Virat Kholi: रायपुर में विराट-रोहित का प्रदर्शन कैसा रहा? दूसरे ODI से पहले देखें हर बड़ा आंकड़ा
Virat Kholi, भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच जारी वनडे सीरीज का दूसरा मुकाबला बुधवार को खेला जाना है। पहले मैच में मिली रोमांचक जीत के बाद टीम इंडिया की कोशिश अब रायपुर में सीरीज अपने नाम करने की होगी।
Virat Kholi : दूसरे ODI से पहले रायपुर में विराट और रोहित की बैटिंग रिकॉर्ड एनालिसिस
Virat Kholi, भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच जारी वनडे सीरीज का दूसरा मुकाबला बुधवार को खेला जाना है। पहले मैच में मिली रोमांचक जीत के बाद टीम इंडिया की कोशिश अब रायपुर में सीरीज अपने नाम करने की होगी। हालांकि ड्रेसिंग रूम के माहौल को लेकर मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म्स पर चल रही खबरों ने टीम प्रबंधन की परेशानी बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि मुख्य कोच गौतम गंभीर और वरिष्ठ खिलाड़ियों विराट कोहली व रोहित शर्मा के बीच तालमेल को लेकर कुछ मुद्दे सामने आए हैं। इन सबके बीच भारत की जीत की उम्मीदें फिर से इन्हीं दो दिग्गज बल्लेबाजों पर टिकी होंगी, जिन्होंने रांची में जीत की नींव रखी थी।
विराट-रोहित की प्रचंड फॉर्म से मिली बढ़त
पहले वनडे में विराट कोहली ने अपने करियर का 52वां वनडे शतक जड़ते हुए एक बार फिर अपनी क्लास का सबूत दिया। उनका शतक न केवल भारत को बड़े स्कोर तक पहुंचाने में अहम था, बल्कि मुश्किल परिस्थितियों में उन्होंने जिस तरह टीम को संभाला, उसने आलोचकों को भी शांत कर दिया। वहीं रोहित शर्मा ने 57 रन की दमदार और आक्रामक पारी खेलकर शुरुआत में तेज गति से रन जोड़े। दोनों बल्लेबाजों ने रांची में साबित कर दिया कि महत्वपूर्ण मौकों पर अब भी भारतीय टीम का सबसे मजबूत स्तंभ वही हैं। वनडे विश्व कप 2027 में अभी दो साल का समय है, लेकिन कोहली और रोहित जानते हैं कि हर मैच उनके भविष्य को प्रभावित कर सकता है। फिटनेस, फॉर्म और निरंतरता—ये तीन पहलू चयनकर्ताओं की नजर में हमेशा प्रमुख रहते हैं। ऐसे में हर बड़ी पारी उनके वनडे करियर को और मजबूत बनाती जा रही है।
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कोच गंभीर से बढ़ते मतभेद—क्या है असल तस्वीर?
रांची मैच के बाद सबसे ज्यादा चर्चा कोच गौतम गंभीर और सीनियर खिलाड़ियों के संबंधों पर रही। खबरें सामने आईं कि टीम संयोजन, बल्लेबाजी क्रम और तैयारियों को लेकर विचारों में मतभेद बढ़ रहे हैं। चयन समिति के प्रमुख अजित अगरकर ने भी विश्व कप 2027 में रोहित-विराट की भागीदारी पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है। इससे भी यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि टीम मैनेजमेंट के भीतर कुछ अहम मुद्दों पर सहमति नहीं बन पा रही है।हालांकि बीसीसीआई इस मामले में अब तक चुप्पी साधे हुए है, लेकिन माना जा रहा है कि बोर्ड को किसी न किसी स्तर पर दखल देना ही पड़ेगा ताकि विवाद बढ़ने से पहले हालात संभाले जा सकें।
रोहित-विराट की विश्वसनीयता—टीम को मिल रहा आत्मविश्वास
पिछले दो वनडे मुकाबलों में भारत की जीत की मूल वजह रोहित और कोहली की शानदार बल्लेबाजी ही रही है। सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे में रोहित शर्मा ने बेहतरीन पारी खेलते हुए भारत को 9 विकेट से जीत दिलाई थी। उसके बाद रांची मैच में विराट और रोहित ने मिलकर फॉर्म का ऐसा प्रदर्शन किया कि विरोधी गेंदबाजों को मुकाबले में कोई मौका नहीं मिला। ऐसा प्रदर्शन न केवल टीम के भीतर भरोसा बढ़ाता है बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनता है।
मध्यक्रम की समस्याएँ बनीं चुनौती
भारत ने पहले वनडे में बल्लेबाजी क्रम में कई प्रयोग किए, लेकिन उनमें से ज्यादातर सफल नहीं रहे। सबसे बड़ी चिंता रही ऋतुराज गायकवाड़, जिन्हें पहली बार चौथे नंबर पर भेजा गया। लिस्ट ए क्रिकेट में उत्कृष्ट प्रदर्शन के बावजूद वह इस पोजिशन पर सहज नहीं दिखे। उनका समय से पहले आउट हो जाना टीम की योजनाओं के लिए झटका था। इसके बाद कार्यवाहक कप्तान केएल राहुल छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए, जबकि सामान्यतः वह टॉप ऑर्डर में ही खेलते हैं। यह बदलाव टीम रणनीति का हिस्सा था, पर इससे मध्यक्रम किसी भी तरह स्थिर नहीं दिखा। वॉशिंगटन सुंदर का मामला भी ऐसा ही रहा। भारतीय टीम अक्सर उन्हें अलग-अलग पोजिशन पर भेजकर प्रयोग करती रहती है। कोलकाता टेस्ट में उन्हें तीसरे नंबर पर बैटिंग कराई गई, वहीं पहले वनडे में वह पांचवें नंबर पर आए लेकिन बड़ी पारी नहीं खेल सके।
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गेंदबाजी में भी प्रयोग जारी
पहले मैच में भारत की गेंदबाजी ठीक-ठाक रही, लेकिन कुछ फैसलों ने आश्चर्य जरूर पैदा किया।
वॉशिंगटन सुंदर ने सिर्फ तीन ओवर गेंदबाजी की और 18 रन खर्च कर दिए। उन्हें गेंद ज्यादा क्यों नहीं मिली, इससे संबंधित सवाल मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी उठे। पेस अटैक भी कुछ क्षणों में बिखरा हुआ दिखा, हालांकि महत्वपूर्ण मौकों पर गेंदबाजों ने वापसी की। दूसरे मैच में भारत बॉलिंग यूनिट में हल्का बदलाव कर सकता है, खासकर डेथ ओवर्स में नियंत्रण बढ़ाने के लिए।
दूसरे ODI में भारत की रणनीति—क्या होगा फोकस?
- ओपनिंग और टॉप ऑर्डर को फिर बड़ी साझेदारी करनी होगी
- मध्यक्रम में स्थिरता लानी होगी
- गेंदबाजों को परफेक्ट प्लानिंग के साथ उतरना होगा
- टीम माहौल को लेकर चल रही अटकलों में कोच और सीनियर खिलाड़ियों की बॉडी लैंग्वेज पर सबकी नज़र रहेगी
दूसरा मैच भारत के लिए सिर्फ सीरीज जीतने का मौका ही नहीं बल्कि ड्रेसिंग रूम में चल रही चर्चाओं को शांत करने का मौका भी है। अगर विराट और रोहित फिर एक बार चमकते हैं, तो यह जीत टीम माहौल को भी सकारात्मक दिशा में ले जाएगी।
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