्रमों का
आयोजन होगा जिसकी अध्यक्षता दक्षिण पश्चिमी एयर कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल
एस के घोटिया करेंगे। इस कार्यकर्म के दौरान भारतीय वायुसेना के सभी मौजूदा और रिटायर अधिकारी भी
उपस्थित रहेंगे।
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