Breastfeeding Week 2022: नई मम्मियाँ करें इन ब्रेस्टफीडिंग टिप्स को फॉलो और इन्जावइ करें अपना मदरहुड
Breastfeeding Week 2022: पहली बार ब्रेस्ट फीडिंग कराते समय रखें इन बातों का ध्यान
- जाने कब और क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड ब्रेस्ट फीडिंग वीक
- पहली बार ब्रेस्ट फीडिंग करने वाली मां के लिए टिप्स
- ब्रेस्ट फीडिंग से बच्चे को मिलने वाले फायदे
- ब्रेस्ट फीडिंग से मां को मिलने वाले फायदे
Breastfeeding Week 2022: बच्चे के लिए मां का दूध कितना फायदेमंद होता है ये तो हम सभी लोग जानते है अपने अक्सर लोगों से सुना होगा कि मां का दूध बच्चे के लिए अमृत समान होता है। मां का दूध पीने से बच्चे को रोगों से लड़ने की क्षमता मिलती है और वह स्वस्थ बना रहता है क्योंकि मां के दूध में कई सारे पोषक तत्व होते है। इसके साथ ही आपको बात दें मां और बच्चे दोनों के लिए ब्रेस्ट फीडिंग कितनी जरूरी होती है ये बतातने के लिए ही हर साल वर्ल्ड ब्रेस्ट फीडिंग वीक मनाया जाता है। तो चलिए जानते है इसे बारे में।
जाने कब और क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड ब्रेस्ट फीडिंग वीक
हर साल पूरी दुनिया में अगस्त के पहले सप्ताह में वर्ल्ड ब्रेस्ट फीडिंग वीक मनाया जाता है। वर्ल्ड ब्रेस्ट फीडिंग वीक मनाने की शुरुआत ब्रेस्ट फीडिंग को प्रोत्साहित करने और दुनिया भर में शिशुओं के स्वास्थ्य में सुधार के लिए इनोसेंटी डिक्लेरेशन से हुई थी। जिस पर अगस्त 1990 में सरकारी नीति निर्माताओं, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ और अन्य संगठनों द्वारा ब्रेस्ट फीडिंग की रक्षा, प्रचार और समर्थन करने के लिए हस्ताक्षर किए गए थे।
पहली बार ब्रेस्ट फीडिंग करने वाली मां के लिए टिप्स
ब्रेस्ट में दर्द होना: किसी भी महिला के ब्रेस्ट से डिलीवरी के कम से कम दो से चार दिनों के बाद दूध निकलना शुरु हो जाता है। इस दौरान महिलाओं को ब्रेस्ट में दर्द भी हो सकता है। इस द्वारा न सिर्फ ब्रेस्ट में बल्कि निप्पलों को छूने पर भी दर्द होता है और मां बनी महिला को हर कुछ घंटों में बच्चे को दूध पिलाना होता है, जिसके कारण महिला के ब्रेस्ट में दर्द और भी ज्यादा बढ़ जाता है। खासकर जब बच्चा निप्पल से दूध खींचता है तो इस दौरान दर्द और भी ज्यादा बढ़ जाता है। यह दर्द महिलाओं को शुरुआती दिनों में ही नहीं बल्कि कई हफ्तों तक भी रह सकता है।
बच्चा नहीं पी पाता दूध: अक्सर बच्चे शुरुआती दिनों में निप्पल से दूध नहीं खींच पाते या फिर कहें उन्हें दूध पीना नहीं आता है। इस दौरान मां को ही बच्चे को निप्पल से दूध खींचना सिखाना पड़ता है। इस तरह की समस्या खास कर उन बच्चों के साथ होती है जो प्रीमैच्योर होते या फिर डिलवरी के दौरान किसी तरह की मुश्किल के कारण यह समस्या ज्यादा आ सकती है।
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दूध लीक होना: कई महिलाओं के साथ बच्चे को फीडिंग करने के दौरान ब्रेस्टमिल्क लीक आने की समस्या भी होती है। अक्सर महिलाओं के साथ यह समस्या शुरुआती दिनों में ही आती है। इतना ही नहीं कई बार तो बच्चे को एक ब्रेस्ट से दूध पिलाते समय दूसरी ब्रेस्ट से दूध निकल सकता है और कई बार सोते समय भी ब्रेस्ट से दूध निकलता है। लेकिन यह समस्या 6 महीने के अंदर ठीक भी हो जाती है।
ब्रेस्ट फीडिंग से बच्चे को मिलने वाले फायदे
इम्यूनिटी: मां का दूध बच्चे के लिए अमृत समान होता है। मां का दूध पीने से बच्चे को कई सारी बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है क्योंकि मां के दूध में उच्च प्रोटीन और रोगप्रतिकारक मौजूद होते हैं जो शिशु में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
शारिरिक विकास: मां के दूध में प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम आदि चीजे होती है जो बच्चे के शारीरिक विकास में मदद करती हैं।
पाचन तंत्र: मां के दूध से बच्चे को प्रोबियोटिक मिलते हैं जो बच्चे के पाचन तंत्र से इंफेक्शन को दूर करता है और इससे बच्चे का पाचन तंत्र भी स्वस्थ रहता है। इतना ही नहीं मां के दूध से बच्चे को पेट संबंधी परेशानियां होने की आशंका भी बहुत ज्यादा कम हो जाती है।
ब्रेस्ट फीडिंग से मां को मिलने वाले फायदे
कैंसर: ब्रेस्ट फीडिंग से सिर्फ बच्चे को ही नहीं बल्कि उसकी मां को भी काफी फायदा मिलता है। कई रिपोर्ट्स के अनुसार ब्रेस्ट फीडिं कराने से बच्चे की मां को गर्भाशय में होने वाले कैंसर से बचाया जा सकता है।
ब्लीडिंग: महिलाओं को बच्चे के जन्म के बाद से ही ब्लीडिंग की समस्या हो जाती है, जिसके कारण उन्हें पेट दर्द की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। लेकिन अगर कोई महिला अपने बच्चे को नियमित रूप से फीड करती है तो उससे ब्लीडिंग के कारण होने वाले दर्द से राहत मिल सकती है।
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