Sim Block: क्या आपका भी अचानक से बंद हो गया है सिम कार्ड? जानें सरकार ने क्यों लिया ये फैसला, तुरंत करा लें अपने नंबर का वेरिफिकेशन
Sim Block: पिछले कुछ समय से सरकार ने साइबर फ्रॉड और धोखाधड़ी करने वाले लोगों के फोन नंबर ढूंढ-ढूंढकर बंद करने का सिस्टम शुरू किया है। ये सिस्टम एआई यानी आर्टिफिशल इंटेलिजेंस से लैस है। इसके तहत करीब 37 लाख सिम कार्ड ब्लॉक किए जा चुके हैं।
Sim Block: गोरखधंधा चलाने वालों पर सरकार ने कसा शिकंजा, वेस्ट बंगाल में ब्लॉक हुए सबसे ज्यादा नंबर
पिछले कुछ समय से सरकार ने साइबर फ्रॉड और धोखाधड़ी करने वाले लोगों के फोन नंबर ढूंढ-ढूंढकर बंद करने का सिस्टम शुरू किया है। ये सिस्टम एआई यानी आर्टिफिशल इंटेलिजेंस से लैस है। इसके तहत करीब 37 लाख सिम कार्ड ब्लॉक किए जा चुके हैं। दूरसंचार मंत्रालय ने खुद इसी महीने ये आंकड़ा जारी किया है। कहां-कहां पर कितने नंबर बंद किए गए, ये आपको आगे बताएंगे। लेकिन पहले इससे जरूरी मुद्दे पर बात कर लेते हैं।
मुद्दा ये कि साइबर फ्रॉड पर नकेल की कवायद में बहुत से जेनुइन लोगों को भी परेशानी से जूझना पड़ रहा है। उनके मोबाइल सिम अचानक डिस्कनेक्ट हो जा रहे हैं। आजकल के जमाने में मोबाइल फोन लोगों की जिंदगी में कितनी अहमियत रखता है, ये हमें बताने की जरूरत नहीं है। आप समझ सकते हैं कि अचानक फोन नंबर ब्लॉक हो जाए तो किसी को कैसी कैसी परेशानियां हो सकती है।
होम मिनिस्ट्री ने लिखा लेटर Sim Block
आपको बता दें कि दूरसंचार विभाग के पास पिछले कुछ समय से ऐसी शिकायतों आ रहीं हैं, जिनमें लोग दावा कर रहे हैं कि बिना किसी सूचना के उनके जेनुइन मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिए गए हैं। ये शिकायतें इतनी ज्यादा संख्या में आ रही हैं कि सरकार को खुद दखल देना पड़ा है। होम मिनिस्ट्री ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के डीजीपी और पुलिस कमिश्नरों को इस मामले को लेकर लेटर लिखा है।
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सिम कार्ड ब्लॉक करने का बना सिस्टम Sim Block
होम मिनिस्ट्री ने लेटर में कहा है कि साइबर क्राइम के शक में फोन नंबरों को ब्लॉक करने से पहले री-वेरिफिकेशन के निर्देशों का पालन जरूर किया जाए। एसपी या डीसीपी स्तर के अधिकारियों से उसे सर्टिफाई कराया जाए। सरकार ने साइबर क्राइम से लोगों को बचाने के लिए सिम कार्ड ब्लॉक करने का सिस्टम बनाया है। फर्जी पहचान पर हासिल किए गए फोन नंबरों को बंद किया जा रहा है। इससे बहुत से लोगों की गाढ़ी कमाई ठगों की जेब में जाने से बचाने में मदद मिल रही है।
तुरंत करा लें वेरिफिकेशन Sim Block
अगर आप भी किसी ऐसे सिम कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं जो किसी और के नाम पर है या आपको पता ही नहीं है कि वह सिम कार्ड किसके नाम पर है तो वह सिम किसी भी वक्त बंद हो सकता है। इससे बचने के लिए सरकार ने कोई सटीक रास्ता तो नहीं बताया है लेकिन हम आपको सुझाव देंगे कि आप अपने सिम कार्ड को वेरिफाई कराएं या फिर केवाईसी कराएं। इसके लिए आपको अपने सिम की कंपनी के किसी नजदीकी स्टोर पर जाना होगा और आईडी प्रूफ देकर वेरिफिकेशन कराना होगा। यदि आपके नाम पर सिम नहीं है तो उसे अपने नाम पर जरूर कराएं, नहीं तो किसी भी वक्त सिम बंद हो जाएगा।
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गोरखधंधा चलाने वालों पर सरकार ने कसा शिकंजा Sim Block
आपको बता दें कि लोगों की पहचान चुराकर गोरखधंधा चलाने वालों पर सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। सूत्र बताते हैं कि सिम डिसकनेक्शन की रिक्वेस्ट डिस्ट्रिक्ट लेवल पर तैयार होती है। हर जिले में सैकड़ों मामले आते हैं। तमाम एजेंसियां इस काम में लगी होती हैं। जांच अधिकारी के लिए हर नंबर की बारीकी से छानबीन करना आसान नहीं होता। ऐसे में वह आईडी, एड्रेस प्रूफ या फोटो के आधार पर सिम नंबरों का डाटा निकालता है और कभी-कभार लिस्ट में दिख रहे सभी नंबरों को ब्लॉक करने की रिक्वेस्ट कर देता है।
वेस्ट बंगाल में ब्लॉक हुए सबसे ज्यादा नंबर Sim Block
जानकारी के लिए बता दें कि फर्जी सिम कार्ड की पहचान के लिए सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस सिस्टम बनाया है। जिसे ASTR नाम दिया गया है। इसकी मदद से अब तक 40.86 लाख से ज्यादा संदिग्ध सिम कार्डों का पता लगाया जा चुका है। इनमें से 36.61 लाख सिम कार्ड ब्लॉक कर दिए गए हैं। जिन राज्यों में सबसे ज्यादा नंबर ब्लॉक हुए उनमें पश्चिम बंगाल नंबर वन पर है। वहां पर 12.34 लाख सिम बंद किए गए। हरियाणा में 5.24 लाख सिम बंद हुए। बिहार-झारखंड में 3.27 लाख, मध्य प्रदेश में 2.28 लाख और पूर्वी उत्तर प्रदेश 2 लाख से अधिक सिम डिस्कनेक्ट किए जा चुके हैं।
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