धार्मिक

Guru Gobind Singh Jayanti 2025: गुरु गोबिंद सिंह जयंती 2025, खालसा पंथ के संस्थापक को श्रद्धांजलि

Guru Gobind Singh Jayanti 2025, गुरु गोबिंद सिंह जयंती 2025 सिख धर्म के दसवें और अंतिम गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की स्मृति में मनाया जाने वाला एक पावन और प्रेरणादायक पर्व है।

Guru Gobind Singh Jayanti 2025 : गुरु गोबिंद सिंह जयंती 2025, सिखों के दसवें गुरु की जयंती पर जानें इतिहास और महत्व

Guru Gobind Singh Jayanti 2025, गुरु गोबिंद सिंह जयंती 2025 सिख धर्म के दसवें और अंतिम गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की स्मृति में मनाया जाने वाला एक पावन और प्रेरणादायक पर्व है। यह दिन सिर्फ एक जयंती नहीं, बल्कि साहस, त्याग, समानता और धर्म की रक्षा के संकल्प का प्रतीक है। गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने पूरे जीवन से यह संदेश दिया कि अन्याय के खिलाफ खड़े होना ही सच्चा धर्म है।

Image

गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म और प्रारंभिक जीवन

श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म 1666 ईस्वी में पटना साहिब (बिहार) में हुआ था। उनके पिता नौवें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर जी और माता माता गुजरी जी थीं। बचपन से ही गुरु गोबिंद सिंह जी में अद्भुत साहस, तेज बुद्धि और आध्यात्मिक चेतना दिखाई देती थी। उन्होंने छोटी उम्र में ही शास्त्रों, युद्ध-कला और साहित्य का गहन ज्ञान प्राप्त कर लिया था।

गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान और गुरु गोबिंद सिंह का दायित्व

जब गुरु गोबिंद सिंह जी मात्र नौ वर्ष के थे, तब उनके पिता गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। इसके बाद गुरु गोबिंद सिंह जी को सिखों का गुरु नियुक्त किया गया। इतनी कम उम्र में उन्होंने न सिर्फ नेतृत्व संभाला, बल्कि सिख समुदाय को एकजुट और संगठित करने का कार्य भी किया।

खालसा पंथ की स्थापना – इतिहास का स्वर्णिम अध्याय

गुरु गोबिंद सिंह जी का सबसे महान कार्य 1699 में खालसा पंथ की स्थापना माना जाता है। वैशाखी के पावन अवसर पर उन्होंने सिखों को एक नई पहचान दी। उन्होंने “पांच प्यारों” को अमृत पान करवाया और खुद भी उनसे अमृत ग्रहण किया। खालसा पंथ का उद्देश्य था—अन्याय के खिलाफ खड़ा होना, कमजोरों की रक्षा करना और समानता का पालन करना। इसी के साथ उन्होंने सिखों को पांच ककार (केश, कंघा, कड़ा, कच्छा और कृपाण) धारण करने का आदेश दिया, जो आज भी सिख पहचान का अभिन्न हिस्सा हैं।

समानता और मानवता का संदेश

गुरु गोबिंद सिंह जी ने जाति, धर्म और वर्ग के भेदभाव को सख्ती से नकारा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सभी मनुष्य समान हैं और ईश्वर की दृष्टि में कोई छोटा-बड़ा नहीं। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि सच्चा धर्म केवल पूजा-पाठ नहीं, बल्कि मानवता की सेवा और अन्याय के विरुद्ध संघर्ष है।

चार साहिबजादों का बलिदान

गुरु गोबिंद सिंह जी का जीवन त्याग और बलिदान से भरा रहा। उनके चारों साहिबजादों ने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। बड़े साहिबजादे युद्ध में शहीद हुए, जबकि छोटे साहिबजादों को दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया। इसके बावजूद गुरु गोबिंद सिंह जी का विश्वास डगमगाया नहीं और उन्होंने सिखों को धैर्य और साहस का मार्ग दिखाया।

गुरु ग्रंथ साहिब को अंतिम गुरु घोषित करना

गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने जीवन के अंतिम समय में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया। उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का शाश्वत और अंतिम गुरु घोषित किया। इसका अर्थ था कि अब कोई मानव गुरु नहीं होगा, बल्कि गुरु ग्रंथ साहिब के पवित्र शब्द ही सिखों का मार्गदर्शन करेंगे। यह निर्णय सिख धर्म की नींव को और अधिक मजबूत करता है।

Read More: Eggless Karachi Cake Recipe: बिना अंडे का कराची केक रेसिपी, वीकेंड पर मीठा बनाने का परफेक्ट ऑप्शन

गुरु गोबिंद सिंह जयंती 2025 का महत्व

गुरु गोबिंद सिंह जयंती 2025 के अवसर पर देश और दुनिया भर में श्रद्धा और उत्साह का माहौल रहता है। गुरुद्वारों में नगर कीर्तन, कीर्तन-दीवान, अखंड पाठ और लंगर का आयोजन किया जाता है। श्रद्धालु गुरु साहिब के जीवन से प्रेरणा लेकर सेवा, दान और परोपकार के कार्य करते हैं।

Read More: Lionel Messi in India: फुटबॉल इतिहास का सबसे बड़ा नाम भारत में! लियोनल मेसी के लिए कोलकाता में पागलपन Video

आज के समय में गुरु गोबिंद सिंह जी की शिक्षाएं

आज के दौर में, जब समाज कई तरह की चुनौतियों से जूझ रहा है, गुरु गोबिंद सिंह जी की शिक्षाएं और भी प्रासंगिक हो जाती हैं। उनका संदेश हमें सिखाता है कि

  • अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है
  • निर्भीक होकर सत्य का साथ देना चाहिए
  • समाज में समानता और भाईचारे को बढ़ावा देना चाहिए

गुरु गोबिंद सिंह जयंती 2025 केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि आत्मचिंतन और प्रेरणा का दिन है। यह हमें याद दिलाता है कि सच्चा साहस तलवार उठाने में नहीं, बल्कि सत्य, न्याय और मानवता के लिए खड़े होने में है। गुरु गोबिंद सिंह जी का जीवन आज भी करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है और आने वाली पीढ़ियों को धर्म, त्याग और वीरता का मार्ग दिखाता रहेगा।

We’re now on WhatsApp. Click to join.

अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com

Back to top button