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World Heritage Day: संस्कृति की पहचान, विश्व धरोहर दिवस 2025

World Heritage Day, हर वर्ष 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य दुनिया भर की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण और संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करना होता है।

World Heritage Day : संभालें अपनी विरासत, सजाएँ अपना इतिहास

World Heritage Day, हर वर्ष 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य दुनिया भर की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण और संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करना होता है। इसे अंतर्राष्ट्रीय स्मारक और स्थल दिवस (International Day for Monuments and Sites) के रूप में भी जाना जाता है। यह दिन पहली बार 18 अप्रैल 1982 को इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मॉन्यूमेंट्स एंड साइट्स (ICOMOS) द्वारा मनाया गया था, और 1983 में यूनेस्को ने इसे आधिकारिक मान्यता दी।

विश्व धरोहर दिवस का उद्देश्य

इस दिन का मुख्य उद्देश्य है कि लोग अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को जानें, समझें और उसे सहेजने के लिए प्रेरित हों। दुनिया भर में कई ऐसी धरोहरें हैं जो हमारी सभ्यता, कला, संस्कृति, वास्तुकला और इतिहास की अनमोल निशानियाँ हैं। यदि इन धरोहरों का संरक्षण नहीं किया गया, तो आने वाली पीढ़ियां अपने अतीत से जुड़ी इन धरोहरों से वंचित रह जाएंगी।

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भारत की विश्व धरोहरें

भारत में कई स्थानों को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया गया है। इनमें ताजमहल (आगरा), कुतुब मीनार (दिल्ली), अजंता-एलोरा की गुफाएं (महाराष्ट्र), खजुराहो के मंदिर (मध्य प्रदेश), महाबलीपुरम के मंदिर (तमिलनाडु), काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (असम), सुंदरबन (पश्चिम बंगाल) और हाल ही में शामिल हुए ढोलावीरा (गुजरात) जैसे कई महत्वपूर्ण स्थल शामिल हैं। ये स्थल भारत की समृद्ध विरासत और विविधता का प्रतीक हैं।

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धरोहर संरक्षण की आवश्यकता

आज की तेज़ी से बढ़ती आबादी, शहरीकरण, प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन की वजह से कई धरोहर स्थलों को नुकसान पहुँच रहा है। कई प्राचीन इमारतें और स्मारक समय के साथ जीर्ण-शीर्ण हो रहे हैं। यदि हम इन्हें नहीं बचाएंगे, तो यह हमारी पहचान का एक हिस्सा खो जाने जैसा होगा।

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