Maa Vaishno Devi Yatra: नवरात्र में वैष्णो देवी यात्रा को लेकर बड़ा अपडेट, श्राइन बोर्ड ने मां के भक्तों के लिए दी अहम जानकारी
Maa Vaishno Devi Yatra, मां वैष्णो देवी की यात्रा सोमवार को लगातार 21वें दिन स्थगित रही। मुख्य वजह हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण पारंपरिक मार्ग पर भूस्खलन की स्थिति है।
Maa Vaishno Devi Yatra : नवरात्र के दौरान यात्रा पर रोक या खुला अवसर? जानें श्राइन बोर्ड का नया आदेश
Maa Vaishno Devi Yatra, मां वैष्णो देवी की यात्रा सोमवार को लगातार 21वें दिन स्थगित रही। मुख्य वजह हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण पारंपरिक मार्ग पर भूस्खलन की स्थिति है। विशेष रूप से सांझी छत क्षेत्र में आए भूस्खलन ने श्रद्धालुओं के लिए यात्रा को कठिन बना दिया है। मौसम विभाग ने आगामी कुछ दिनों तक मौसम की अनिश्चितता का अनुमान जताया है, जिससे यात्रा शुरू होने में और भी विलंब हो सकता है।
अधिकांश मार्ग तो साफ, लेकिन फिसलन बरकरार
मौसम की बेरुखी के कारण श्राइन बोर्ड ने सभी मुख्य मार्गों की सफाई कार्य को पूरा कर लिया है। फिर भी, कई स्थानों पर फिसलन की स्थिति बनी हुई है, जिससे सुरक्षा की दृष्टि से अभी यात्रा शुरू करना संभव नहीं है। श्राइन बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी और इसके साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
नवरात्र से शुरू हो सकती है यात्रा?
बढ़ती उम्मीदों के बीच कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी 22 सितंबर से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्र के अवसर पर मां वैष्णो देवी की यात्रा पुनः प्रारंभ हो सकती है। श्राइन बोर्ड की ओर से यह कहा गया है कि जैसे ही मौसम में सुधार होगा और सभी मार्ग सुरक्षित हो जाएंगे, यात्रा को सुचारू रूप से शुरू कर दिया जाएगा। फिलहाल पर्यावरणीय परिस्थितियों का ध्यान रखते हुए बोर्ड की टीम लगातार मरम्मत कार्य में लगी हुई है।
श्रद्धालुओं का प्रदर्शन और मांग
यात्रा स्थगित होने से निराश श्रद्धालुओं ने कटड़ा मुख्य बस अड्डे पर प्रदर्शन किया। उन्होंने श्राइन बोर्ड और प्रशासन से आग्रह किया कि उन्हें जल्द से जल्द मां वैष्णो देवी के दर्शन की अनुमति दी जाए। प्रदर्शन में शामिल श्रद्धालुओं ने अपनी व्यथा जाहिर करते हुए कहा कि वे मां के आशीर्वाद के बिना चैन से नहीं बैठ सकते। वहीं, प्रशासन और एसडीएम ने उन्हें समझाया कि फिलहाल मौसम की स्थिति अनुकूल नहीं है और उनकी सुरक्षा सर्वोपरि है।
मजदूरों का विरोध प्रदर्शन
मां वैष्णो देवी यात्रा शुरू न होने से घाटी में रोजगार पर भी असर पड़ा है। विशेष रूप से घोड़ा, पिट्ठू, और पालकी चलाने वाले मजदूरों की आर्थिक स्थिति पर गहरा असर पड़ा है। श्राइन बोर्ड के केंद्रीय कार्यालय के बाहर भूपेंद्र सिंह जमवाल के नेतृत्व में इन मजदूरों ने जोरदार प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि यात्रा स्थगित रहने से उनका परिवार पालन-पोषण करना मुश्किल हो गया है। उन्होंने सरकार से अपील की कि जल्द से जल्द यात्रा को शुरू करने के उपाय किए जाएं।
26 अगस्त का भूस्खलन: एक त्रासदी
26 अगस्त को मां वैष्णो देवी मार्ग के अर्धकुंवारी मंदिर क्षेत्र में भूस्खलन हुआ था। इस आपदा में 34 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी, जबकि कई अन्य घायल भी हुए थे। इस घटना के बाद से यात्रा पूरी तरह से बंद है। श्राइन बोर्ड और प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि पूरी स्थिति की जांच की जाए और मार्ग पूरी तरह से सुरक्षित बने बिना किसी भी प्रकार की यात्रा की अनुमति न दी जाए।
श्राइन बोर्ड की मंशा: श्रद्धालुओं की सुरक्षा
श्राइन बोर्ड ने बार-बार यह दोहराया है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है। इसलिए सभी उपाय किए जा रहे हैं ताकि हर मार्ग पूरी तरह से दुरुस्त और सुरक्षित हो। बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि यात्रियों की जान जोखिम में नहीं डाली जाएगी। इसी कारण से अभी भी यात्रा शुरू करने के लिए अंतिम हरी झंडी नहीं दी गई है।
भविष्य की उम्मीदें
श्राइन बोर्ड की ओर से उम्मीद जताई जा रही है कि जैसे ही मौसम में सुधार होगा, विशेष रूप से सांझी छत और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों की मरम्मत पूरी होगी, यात्रा फिर से प्रारंभ हो जाएगी। हालांकि श्रद्धालु और मजदूर दोनों ही इस विलंब से परेशान हैं, लेकिन प्रशासन और बोर्ड लगातार स्थिति को सुधारने में जुटे हुए हैं।
निष्कर्ष: श्रद्धालु और प्रशासन की आपसी समझ जरूरी
यह स्पष्ट है कि मां वैष्णो देवी की यात्रा धार्मिक भावना का एक अहम हिस्सा है, लेकिन साथ ही सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता। आने वाले दिनों में मौसम में सुधार के साथ-साथ प्रशासन की मेहनत का फल दिखेगा और लाखों श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए फिर से यात्रा पर निकल सकेंगे। वहीं, मजदूरों की स्थिति सुधारने के लिए सरकार को विशेष योजनाएं बनानी होंगी ताकि उनकी आजीविका भी सुरक्षित बनी रहे।
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