Divisional Level Divyangjan Diwali Fair: अलीगढ़ में मंडल स्तरीय दिव्यांगजन दीपावली मेला का हुआ आयोजन, ये रही इस मेले के विशेष आकर्षण
इस मेले में हमारे दिव्यांग भाई–बहन और बच्चे, अपने हाथों से बने दिए, लक्ष्मी–गणेश जी की मूर्तियाँ, सजावट का सामान, मिट्टी की मूर्तियाँ, जूट के बने डोर–मैट, मोतियों की माला, चित्रकला, मोमबत्ती, अगरबत्ती, झाड़ू, थैले, भगवान की पोशाक आदि अन्य विशिष्ट सामानों के साथ स्वादिष्ट व्यंजन भी लेकर आ रहे हैं।
Divisional Level Divyangjan Diwali Fair: दिव्यांगजनों के द्वारा हस्त निर्मित उत्कृष्ट उत्पादों प्रदर्शनी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों आयोजन हुआ…
Divisional Level Divyangjan Diwali Fair: अलीगढ़ के दिव्यांगजनों के द्वारा हस्त निर्मित उत्कृष्ट उत्पादों की एक दिवसीय प्रदर्शनी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति हेतु अलीगढ़ में मंडल स्तरीय दिव्यांगजन दीपावली मेला समारोह का आयोजन आज दिनांक 17 अक्टूबर को हुआ।

ये हैं इस मेले के विशेष आकर्षण
इस मेले में हमारे दिव्यांग भाई–बहन और बच्चे, अपने हाथों से बने दिए, लक्ष्मी–गणेश जी की मूर्तियाँ, सजावट का सामान, मिट्टी की मूर्तियाँ, जूट के बने डोर–मैट, मोतियों की माला, चित्रकला, मोमबत्ती, अगरबत्ती, झाड़ू, थैले, भगवान की पोशाक आदि अन्य विशिष्ट सामानों के साथ स्वादिष्ट व्यंजन भी लेकर आ रहे हैं। यह सिर्फ मेला नहीं यह एक प्रेरक मंच है, जहाँ हर मुकाम, हर कला और हर स्वाभिमान की नई पहचान बनेगी।

ये है अलीगढ़ का पुराना मूक बधिर विद्यालय
अलीगढ़ का सबसे पुराना मूक बधिर विद्यालय प्रागनारायण मूक बधिर विद्यालय है। इसका उद्देश्य है मूक‑बधिर बच्चों को शिक्षा देना, विशेष रूप से होंठ‑पठन और पूरी‑संवाद विधियों के जरिये होती है। विद्यालय शुरू में मुफ्त शिक्षा देता था और अभी भी शुल्क नहीं लिया जाता है।
जानिए कब हुई इस विद्यालय कि स्थापना
इसकी स्थापना 1968 में हुई थी। उद्देश्य है मूक‑बधिर (speech & hearing impaired) बच्चों को शिक्षा देना, विशेष रूप से होंठ‑पठन (lip‑reading) और पूरी‑संवाद (total communication) विधियों के जरिये होती है। विद्यालय शुरू में मुफ्त शिक्षा देता था और अभी भी शुल्क नहीं लिया जाता है।

दीवाली ही नहीं यहां अन्य कार्यक्रम भी होते हैं आयोजित
अलिगढ़ के प्रागनारायण मूक बधिर विद्यालय, सासनी गेट के प्रांगण में गांधी जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानाचार्य रामजीलाल मुरसैनिया ने राष्ट्रीय महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्रों पर माल्यार्पण करके उनके जीवन एवं देशहित में किए गए कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया। सभी शिक्षकों एवं प्रशिक्षकों ने दोनों महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेने हेतु आग्रह किया।
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