आइए जानते है दयाशंकर का राजनीतिक सफर के बारे में….
दयाशंकर सिंह ने बीएसपी नेता मायावती की तुलना वेश्या से की थी, जिसके बाद सियासी मामले ने जन्म लिया। बीएसपी के कार्यकर्ता गुस्से में सड़कों पर उतर आए हैं और दयाशंकर की गिरफ़्तारी की मांग कर रहे हैं।
दरअसल, दयाशंकर ने बीएसपी पर कथित तौर पर मोटी रकम लेकर टिकट बेचे जाने की टिप्पणी की थी। बढ़ते मामले को देखकर दयाशंकर ने माफी भी मांग ली है, लेकिन बीजेपी ने दयाशंकर को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया है।
दयाशंकर सिंह
आइए जानते दयाशंकर सिंह का अब तक का राजनीतिक सफर
दयाशंकर सिंह बलिया के रहने वाले है। दयाशंकर ने साल 1997 से 1998 तक लखनऊ यूनिवर्सिटी छात्र संघ महामंत्री रहे। साल 1999 में लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्र संघ अध्यक्ष बने गए।
साल 2000 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री बने, साल 2003 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के ही प्रदेश उपाध्यक्ष बन गए। एक साल बाद मतलब कि साल 2004 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री और 2005 में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बन गए।
वर्ष 2007 में दयाशंकर ने विधानसभा चुनाव लड़ा, जिसमें वे हारे गए और फिर साल 2010 में प्रदेश बीजेपी में महामंत्री बने। दयाशंकर ने साल 2015 और 2016 में दो बार MLC चुनाव भी लड़े लेकिन हारे गए।
इस साल 2016 में 12 जुलाई को यूपी के बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए गए और 20 जुलाई को पद से हटा दिया गया।