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बच्चों के कुपोषण संबंधी समस्याएं और उसके कारण
बच्चों में पोषण संबंधी समस्याएं
क्या आपके बच्चे खाना खाने से कतराते हैं। उनका वजन नहीं बढ़ रहा और आपका बच्चा बार-बार बीमार होता हैं, आप इन सबसे परेशान हैं। माता-पिता की इन सभी समस्यायों का कारण बढ़ती उम्र में बच्चों की पोषण संबंधी समस्याएं होना होता हैं। आइये जानते है इसके पीछे क्या कारण होते हैं और इसका क्या समाधान हैं। विश्व बैंक के अनुमान के अनुसार, भारत कुपोषण से पीड़ित बच्चों की संख्या में दुनिया में दूसरे स्थान पर हैपोषण संबंधी समस्याएं
विश्व बैंक के अनुमान के अनुसार, भारत कुपोषण से पीड़ित बच्चों की संख्या में दुनिया में दूसरे स्थान पर है आज की भाग-दौड़ वाली ज़िंदगी में सभी एक दूसरे को पीछे करने में लगे हैं। वो चाहे बच्चे हो या बड़े, सभी इस रेस में लगे हैं। बात जब बच्चों की आती है तो माता-पिता की चिंता और अधिक बढ़ जाती हैं। बढ़ती उम्र में बच्चों में खासतौर पर पोषण संबंधी समस्याएं देखने को मिलती हैं। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि बच्चों में पोषण संबंधी समस्याएं क्यों हो रही है और इनको कैसे दूर किया जा सकता हैं।कुपोषण के संकेतों और लक्षण।
• नए जन्मे बच्चे का कम वजन होना
• विटामिन ए की कमी
• पोषण संबंधी एनीमिया
• आयोडीन की कमी के विकार
• फ्लोरोसिस
• मोटापा
• कार्डियो वस्कुलर आदि।
जब बच्चे बढ़ती उम्र में सही मात्रा में पोषण नहीं लेते है तो उसके नुकसान के तौर पर उनमे कई रोग जैसे रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, अधिक वजन, मोटापा बढ़ना और आयरन की कमी के कारण एनीमिया हो सकता है। कुछ बच्चों को उच्च पोषण प्राप्त नहीं हो पाता और इसके कारण उन्हें निम्न समस्याओं से जुझना पड़ता है –
• पोषण संबंधी विकार
• रक्त कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ना
• दंत रोग
• खून की कमी
• आयरन-डेफिशियेंसी एनीमिया
• हड्डी रोग
• अनाज – गेहूं, चावल, जई, अनाज, जौ
• सब्जियां – गहरे हरे, लाल और नारंगी सब्जियां, फलियां और स्टार्च वाली सब्जियां
• फल – फल ताजा, फ्रोजन या सूखे हो सकते हैं.
• डेयरी – दुग्ध उत्पादों और दूध से बने कई खाद्य पदार्थ
• प्रोटीन – कम वसा या दुबला मीट और पोल्ट्री, मछली, नट, बीज, मटर, और सेम
• ऊर्जा – कार्बोहाइड्रेट और वसा, ग्लूकोज
• कैल्शियम – मजबूत हड्डियों और दांतों के निर्माण में कैल्शियम महत्वपूर्ण है
• आयरन- मांस, मछली, मुर्गी पालन, और समृद्ध ब्रेड और अनाज