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Women Empowerment: जाने कौन है प्रो बेला, जाने कैसे करती है हॉर्टिकल्चर थेरेपी से लोगो की मदद

Women Empowerment: प्रो बेला हॉर्टिकल्चर थेरेपी की सहायता से करती है दिव्यांग जनों का इलाज


Highlights:

  • जाने कौन है प्रो बेला
  • हॉर्टिकल्चर थेरेपी की सहायता से करती है दिव्यांग जनों का इलाज
  • प्रो बेला के बगीचे में कई दिव्यांगजन करते है काम
  • जाने प्रो बेला के इस अनोखे इनिशिएटिव का क्या है मकसद

Women Empowerment: ‘हौसला बुलंद हो तो मंजिल पाना मुश्किल नहीं’ ये कहावत तो अपने भी सुनी ही होगी। हालांकि हौसला बुलंद होना या फिर मंजिल पाने के मायने हम सभी के लिए अलग अलग हो सकते है कुछ के लिए इसका अर्थ जीवन में बड़ी सफलता को अर्जित करना है, तो वहीं कुछ लोगों के लिए समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाना ही उसकी मंजिल पाना होता है। आपने देखा होगा कि आपके आस पास भी कई लोग होते है जो देश और समाज को एक सकारात्मक दिशा में ले जाने के लिए कई अच्छे काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज हम बात कर रहे है प्रो बेला की।

जो आज के समय पर एक नए और अनोखे इनिशिएटिव पर लगी हुई है बता दें कि प्रो बेला एक अनोखे इनिशिएटिव के तहत दिव्यांग जनों का इलाज कर रही हैं। उसके इस अनोखे आइडिया को न सिर्फ हमारे देश में बल्कि पूरी दुनिया भर में वाहवाही मिल रही है। प्रो बेला आज के समय पर हॉर्टिकल्चर थेरेपी की सहायता से दिव्यांग जनों का इलाज कर रही हैं। इस हॉर्टिकल्चर थेरेपी में वो पेड़ पौधों की मदद से दिव्यांग जनों का इलाज करती हैं।

ऐसे तो प्रो बेला कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर में कम्युनिटी साइंस की प्रोफेसर है लेकिन आज के समय पर वो देश में एक सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश में जुटी हुई है। तो चलिए विस्तार से जानते है कौन है प्रो बेला और इस काम को करने के पीछे क्या है उनका खास मकसद।

प्रो बेला आपके इस अनोखे इनिशिएटिव के तहत मानसिक, शारीरिक और दृष्टिबाधित दिव्यांग जनों की सहायता कर रही हैं। वो पेड़ पौधों की सहायता से दिव्यांगों को मोटर न्यूरॉन स्किल्स को ठीक करने का काम करती है। मोटर न्यूरॉन स्किल का मतलब है शरीर के अंगों का मस्तिष्क के साथ सही तालमेल करना है।

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प्रो बेला के बगीचे में कई दिव्यांगजन करते है काम

प्रो बेला के बगीचे में कई दिव्यांगजन काम भी करते है कुछ दिव्यांगजन पौधे लगाने, पौधों को सींचने, गमले को तैयार करने, बीज बोने जैसे कई काम करते हैं। जिसका सकारात्मक असर उनके मोटर न्यूरॉन स्किल पर पड़ता है। इन कामों को करने से दिव्यांग लोगों के रिफ्लेक्सेस भी तेज होते हैं। साथ ही साथ दिव्यांगजन को इस तरह के कई और कामों को करने की ट्रेनिंग भी दी जाती है।

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Pic Credit- dainik bhaskar

जाने प्रो बेला के इस अनोखे इनिशिएटिव का क्या है मकसद

प्रो बेला के मोटर न्यूरॉन के इम्प्रूव होने के बाद से दिव्यांगों को अपने रोजाना के काम करने के लिए किसी दूसरे व्यक्ति पर भी निर्भर नहीं रहना पड़ता। अब वो अपने इन कामों को खुद से ही आसानी से कर लेंगे। प्रो बेला के इस अनोखे इनिशिएटिव का मकसद दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाना है। प्रो बेला को उनके इस काम के लिए न सिर्फ हमारे देश में बल्कि पूरी दुनिया से खूब समर्थन मिल रहा है। अभी उन्हें अमेरिकन हॉर्टिकल्चर थेरेपी एसोसिएशन द्वारा सम्मानित भी किया गया है।

आज के समय पर प्रो बेला देश दुनिया में करोड़ों लोगों के लिए एक मिसाल बन गई हैं। प्रो बेला अपने इन अनोखे प्रयासों से कई दिव्यांगजनों को एक नई जिंदगी दे रही हैं।

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Conclusion

प्रो बेला एक अनोखे इनिशिएटिव के तहत दिव्यांग जनों का इलाज कर रही हैं। उसके इस अनोखे आइडिया को न सिर्फ हमारे देश में बल्कि पूरी दुनिया भर में वाहवाही मिल रही है। प्रो बेला आज के समय पर हॉर्टिकल्चर थेरेपी की सहायता से दिव्यांग जनों का इलाज कर रही हैं। इस हॉर्टिकल्चर थेरेपी में वो पेड़ पौधों की मदद से दिव्यांग जनों का इलाज करती हैं।

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