हिंदी-न्यूज़
- लाइफस्टाइल
Winter Weekends : विंटर वेकेशन यह जगहें है बेस्ट
यह है 4 बेस्ट हिल्ल स्टेशनस जहाँ जा सकते है आप विंटर वेकेशन के लिए सर्दी तो दिन पर दिन बढ़ती…
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क्या साराअली खान दे रही है जाह्नवी कपूर को टक्कर ?
साराअली खान की फिल्म ने कर ली है अब तक इतनी कमाई इस साल बॉलीवुड में काफी डेब्यू हुए है. …
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जाने क्यों हर साल मनाई जाती है गीता जयंती ?
क्या महत्व है भगवत गीता का ? गीता जयंती जो की हर साल दिसंबर में मनाई जाती है. यह जयंती…
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विजय दिवस 2018: आखिर क्यों मनाया जाता है यह दिवस?
यहाँ जाने की कैसे भारत ने पाकिस्तान पर पाई थी विजय? विजय दिवस एक ऐसा दिन है जिसे कोई भी…
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अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस 2018
यहाँ जाने चाय के इतिहास के बारे में क्यों सभी चाय के दीवाने है? आज कोई भी ऐसा इंसान नहीं…
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आरबीआई के नए गवर्नर शक्तिकांत दास के करियर से जुड़ी यह है कुछ ख़ास बातें:
शक्तिकांत दास बने नए आरबीआई गवर्नर जहाँ एक तरफ विधान सभा का इलेक्शन रिजल्ट आना बाकी है तो वही दूसरी…
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यह है 6 ऐसे स्वच्छ देश जिसकी खूबसूरती मोह लेगी आपका मन
जाने 6 ऐसे देशो के बारे में जो स्वच्छता पर देते है ख़ास ध्यान भारत को स्वच्छ रखने का जो…
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अगर आपके पॉकेट में है बस 1000 रूपए , तो आप घूम सकते है यहाँ
सिर्फ 1000 रूपए में आप घूम सकते है पूरी दिल्ली भागदौड़ की जिंदगी में आप कभी अपने आस पास की…
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किसानों की यात्रा हुई खत्म : सरकार ने की सभी मांगें की ख़ारिज
जाने की आखिर क्या है किसानो की मांग? दिल्ली में हो रही किसान आंदोलन की पदयात्रा आखिर खत्म हुई. सभी किसानो ने चौधरी चरण सिंह की समाधि पर फूल चढ़कर इस यात्रा को ख़त्म किया.अपनी मागो को पूरा करने के लिए किसानों ने 23 सितंबर को हरिद्वार से 200 किलोमीटर से ज्यादा लंबी ये पदयात्रा शुरू की थी. सैकड़ों ट्रैक्टरों में सवार होकर आए किसानों की इस आंदोलन में कुछ महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल हुए. साथ ही वही दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए तीन हजार से ज्यादा कर्मियों को तैनात किया ताकि जल्द इस क्रांति को रोका जाए. वही दूसरी और किसानों के प्रदर्शन के चलते आज यानि 3 अक्टूबर को गाजियाबाद में स्कूलकॉलेज भी बंद रखे गए हैं. ताकि इस किसान आंदोलन से बाकी लोगो को मुश्किलें न हो. वही किसानो के द्वारा शुरू की गयी इस क्रांति से सरकार ने किसानों की कुछ मांगें मानने पर सहमति जताई थी और कुछ के लिए समय मांगा था लेकिन किसानो ने सरकार की बात न माने के साथ इस आंदोलन को जारी रखा यहाँ जाने किसानो की मांग को क्यों किया गया ख़ारिज: 1 . किसानो की मांग थी की उनके सभी क़र्ज़ को माफ़ कर दिया जाए 2 . सिंचाई के लिए सस्ती बिजली और बकाया गन्ने की फसल का भुगतान करने की मांग मांगी 3 . 60 साल से ऊपर के किसानो को पेंशन दी जाए तो यह है जरुरी तीन मांगे जो किसानो ने सरकार से माँग की थी जिसे सरकार ने ख़ारिज कर दिया है. तो वही इस आंदोलन काफयदा विपक्ष ने बखूबी उठाया है. यह कहकर की विश्व अहिंसा दिवस पर BJP का दोवर्षीय गांधी जयंती समारोह शांतिपूर्वकदिल्ली आ रहे किसानों की बर्बर पिटाई से शुरू हुआ।लेकिन देखना यह है की सरकार किसान को शांत करने के लिए जल्द उनकीसभी माँगो को पूरा करता है? Have a…
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आज गाँधी जयंती के साथ स्वच्छ भारत अभियान को हुए 4 साल
जाने स्वच्छ भारत अभियान से जुड़ी कुछ अहम बातें आज यानि 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती है. इस दिन महात्मा गाँधी का जन्म हुआ…
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