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Hindi News Today:भारत की बड़ी उपलब्धियां और अहम राष्ट्रीय अपडेट अंतरिक्ष, रक्षा और न्याय के मोर्चे पर मजबूती

ISRO ने लॉन्च किया CMS-03 सैटेलाइट, डिजिटल कनेक्टिविटी से लेकर स्वदेशी ड्रोन और महिला सुरक्षा तक  देश में तेजी से हो रहा है प्रगति और सुधार का विस्तार

Hindi News Today:  ISRO मिशन और स्वदेशी ड्रोन पर फोकस

Hindi News Today:भारत ने अंतरिक्ष, रक्षा और न्याय व्यवस्था के मोर्चे पर बड़ा कदम बढ़ाया है। ISRO ने CMS-03 सैटेलाइट सफलतापूर्वक लॉन्च किया, जिससे देश में डिजिटल कनेक्टिविटी और मजबूत होगी। वहीं, भारतीय सेना के लिए स्वदेशी MALE ड्रोन मिशन की प्रक्रिया आगे बढ़ी है। इसी बीच, भविष्य के CJI सूर्यकांत ने महिलाओं के न्याय अधिकार और सुरक्षा पर जोर दिया है।

भारत का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 लॉन्च

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा से अपना सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 सफलतापूर्वक लॉन्च कर इतिहास रच दिया। इसे LVM3-M5 रॉकेट के माध्यम से अंतरिक्ष में भेजा गया। यह उपग्रह देश में मोबाइल नेटवर्क, इंटरनेट और टीवी सेवाओं को मजबूत करेगा। साथ ही यह समुद्री क्षेत्रों में भी कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगा जिससे आपातकालीन स्थितियों में त्वरित संचार संभव होगा।

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भारत-इजरायल संबंधों में मजबूती की तैयारी

इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार अगले हफ्ते भारत दौरे पर आ रहे हैं। उनकी यात्रा के दौरान रक्षा और तकनीक के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच अहम समझौते हो सकते हैं। इसके बाद दिसंबर में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी भारत पहुंच सकते हैं, ऐसे में द्विपक्षीय रिश्तों में और मजबूती की उम्मीद है।

महिलाओं के प्रति न्याय व्यवस्था को भरोसेमंद बनाना जरूरी: सूर्यकांत

भारत के अगले चीफ जस्टिस (CJI) सूर्यकांत ने लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि हर महिला को न्याय व्यवस्था पर भरोसा होना चाहिए। कार्यक्रम में जस्टिस अरुण भंसाली ने ‘न्याय मार्ग’ चैटबॉट को न्याय तक पहुंच बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।  वहीं जस्टिस महेश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि दुष्कर्म पीड़िताओं को न केवल हिंसा बल्कि गर्भावस्था, सामाजिक कलंक और भावनात्मक आघात का भी सामना करना पड़ता है।

भारतीय सेनाओं को 87 स्वदेशी MALE ड्रोन की जरूरत

देश की सेना जासूसी और कॉम्बैट मिशन के लिए 87 मीडियम एल्टिट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस ड्रोन खरीदना चाहती है। लगभग ₹30,000 करोड़ की इस खरीद में सरकार चाहती है कि ये ड्रोन भारत में ही बनें। इसी कारण विदेशी कंपनियों को भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी के लिए प्रयास करने पड़ रहे हैं। इस रेस में इजरायल की Elbit और अमेरिका की General Atomics जैसी कंपनियाँ शामिल हैं। सरकार का लक्ष्य है कि ड्रोन में 50% से अधिक पुर्जे भारत में तैयार हों ताकि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़े।

3 नवंबर 1957: जब ‘लाइका’ ने अंतरिक्ष में रखा पहला कदम

आज ही के दिन सोवियत संघ ने स्पुतनिक-2 मिशन के साथ एक स्ट्रीट डॉग लाइका को अंतरिक्ष में भेजा था और वह अंतरिक्ष में जाने वाली पहली जीवित प्राणी बन गई। हालाँकि उसकी वापसी का कोई इंतज़ाम नहीं था और लॉन्च के कुछ ही घंटों बाद गर्मी और तनाव के कारण उसकी मृत्यु हो गई। लेकिन लाइका की कुर्बानी ने भविष्य के मानव स्पेस मिशन को संभव बनाया। 1961 में जब यूरी गगारिन अंतरिक्ष पहुंचे, तो कहा गया  “यह लाइका की देन है। आज भी मास्को में उसके नाम पर बना स्मारक उसकी बहादुरी को याद दिलाता है।

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