सोशल मीडिया पर लागू की गई आचार संहिता : जाने क्या है वजह ?
वोट देने के लिए बनाया गया है एक ख़ास एप्प
लोकसभा चुनाव की पूरी तैयारियाँ हो जाने के बाद कल यानी 10 मार्च को चुनाव कि तारीख़ की भी घोषणा कर दी गई है . ज़ाहिर सी बात है कि सभी पार्टियाँ अपने चुनाव प्रचार को खत्म करने में लगी है . ऐसे में एक प्लेटफार्म सोशल मीडिया भी है जिस पर चुनाव प्रचार के तौर पर कई सारी चीजे शेयर हो रही है जिस पर इलेक्शन कमीशन ने कुछ नियम बनाये है जिन पर खास ध्यान देना होगा. इस बार इलेक्शन कमीशन ने सोशल मीडिया पर भी आचार संहिता भी लागू कर दिया.
जाने क्या है आचार संहिता ?
आचार सहिंता एक्ट के तहत आपको कुछ नियम दिए जाते है जिसमे जो भी उम्मीदवार चुनाव लड़ रहा है उसे चुनाव प्रचार से जुड़े सभी गाइडलाइन दी जाती है कि उन्हें चुनाव प्रक्रिया के समय पर क्या करना है और क्या नहीं .साथ ही उम्मीदवारों को इस नियमों को अपने भाषणों में बल्कि सभी प्रकार के चुनावी प्रचार और यहां तक कि उनके घोषणापत्रों में भी करना होता है. ताकि चुनाव प्रचार के दौरान पार्टियों में किसी तरह का विवाद ना रहे और ईमानदारी के साथ मतदाताओं से मत मांगे.
अब जानते है की आचार सहिंता को कब लागू किया जाता है ?
आपको बता दे की संविधान के आर्टिकल 324 के तहत चुनाव को निष्पक्ष और निर्विवाद करना इस सहिंता का मकसद होता है जिसे लागू करने के बाद अगर कोई नेता या चुनावी उम्मीदवार मतदाताओं को रिश्वत देते हुए या किसी तरह का गलत कार्य करते हुए पकड़े जाते हैं तो उनके खिलाफ चुनाव आयोग कार्रवाई कर सकती है.
आचार सहिंता के यह है कुछ अहम नियम जिनको जानना आपके लिए है बेहद जरुरी ?
1. चुनाव प्रचार के दौरान चुनावी घोषणापत्र में बताए गए वादों को पूरा करना होगा.
2. जो भी सत्ताधारी पार्टी है उन्हें अपनी सभी आधिकारिक दौरे को रद्द करना होगा ताकि वो उस आधिकारिक दौरे में चुनाव प्रचार न करे.
3.इसके अलावा इलेक्शन कमीशन सभी पोलिंग बूथ के बाहर एक ऑब्ज़र्वर बैठाएंगे जिससे अगर को आचार सहिंता के नियम कोई उल्लंघन कर रहा है तो उसकी शिकायत उनके पास की जा सके.
4. जिनके पास अपना वोटर आईडी कार्ड है सिर्फ वही पोलिंग बूथ के अंदर जा सकते हैं.
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5. जो भीपार्टी अपने चुनाव प्रचार के लिए जिस भी क्षेत्र में जायेगा उसे आयोजनकर्ताओं को संपर्क करना होगा ताकि दूसरी पार्टी उस समय पर वह प्रचार न करे ताकि बाद में पार्टियों में आपस क्लैश ना हों और एक दूसरे के विरोध में हिंसा का प्रयोग बिल्कुल भी प्रतिबंधित होगा
इसके अलावा इस बार कमींशन ने दिव्यांगों मतदाताओं के लिए पुख्ता इंतज़ाम किया है ताकि उन्हें वोट परेशानी ना हो. जी हाँ , इस बार इलेक्शन कमीशन ने दिव्यांग मतदाताओं के लिए ऐप तैयार किया है. इलेक्शन कमीशन ने पर्सन विद डिसेब्लिटी (पीडब्ल्यूडी) नाम से भी एक ऐप तैयार किया है. इसमें ऐसे मतदाताओं को पोलिंग बूथ पर कई सुविधाएं दी जाएंगी. ऐप के जरिए पोलिंग बूथ तक वाहन उपलब्ध करवाना, पानी की सुविधा, रैंप की सुविधा, व्हीलचेयर की सुविधा और ब्रेल बैलेट पेपर और ब्रेल वोटर स्लिप की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
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